केन्द्रीय राज्यमंत्री ने मैसर्स Sahara Frozen Food का किया उद्घाटन

राज्य सरकार द्वारा दी 10 करोड़ रूपये की सब्सिडी...

केन्द्रीय राज्यमंत्री ने मैसर्स सहारा फ्रोजन फूड का किया उद्घाटन

मुरैना। केन्द्रीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित करने, उनका सहयोग एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिये ऐसी नीतियां बनाई है। देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापनाओं के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का जाल फैलाया जायेगा। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस इंडस्ट्रीज को 10 करोड़ रूपये की सब्सिडी उपलब्ध करायी गई है। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल रविवार को रिठौराकलां मार्ग पर ग्राम बड़वारी में क्रांम्पटन ग्रीव्स फैक्ट्री के पास स्थापित सहारा फ्रोजन फूड कंपनी का उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि बतौर संबोधित कर रहे थे। 

उद्घाटन समारोह में प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रोद्यौगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह अतिथियों के रूप में उपस्थित होने वाले थे, किन्तु दोनों मंत्री अपरिहार्य कारणों से समारोह में नहीं पहुंच सके। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुये केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि सहारा फ्रोजन फूड्स खाद्य पदार्थो में दो तरह के वैक्टीरिया या कीटाणु को एक निश्चित डिग्री टेम्प्रेचर पर गर्म करने एवं ठंडा करने पर नष्ट हो जाते है। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्रीज से खाद्य पदार्थो को हाईजेनिक तरीके से फ्रोजन किया जाता है। 

पूरे हिन्दुस्तान में इस तरह के लगभग 353 प्रोजेक्ट लगे हुये है, जिसमें से 230 प्रोजेक्ट कम्पलीट हो चुके है। 123 प्रोजेक्ट अंडर प्रोसेस है। मध्यप्रदेश में इस तरह के 12 प्रोजेक्ट लगे हुये है, जिसमें 6 कम्पलीट हो चुके है और 6 पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि मैसर्स सहारा फ्रोजन फूड ग्वालियर-चंबल संभाग का एक मात्र प्रोजेक्ट है। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष के साथ कहा जा सकता है कि केवल मध्यप्रदेश में यही एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसने भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से अधिकतम सब्सिडी जो कि 10 करोड़ रूपये होती है, प्राप्त की है। 

हमे यह बताने में गर्व हो रहा है कि इस इंडस्ट्रीज का निर्माण भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की तकनीकी गाइडलाइन के 100 प्रतिशत पालन के साथ हुआ है। यही कारण है कि भारत सरकार ने भी इस इंडस्ट्रीज को 100 प्रतिशत सब्सिडी यानी 10 करोड़ रूपये प्रदान की है। इस इंडस्ट्रीज में मटर, मक्के का दाना, भिंडी, अनार, अमरूद, गाजर, फली, पपीता, अनानस आदि की प्रोसेसिंग होगी। कंपनी के प्रवर्तक कमलकिशोर शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुये कहा कि हमारी इंडस्ट्रीज के द्वारा लगभग 150 लोगों को डायरेक्ट रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। तथा इस इंडस्ट्रीज से लगभग 2 हजार लोगों को इनडायरेक्ट रूप से जैसे फोलसेलर, रिटेलर, ट्रान्सपोटर, कमीशन एजेन्ट आदि के रूप में रोजगार उपलब्ध होगा।

इस इंडस्ट्रीज की उत्पादन क्षमता 4 हजार किलो खाद्य पदार्थ प्रति घंटा की है। हमारी इंडस्ट्रीज के पास 4 हजार मैट्रिक टन के कोल्ड स्टोरोज जोकि 20 डिग्री टेम्प्रेचर के उपलब्ध है। जिसे जरूरत के हिसाब से 6 भागों में रखा गया है। माइनस 20 डिग्री के 4 हजार एमटी क्षमता के कोल्ड स्टोरेज भी ग्वालियर अंचल में नहीं है। तथा मध्यप्रदेश में न के बराबर है। इस इंडस्ट्रीज का लाभ अंचल के किसानों को भी प्राप्त होगा। पहले अंचल के किसानों को अपनी फसल जैसे मटर, गाजर, गोभी, फली, पपीता, अमरूद आदि की पैदावार हो, बेचने के लिये बाहर व्यापारियों पर निर्भर रहना होता था। जिससे अपनी फसल के उचित दाम नहीं मिल पाते थे। 

इस इंडस्ट्रीज के द्वारा किसानों को फसल बेचने के लिये बाहर के व्यापारियों पर निर्भरता खत्म हुयी है। अपने उत्पादन को वह हमारी इंडस्ट्रीज को उचित दामों में बेच सकते है। किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हमने तकनीकी विशेषज्ञ की टीम को बनाया है। जिसमें कृषि विभाग के रिटायर अधिकारी, कर्मचारी शामिल है। ये गांवों में जाकर किसानों को उपरोक्त फसलों की उन्नत किस्म के बीज व फसल को उगाने के नये-नये तरीके बताते है। उन्होंने कहा कि अंचल के काफी किसानों को इन्होंने मटर की पैदावार के लिये प्रोत्साहित किया है। जिससे किसान अपने खेतों में इस फसल को पैदा करेंगे और परंपरागत फसलों की तुलना में उनको अधिक प्राप्त होगा।

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