Editorial : मोदी है तो मुमकिन है...

एक अंधेरी सुरंग के दूसरे सिरे पर आशा की किरण

मोदी है तो मुमकिन है...

अफगानिस्तान के पूरे घटनाक्रम से क्या आपको एक अंधेरी सुरंग के दूसरे सिरे पर आशा की किरण दिखती है ? गौर करिये, जिस समय काबुल में अफरा तफरी मच गई थी,तालिबानी किशोर लड़ाके मोटर साइकिल और स्कूटर पर सवार होकर काबुल में दाखिल हो रहे थे, वहां का पुलिस बल तालिबानी किशोरों के हाथ अपने हथियार सौप रहा था,राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया जा रहा था,राष्ट्रपति अशरफ गनी, उपराष्ट्रपति सालेह अपने करीबियों के साथ वेश बदलकर छिपकर एक अनजान फ्लाइट से देश छोड़ रहे थे उस समय एयर इंडिया की एक सामान्य वाणिज्यिक फ्लाइट,काबुल एयरपोर्ट की वायुसीमा में, एयरपोर्ट पर उतरने के लिए एक घण्टे से चक्कर लगा रही थी। याद रखिये "एक सिविलियन फ्लाइट"। 

जबकि भारतीय सीमा में वायुसेना के सी-17 ग्लोब मास्टर का फ्लीट सॉफ्ट स्टार्ट अवस्था में तैयार खड़ा था, आप समझिए,जिस समय दुबई यूएई जैसे क़ई मित्र मुस्लिम देशों ने काबुल एयरपोर्ट में तालिबानी कब्जे के बाद अपनी फ्लाइट सस्पेंड कर दिये है, अमेरिका फ्रांस ब्रिटेन जैसे देशों के विमान आज सुबह से काबुल एयरपोर्ट के आसपास भी नजर नही आ रहे ऐसे समय  एयर इंडिया का विमान काबुल एयरपोर्ट के ऊपर एक घण्टे तक मंडराता रहा जिस समय काबुल एयरपोर्ट में तालिबानी अधिकारी तैनात हो रहे थे। एक घण्टे के बाद विमान को उतरने की अनुमति मिली और विमान के उतरते ही तत्काल उसमें ईंधन भरा गया। ईंधन भरने के बाद भारत आने वाले यात्रियों की  पूरी जांच पड़ताल व पहचान पूरी की गई जिसके बाद 129 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विमान दिल्ली आ गया।इसके साथ ही एयर इंडिया का बयान आया है कि वह अफगानिस्तान के लिए अपनी नियमित उड़ान जारी रखेगी। 

भारत आज पहला और एकमात्र देश है जो अपने देशवासियों को लेकर अफगान से सबसे पहले बाहर निकला है।चुनौतियों से जूझने और अपने लिए निर्णायक रास्ता निकाल लेने का जो साहस विश्व की महाशक्ति समर्थित गुट द्वारा दी गयी 20 साल की ट्रेनिंग और 83 बिलियन डॉलर के खर्च के बाद भी अफगानी सेना, पुलिस या वहाँ के राजनीतिग्यो में नही आ पाया वह साहस हिंदुस्तान के सामान्य कमर्शियल पायलट और विमान कर्मचारियो में था। उनमें जोश था और मिशन को पूरा करने का जुनून भी। तालीबान को यह मालूम भी है कि उसे नए भारत के साथ कैसे पेश आना है। नये भारत की असर्टिव डिप्लोमेसी के चलते नए भारत के जोशीले योद्धाओ की पंक्ति में आ खड़े हुए इन सदस्यो का स्वागत करिये, जोश बढाइये। और फिर कहिये कि मोदी हैं तो मुमकिन है !

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