CMHO ने डेंगू निरोधक रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

डेंगू से बचाव के लिये…

CMHO ने डेंगू निरोधक रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

मुरैना। राष्ट्रीय वैक्टर जनित कार्यक्रम के अन्तर्गत डेंगू, चिकिनगुनिया निरोधक माह जुलाई 2021 के प्रचार-प्रसार के लिये मुरैना जिले में डेंगू निरोधक रथ को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एडी शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. हरिओम सिंह, जिला कार्यकम प्रबंधक एसपी श्रीवास्तव, डॉ अनुभा माहेश्वरी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अल्पना सक्सैना, एपिडिमियोलोजिस्ट एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एडी शर्मा ने बताया कि डेंगू निरोधक स्थ शहर के सभी प्रमुख स्थानों, बाजारों एवं चौराहों में भ्रमण कर डेंगू से बचाव के लिये माईकिंग एवं पेम्पलेट वितरण के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसकी रोकथाम के लिये नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमो द्वारा लार्वा सर्वे एवं दवा छिड़काव का कार्य कराया जा रहा है। जल भराव वाले स्थानों में टेमीफास एवं बीटीआई पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। रथ के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर मच्छरो के लार्वा के उत्पति स्थल एवं डेंगू से बचाव के सामान्य तरीके की जानकारी से भी अवगत कराया जावेगा। 

डेंगू बुखार ऐडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलाया जाने वाला बुखार है, जो डेन नामक वायरस के कारण होता है। डेंगू बुखार के लक्षण - संक्रमित मच्छर के काटने से 5-6 दिन बाद प्रगट होता है, इसमें तेज बुखार के साथ, सिर दर्द, ऑखों के पीछे दर्द, मॉसपेषियों में दर्द, घबराहट, उल्टी एवं चक्कर आना आदि लक्षण होते है, जबकि हेमोरेजिक डेंगूमें शरीर पर चकत्ते आ जाते है, नाक, मसुडो आदि से खून का रिसाव भी शुरू हो जाता है ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति को तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र ले जाना चाहिए। 

डेंगू से बचाव के लिए घर में एवं घर के आसपास साफ पानी तीन चार दिन से ज्यादा जमा नही होने दे, विशेष तौर पर कूलर की टंकी एवं सीमेंट की टंकी, फीज के पीछे जमा पानी एवं सकोरे, टूटे फूटे पात्रो मे जमा पानी समय-समय पर खाली कर दे एवं कुछ समय पश्चात ही पानी भरें। यदि किसी स्थान का जमा पानी खाली नही किया जा सकता तो उस स्थान पर जला हुआ तेल या मिटटी का तेल या कोई भी अन्य तेल का छिडकाव किया जाकर मच्छरो की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। और डेंगू, चिकिनगुनिया की बीमारियों से स्वंय को अपने परिवार को सुरक्षित रखा जावें।

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