विधायक श्री पाठक ने कोविड प्रभारी मंत्री को लिखा पत्र

आंकड़ों में गड़बड़ी एवं चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर…

विधायक श्री पाठक ने कोविड प्रभारी मंत्री को लिखा पत्र

ग्वालियर। कोविड-19 से  संक्रमित लोगों एवं इससे होने वाली मौतों के आंकड़ों में गड़बड़ी को लेकर ग्वालियर दक्षिण से कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रवीण पाठक ने ग्वालियर जिले के कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को पत्र लिखकर  निवेदन किया है कि ग्वालियर में अधिक से अधिक संख्या में कोरोना का टेस्ट करवाएं और  संक्रमित व्यक्तियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएं…

मंत्री जी को लिखे पत्र में विधायक श्री पाठक ने कहां -

“हम बात करें दलीलों से तो भी रद्द होती है,

उनकी होठों की खामोशी भी सनद होती है” 

आप ऐसे तो न थे, प्रद्युम्न भाईसाहब

माननीय मंत्री ,

आपसे तो ये उम्मीद क़तई नहीं है। आप हमारी सरकार में भी मंत्री थे और अब इस सरकार में भी मंत्री हैं सरकार आएँगी -जाएँगी, अधिकारी आएँगे-जाएँगे मगर हमको और आपको यहीं रहना है, इसी शहर में इसी जनता के बीच और इसी घिनोने सच के साथ कि कठिन समय  पर सिर्फ़ अपने कुप्रबंधन के चलते प्रशासन और सरकार ग्वालियर के हज़ारों लोगों की जान नहीं बचा पाए। हम सार्वजनिक जीवन में राजनीति करने, अपने स्वार्थों के लिए सरकार गिराने और बनाने के लिए नहीं आये हैं, हम सार्वजनिक जीवन में आम जन की मदद करने के लिए हैं, उनका सहयोग करने के लिए हैं , उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कठिन समय में चलने के लिए आए हैं।

आपसे अनुरोध है कि बड़े अधिकारियों के पक्ष में खड़े रहने की बजाए अगर आप जनता के हित में खड़े रहेंगे तो मैं और हमारे ग्वालियर की पूरी जनता आपके प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगी । जो लोग मौत के खेल में शामिल हैं, मंत्री जी ये समय उनके सामने झुकने का नहीं है उनके पैर छू कर सम्मान देने का नहीं है, ये समय उनके पैर ग्वालियर की जमीं से उखाड़ फेंकने का है इन सफ़ेदपोष लोगों को सजा देने का है जिन्होंने हमारे परिवारों के कई लोगों की जान ले ली।

आप बहुत अनुभवी हैं, आपसे जीवन में कई सकारात्मक गुण भी सीखे हैं, पर वर्तमान में आपकी सुस्त एवं सख़्त निर्णय न लेने की कार्यप्रणाली से मन दुखी होता है ।

आपके संघर्ष को युवक कांग्रेस  के समय से देखा है और आप उस समय जुझारू थे लेकिन इस समय आप खुद जूझ रहे हैं, एक झूठ से और ये शहर शर्मिंदा तब होता है जब आप उस झूठ को साहस के साथ बोलते हैं। जब इस शहर में ऑक्सीजन की कमी से लोग तड़पकर मर रहे थे, तब आपने कहा कि ऑक्सीजन पर्याप्त है। 

जब अस्पताल में बेड नहीं थे, लोग फुटपाथ पर और एम्बुलेंस में दम तोड़ रहे थे, तब भी आपने कहा कि अस्पताल में सब कुछ पर्याप्त है। जब रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी आई और ब्लैक मार्केटिंग शुरू हुई तब भी आपने कहा सब पर्याप्त है। अब अचानक रिपोर्ट कम करके, आंकड़े दबाकर आप कोरोना को नकार रहे हैं लेकिन जिनके अपने इस दुनिया से जा रहे हैं, उनसे पूछिये कि क्या हालात हैं। मैं आपसे एक बात जानना चाहता हूं कि,आप ऐसे तो न थे बड़े भाईसाहब!! 

आख़िर ऐसी क्या मजबूरी है कि नकारा अधिकारियों के पक्ष में भी आपको खड़ा होना पड़ रहा है। पुनः निवेदन है कि कोविड के इस विकराल दौर में टेस्टिंग बढ़ाइए न कि आंकड़े दबाइये। ये समय सच सामने लाने का है जिससे लोगों की जान बच सके न की सच को छुपा कर राजनीति करने का।

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