आरटीओ को निलंबित करने से कुछ नहीं होगा…
माकपा के नेताओं ने घटना से उपजे सवालों को शासन प्रशासन के समक्ष उठाया
ग्वालियर। मंगलवार सुबह गंगा मालनपुर के समीप घटी दर्दनाक सडक दुर्घटना और 13 मौतों नेे हम सबको झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के उपजे कुछ सवाल हैं जिन्हे आपके समक्ष रखना चाहतें है।
- 1. आगंनवाडी के लिए पोषण आहार बनाने के लिए ये महिलाएं बुलाई गई थी, तो क्या ये महिलाएं स्वसहायता समूह के थीं ?
- 2. नियमतः स्वसहायता समूह द्वारा पोषण आहार का काम कराया जाता है तो फिर ठेकेदार से आखिर क्यों पोषण आहार का काम करवाया जा रहा है।
- 3. अगर ठेकेदार द्वारा भी महिलाएं बुलाई गई तो ‘‘वर्कमैन कंपन्सेशन एक्ट‘‘ के तहत महिलाओं को मुआवजा मिलना चाहिये, इस बात की भी जांच कराई जानी चाहिये कि ठेकेदार इन्हे मजदूरी के कितने पैसे देता था ?
- 4. 04 लाख का मुआवजा नाकाफी है, इसलिए माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सभी मृतकों के आश्रितों को कम से कम 10-10 लाख रूपये देने की मांग करती है।
- 5. केवल आरटीओ को निलंबित करने के कुछ नहीं होगा, खाना बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिये या जानबुझ कर ठेकेदार को बचाया जा रहा है ?
- 6. सवाल यह भी है कि खाना प्रतिदिन बनता है तो फिर खाना बनाने के लिए स्थाई मजदूर क्यों नहीं रखे गये थे।
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए अरोप लगाया है कि ग्वालियर ही नहीं पूरे प्रदेश के पोषण आहार पर भाजपा से जुडे लोगों ने कब्जा कर रखा है और एक तरफ गरीब मजदूर महिलाओं का शोषण हो रहा है और आंगनबाडी केन्द्रों पर बंटने वाला भोजन भी निम्न गुणवत्ता का दिया जा रहा है। इस सबंध में 24 मार्च को माकपा का एक प्रतिनिधी मंडल जिला कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा।
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