BSF अकादमी टेकनपुर में 15वीं अंतर सीमांत कमाण्डो प्रतियोगिता हुई शुरू

विभिन्न फ्रंटियर टीमों में शामिल कमाण्डोज कर रहे हैं अपने शौर्य का प्रदर्शन…

BSF अकादमी टेकनपुर में 15वीं अंतर सीमांत कमाण्डो प्रतियोगिता हुई शुरू 

ग्वालियर। टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में मंगलवार को 15वीं “अंतर सीमांत कमाण्डो प्रतियोगिता-2021” शुरू हुई। महानिरीक्षक एवं अकादमी के संयुक्त निदेशक श्री रामअवतार ने प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। यह प्रतियोगिता 20 मार्च तक चलेगी। प्रतियोगिता में सीमा सुरक्षा बल के विभिन्न फ्रंटियरों की 10 टीमों में शामिल कुल 220 कमाण्डोज भाग ले रहे हैं। चार चरणों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता के प्रथम चरण में ब्रीफिंग, दूसरे चरण में कॉन्फीडेंस कोर्स, तीसरे चरण में फायरिंग और अंतिम चरण में स्मॉल टीम ऑपरेशन जैसी गतिविधियाँ होंगीं। 

प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर संयुक्त निदेशक श्री रामअवतार ने बताया कि इस स्पर्धा में कमाण्डोज की शारीरिक, मानसिक एवं निशानेबाजी में दक्षता, दबाव और तनाव सहने की क्षमता सहित मुश्किल हालातों में टीम भावना के साथ लक्ष्य कैसे हासिल किए जाएं इन सभी दक्षताओं को परखा जायेगा। प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर जवानों को पूर्ण ईमानदारी, निष्ठा और खेल भावना एवं नियमों का पालन करते हुए अपना सर्वोच्च प्रदर्शन करने की शपथ भी दिलाई गई। 

प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न कमाण्डो विधाओं मसलन ऑब्सटेकल, क्रॉसिंग, रिफलेक्स शूटिंग व ऑपरेशन की तैयारी से संबंधित बारीकियाँ बताई जायेंगीं। साथ ही छोटी-छोटी टीम के जरिए आतंकवादियों और नक्सलवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की कार्रवाई को भी परखा जायेगा। कमाण्डोज अपने विवेक और कौशल का प्रदर्शन कर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर रास्ते में आने वाली बाधाओं को पार करते हुए दुश्मन पर धावा बोलकर उसे कैसे नेस्तनाबूत करते हैं इन सबका व्यवहारिक प्रशिक्षण इस प्रतिस्पर्धा के माध्यम से दिया जायेगा। 

इस प्रकार के प्रशिक्षण आतंकवाद पर फतह पाने में कारगर साबित होते हैं। वर्तमान में पूरा विश्व आतंकवाद से प्रभावित है। ऐसे में भारत के सुरक्षा बल आतंकवाद के साथ-साथ नक्सलवाद की समस्याओं से भी जंग लड़ रहे हैं। सुरक्षा बलों को शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल द्वारा यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। देश की प्रथम रक्षा पंक्ति होने की वजह से सीमा सुरक्षा बल देश के सबसे कठिनतम एवं चुनौतीपूर्ण इलाके में तैनात रहता है। इनमें पाकिस्तान व बांगलादेश सीमा, अन्य देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमा, एलओसी एवं नक्सल प्रभावित इलाके शामिल हैं।

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