अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा राष्ट्रीय मैराथन का आयोजन

 कलेक्टर ने व्यवस्थाओं के संबंध में दिए आवश्यक दिशा-निर्देश…

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा राष्ट्रीय मैराथन का आयोजन

 ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को राजमाता श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया राष्ट्रीय महिला मैराथन का आयोजन किया जायेगा। मैराथन प्रात: 7 बजे थीम रोड़ कटोराताल से प्रारंभ होकर फूलबाग मैदान पर समाप्त होगी। मैराथन में प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए जायेंगे। मैराथन के लिये प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। 8 मार्च को होने वाली मैराथन की व्यवस्थाओं के लिये कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। आयोजन की सभी व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया राष्ट्रीय मैराथन के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई और व्यवस्थाओं के संबंध में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा, अपर कलेक्टर आशीष तिवारी, एसडीएम अनिल बनवारिया, भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी, नगर निगम की पूर्व एमआईसी मेम्बर खुशबू गुप्ता सहित जीवाजी क्लब, एलएनआईपीई, जीवाजी विश्वविद्यालय, जीवाजी क्लब सहित खेल संस्थानों के प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि मैराथन के लिये सभी तैयारियां समय रहते पूर्ण कर ली जाएं।

मैराथन के दौरान प्रतिभागियों के लिये पेयजल की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मैराथन के शुभारंभ स्थल एवं पुरस्कार वितरण स्थल पर भी नगर निगम के माध्यम से साफ-सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मैराथन आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि मैराथन के लिये सीनियर एवं जूनियर ग्रुप में रजिस्ट्रेशन का कार्य प्रारंभ किया गया है। रजिस्ट्रेशन खेल एवं युवा कल्याणविभाग कम्पू, जीवाजी क्लब में किया जायेगा। रजिस्ट्रेशन के लिये प्रतिभागी को अपना आईडी प्रूफ लाना अनिवार्य होगा।     6 मार्च के बाद कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया जायेगा। 18 वर्ष से कम आयु के प्रतिभागियों को जन्म प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

 

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“खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में समावेशी विकास के लिए निर्माण साझेदारीविषय पर होगा मंथन…

ग्वालियर में खाद्य प्रसंस्करण शिखर सम्मेलन सेमीनार आज

 

ग्वालियर। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, राज्य शासन, एसोचैम और इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से ग्वालियर में 5 मार्च को "खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में समावेशी विकास के लिए निर्माण साझेदारी" विषय पर सेमीनार सह शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। इस दिन यह आयोजन प्रात: 10 बजे होटल रेडीसन में शुरू होगा। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर यह महत्वपूर्ण आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। साथ ही प्रदेश के उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की संयुक्त सचिव रीमा प्रकाश, एम.पी. औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जॉन किंग्सली, इन्वेस्ट इंडिया टीम एसोचैम के अधिकारी भी शामिल होंगे।

एसोचैम के वरिष्ठ सदस्य यूपीएल लिमिटेड के उपाध्यक्ष डॉ. ओमबीर सिंह त्यागी, एफपीओ के पदाधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन में कोका कोला, पतंजलि, आनंद डेयरी, नोवा डेयरी, अची मसाले, डीएस ग्रुप, हल्दीराम, डाबर सहित प्रमुख उद्योग हितधारकों के विभिन्न सत्रों में शामिल होने की उम्मीद है। साथ ही, फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख खुदरा विक्रेताओं के भी उपस्थित होने की आशा है। इस शिखर सम्मेलन में, राज्य में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विकास के अवसरों पर चर्चा होगी, विशेष रूप से ग्वालियर, श्योपुर और मुरैना क्षेत्र पर फोकस रहेगा।

क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी का प्रसार सम्मेलन के माध्यम से किया जाएगा। बिजली और पानी की उपलब्धता, पर्याप्त भंडारण और निवेशकों के लिए परिवहन के बुनियादी ढांचे आदि पर चर्चा होगी। सम्मेलन में सरकार को व्यापार (B2 G), व्यापार से व्यापार (B2, B) बैठकें की जाएगी। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य चंबल इलाके के ग्वालियर, श्योपुर मुरैना में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े हितधारकों तक पहुंचना है और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण तथा कृषि में स्थानीय आबादी को एकीकृत करने के लिए रणनीतियों और निवेश योग्य परियोजनाओं की सिफारिश करना और किसानों की आय बढ़ाना है। मध्यप्रदेश में बड़े भौगोलिक क्षेत्र के साथ, कृषि उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयुक्त विविध जलवायु और मिट्टी है।

कृषि क्षेत्र के माध्यम से .प्र. का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। यह राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का लगभग एक-चौथाई योगदान देता है और 65 प्रतिशत से अधिक आबादी के लिए रोजगार का मुख्य स्रोत है तथा ग्रामीण आय का लगभग 60 से 75 प्रतिशत है। देश में सर्वाधिक मवेशी आबादी वाले तथा दलहन, तिलहन, लहसुन और धनिया उत्पादन के लिए .प्र. शीर्ष स्थान पर है। विविधतापूर्ण फसल पद्धति सबसे बड़ी मवेशियों की आबादी ने कृषि के तहत 40 प्रतिशत क्षेत्र में जैविक खेती करने में मदद की है, जो केवल वर्षा आधारित कृषि से जुड़े जोखिम को कम करने में मदद करता है, बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है और इसमें समावेशी विकास की सुविधा देता है।

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