₹ 2000 में परिवार नहीं चलता इसलिए हमारा बढ़ाया जाए वेतन : आशा कार्यकर्ता

मानदेय बड़वाने और स्थाई नियुक्ति पाने कलेक्ट्रेट पहुंची…

₹ 2000 में परिवार नहीं चलता इसलिए हमारा बढ़ाया जाए वेतन : आशा कार्यकर्ता

ग्वालियर। सोमवार को जहां पूरा देश अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा था। महिला दिवस के उपलक्ष में तमाम सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रशासन द्वारा महिलाओं के सम्मान में आयोजन किए गए। इसी तारतम्य में ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा महिला बाल विकास अधिकारी शालीन शर्मा स्मार्ट सिटी सीईओ जेपी सिंह और नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा आदि के साथ मिलकर महिलाओं को कैसे सुरक्षा व सम्मान दिलायी जाए।

इसे लेकर एक होटल में सेफ सिटी विषय को लेकर मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया। तो वहीं दूसरी ओर लगभग एक सैकड़ा से अधिक महिला आशा कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय तिराहे वेतन बढ़ाए जाने की मांग व स्थाई नियुक्ति की मांग करते हुए लिखी तख्तियां हाथों में पकड़ कर कलेक्ट्रेट की ओर पैदल मार्च किया।

इन आशा कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें नाम मात्र के लिए देवल ₹2000 का  मानदेय दिया जा रहा है । इतने से मानदेय में इस महंगाई के दौर में हम अपना घर परिवार कैसे चलाएं यह कहना है आशा कार्यकर्ताओं का। इन आशा कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग कलेक्टर के सामने ज्ञापन के रूप में रखने की कोशिश की कि हमें 2000 के बजाय ₹18000 मासिक वेतन व स्थाई कर्मचारी के रूप से हमारी नियुक्ति की जाए। 

अपनी मांगों को लेकर जब कलेक्ट्रेट पहुंची तो वहां ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह मौजूद नहीं थे। इसलिए ज्ञापन लेने के लिए जब एडीएम चेंबर से उठकर ज्ञापन लेने आए तो महिला कार्यकर्ताओं ने एडीएम को ज्ञापन देने देने में आनाकानी करते हुए डीएम को ज्ञापन देने की मांग पर अड़ गई । लेकिन डीएम कलेक्ट्रेट में मौजूद नहीं रहे थे इसलिए यह बात जब एडीएम ने इन्हें  समझाई तब इन आशा कार्यकर्ताओं ने अपना ज्ञापन एडीएम को दिया।

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