लाड़ली लक्ष्मी योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : श्री कार्तिकेयन

सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना और...

लाड़ली लक्ष्मी योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : श्री कार्तिकेयन

मुरैना। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना और लाड़ली लक्ष्मी योजना में स्थिति ठीक नहीं। जिले के सभी सीडीपीओ और 77 सुपरवाइजर यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं में गति नहीं आई तो कारण बताओ नोटिस देने के बाद ऐसे कर्मचारियों को सेवा से बाहर किया जायेगा। जो योजना में गति नहीं ला पायेंगे। ये निर्देश कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने गुरूवार को चल रही महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान समस्त सीडीपीओ, सुपरवाइजरों को दिये। इस अवसर पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी उपासना राय, सहायक संचालक श्री अंभ, समस्त सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर उपस्थित थे। कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की समीक्षा की, जिसमें कई सुपरवाइजरों द्वारा योजना में बहुत घटिया कार्य प्रदर्शित किया है। जिस पर उन्होंने 12 सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस और वेतन काटने के निर्देश दिये। 

जिसमें नूराबाद की ज्योति जैन का 3 दिवस का वेतन, कारण बताओ नोटिस, कल्पना श्रीवास्तव को नोटिस, पुष्पा शर्मा की एक वेतनवृद्धि रोकने, नोटिस, जयममिनी पेंकरा का 3 दिवस का वेतन, कारण बताओ नोटिस, शीतल को नोटिस, विमला राठौर का नोटिस, गीता माहौर को नोटिस, मधुवाला डंडोतिया का 15 दिवस का वेतन काटने एवं नोटिस, मधुवाला गोयल को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। योजना में पहाडगढ़ विकासखण्ड की स्थिति बहुत खराब पाई गई, जिस पर कलेक्टर ने पहाडगढ़ सीडीपीओ उमा शर्मा की एक वेतनवृद्धि रोकने तथा सुषमा सुपरवाइजर को छोड़कर शेष सभी सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के निर्देश दिये है। 

कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा की, जिसमें पहाडगढ़ ब्लाॅक की स्थिति बहुत खराब पाई गई। उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और डीपीओ को निर्देश दिये कि एक सहायक संचालक तथा अतिरिक्त सुपरवाइजर जिले में है, उन्हें पहाडगढ़ पदस्थ कर लक्ष्य को पूर्ण करायें। उन्होंने सुपरवाइजर मधुवाला गोयल को चेतावनी बतौर निर्देश दिये कि एक सप्ताह में प्रोग्रेस नहीं आई तो एक वेतनवृद्धि रोक दी जावेगी। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्र पर किसी भी प्रकार की कमियां पाई गई या गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण संधारित रजिस्टर नहीं पाये गये तो कार्रवाही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर नहीं, बल्कि सुपरवाइजरों पर होंगी। उन्होंने कहा कि जितनी भी महिलायें गर्भवती है, उनकी शतप्रतिशत डिलेवरी हो। ऐसा नहीं कि डिलेवरी 90 प्रतिशत हो रही है तो 10 प्रतिशत महिलायें कहां अवर्सन करा रहीं है। ऐसे स्थानों को खोंजो। वहां कानूनी कार्रवाही करें।

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