विद्यार्थियों ने मास्क मेंकिंग की सीखीं बारीकियाँ

राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के...

विद्यार्थियों ने मास्क मेंकिंग की सीखीं बारीकियाँ

राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के नाटक एवं रंगमंच संकाय में एमपीए प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को मास्क मेकिंग की कार्यशाला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हिमांशु द्विवेदी द्वारा दी जा रही है कोविड-19 के चलते यह क्लासेस ऑनलाइन  एवं ऑफलाइन के माध्यम से 25 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें विद्यार्थियों को मास्क कैसे तैयार किया जाता है डॉ हिमांशु द्विवेदी ने विद्यार्थियों को कार्यशाला में बताया की मास्क का इतिहास बहुत पुराना है जब से नाट्य परंपरा शुरू हुई है मास्क मुख्य रूप से नाटक में इसीलिए इस्तेमाल किए जाते हैं क्योंकि यह  पर्टिकुलर एक भाव को मंच पर प्रस्तुत करने में सहायक होते हैं। 

इसके माध्यम से अभिनेता स्वभाव के मूल स्वरूप को दर्शकों तक पहुंचा पाता है इसकी परंपरा ग्रीक से लेकर आधुनिक युग तक बनी हुई है डॉ हिमांशु द्विवेदी द्वारा विद्यार्थियों को मास्क कैसे बनाते हैं बताया कागज से फेस मास्क बनाते समय किसी व्यक्ति के चेहरे पर पहले तेल का लेप करते हैं उसके बाद उस पर अखबार के छोटे-छोटे टुकड़े पानी में भिगोकर उसके चेहरे पर लगाया जाता है जिससे वह सूखने के बाद एक चेहरा उभरकर मास्क के रूप में आता है। 

फिर उसके ऊपर फेविकोल कॉर्डिंग की जाती है  उसे आकृति देने के लिए पीओपी लगाकर उस पर कलर किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि मास्क अनेक प्रकार के होते हैं जिनमें लेदर, कागज ,लकड़ी, प्लास्टिक से निर्मित मास्क लोकप्रिय है ज्यादातर कलाकारों द्वारा इनका प्रयोग किया जाता है कार्यशाला में डॉ हिमांशु द्विवेदी के छात्रों ने अखबार के कागज से मास्क बनाने की कला सीखी । 

यह कार्यशाला 20 दिवस तक लगातार चलेगी जिसमें मास्क के इतिहास, परंपरा एवं उसकी निर्माण विधि को विस्तार से समझाया जाएगा इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पंडित साहित्य कुमार नाहर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर कृष्ण कांत शर्मा एवं वित्त नियंत्रक दिनेश पाठक ने छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं प्रेषित की !

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