किसान आंदोलन पर SC में सुनवाई आज

विवाद के हल के लिए...

किसान आंदोलन पर SC में सुनवाई आज

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के साथ बातचीत के बीच सुप्रीम कोर्ट 11 जनवरी (सोमवार) को फिर सुनवाई करेगा। उच्चतम न्यायालय नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार (11 जनवरी) को फिर सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा सोमवार को की जाने वाली सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को नौवें दौर की बैठक निर्धारित है। शीर्ष न्यायालय को केंद्र सरकार ने पिछली सुनवाई पर बताया था कि उसके और किसान संगठनों के बीच सभी मुद्दों पर 'स्वस्थ चर्चा' जारी है और इस बात की संभावना है कि दोनों पक्ष निकट भविष्य में किसी समाधान पर पहुंच जाएं। 

उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले तीनों विवादित कृषि कानूनों को लेकर दायर कई याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा था। गौरतलब है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले करीब 46 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं सरकार ने कृषि कानूनों की वापसी पर साफ इनकार कर दिया है। इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक कुल 60 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। भारतीय किसान यूनियन दोआब के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने रविवार को कहा कि आज हमने बैठक में 8 तारीख को सरकार के साथ होने वाली बैठक पर चर्चा की। हमारी मांग वही रहेगी कि सभी कृषि क़ानूनों को वापस लिया जाए। 

26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में ज्यादा से ज्यादा ट्रैक्टर लाए जाएं, इसपर चर्चा हुई। किसान नेता हन्ना मौला का कहना है कि किसान मरते दम तक यह आंदोलन चलाएगा। अब संयुक्त मोर्चा 11 जनवरी को अपना अंतिम निर्णय लेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ दर्शन पाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि हम देश-दुनिया की जनता से अपील करते है कि 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाया जाए। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस पर देशभर में तहसील, जिला एवं शहर स्तर पर और दिल्ली बोर्डर्स के मोर्चे पर महिलाएं आंदोलन की अगुवाई करेंगी। यह दिन कृषि में महिलाओं के अहम योगदान के सम्मान के रूप मनाया जाएगा। 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह की के प्रकाश पर्व पर देश दुनिया में किसानी संघर्ष को कामयाब करने की संकल्प/शपथ ली जाएगी। 

कांग्रेस ने शनिवार को फैसला किया कि वह तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में 'किसान अधिकार दिवस' मनाएगी और उसके नेता एवं कार्यकर्ता राजभवनों का घेराव करेंगे। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जन आंदोलन करेगी।" पार्टी नेताओं के अनुसार, सोनिया गांधी के साथ पार्टी के महासचिवों और राज्य के प्रभारियों की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी 15 जनवरी को विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का आयोजन करेगी, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करने के लिए राजभवन में एक मार्च आयोजित किया जाएगा।

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