शंकरपुर स्थित बारा खदानो की भूमि के पास तेजी से हो रहा है अतिक्रमण

राजस और वन विभाग बैठे हुए हैं आंखें मूंदकर...

शंकरपुर स्थित बारा खदानो की भूमि के पास तेजी से हो रहा है अतिक्रमण

वर्षों पहले शंकरपुर क्षेत्र में माइनिंग का काम युद्ध स्तर पर किया जाता रहा है। कुछ वर्ष पूर्व एनजीटी के आदेश पर इस के पास का क्षेत्र आवासीय घोषित हो जाने के कारण यहां माइनिंग का काम बंद कर दिया गया था। माइनिंग की वजह से यहां बड़ी बड़ी खदानों से निकाले गए बेशकीमती काले पत्थर के कारण गहरे गड्ढे हो गए हैं इन गड्ढों में बरसात का पानी वह गंदगी जमा होती रहती है। गड्ढों में गिरकर कई बार लोग व अनेकों पशु इन गड्ढों में गिर कर अपनी जान गवा चुके हैं । इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा इन गड्ढों मे शहर से निकलने वाले कचरे से  भरना आरंभ किया गया था। इन गड्ढों के भर जाने पर उस जगह को समतल करके नगर निगम द्वारा एक पार्क पार्क का रूप देते हुए वहां वृक्षारोपण करके शहर की आबोहवा सुधारने का प्रयास भी लगातार किया जा रहा है। 

इसका जीता जागता उदाहरण है रामदास घाटी स्थित होकर जॉन के पास बना पार्क लेकिन यह पाक भी देखरेख के अभाव में उजाड़ सा हो चला है। अब इसी प्रकार का दूसरा पार्क शंकरपुर स्थित खदान के 8 बीघा क्षेत्र में तैयार किया जा रहा है, यहां भी बड़े स्तर पर वृक्षारोपण बाउंड्री वॉल पाथवे आदि का निर्माण निगम द्वारा ठेकेदार से करवाया जा रहा है । इस काम रुकावट डालने के लिए वन विभाग ने स्वच्छता मिशन के नोडल अधिकारी पवन सिंघल और यहां कार्य कर रहे ठेकेदार राजेंद्र जैन आदि के खिलाफ अतिक्रमण का केस दर्ज मामला दर्ज करवाते हुए काम रुकवाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर खदान के आसपास स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण  कर पक्के निर्माण किए जा रहे हैं जिन्हें वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों अधिकारियों की देखरेख में होना प्रतीत होता है क्योंकि यदि वन विभाग को नगर निगम द्वारा करवाया जा रहा पार्क निर्माण का कार्य अतिक्रमण दिखाई दे रहा है तो फिर उसकी आंखों के सामने यह जो पक्के निर्माण लोगों द्वारा पहाड़ी को खोदकर किए जा रहे हैं यह दिखाई क्यों नहीं दे रहे हैं ? 

इसके पीछे क्या कारण है ? क्या भ्रष्टाचार इस अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहा है ? यह तो जिम्मेदार अधिकारियों को देखना होगा और निगम द्वारा जो विकास कार्य कराए जा रहे हैं उन्हें बेरोकटोक चलने देना चाहिए क्योंकि निगम के द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों से किसी व्यक्ति को पर्सनली फायदा नहीं होगा बल्कि यह सार्वजनिक हित के लिए कराए जाने वाले कार्य हैं। यही कारण है कि इस पार्क मैं जब वृक्षारोपण कराया गया था तो तमाम सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं, सांसद, मंत्री आदि ने वृक्षारोपण में भाग लिया था और शहर के वातावरण को साफ व स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नगर निगम के द्वारा कराए जा रहे इस कार्य की प्रशंसा भी की गई थी।

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