महिला सुरक्षा के लिये केवल कानून नहीं दृष्टिकोंण में भी बदलाव जरूरी : ऊर्जा मंत्री

सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा विषय पर कार्यशाला सम्पन्न…

महिला सुरक्षा के लिये केवल कानून नहीं दृष्टिकोंण में भी बदलाव जरूरी : ऊर्जा मंत्री

ग्वालियर। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि महिला सुरक्षा के लिये केवल कानून ही पर्याप्त नहीं है बल्कि समाज के दृष्टिकोंण में भी बदलाव आवश्यक है। महिलाओं की सुरक्षा के लिये हमें कड़े कानूनों का पालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ समाज की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी। श्री तोमर ने सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही है। कार्यशाला में परिवहन आयुक्त मुकेश जैन, अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी उपस्थित थे। परिवहन विभाग द्वारा शुक्रवार को भारतीय पर्यटन एवं प्रबंधन संस्थान सिटी सेंटर में चालक एवं परिचालकों के लिये आयोजित कार्यशाला में सार्वजनिक परिवहन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चालक एवं परिचालकों को भी सम्मानित किया गया। 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि समाज में अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करना होगा और समाज को जवाबदेह भी बनना होगा। महिला सुरक्षा के लिये सरकार ने कानून तो बनाए हैं। कानून के पालन के साथ-साथ हमें अपने और अपने समाज के दृष्टिकोंण को भी बदलने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा विषय पर जो कार्यशाला का आयोजन किया गया है यह एक सराहनीय पहल है। 

इस तरह की कार्यशालायें पूरे प्रदेश में आयोजित हों तथा समाज को महिला सुरक्षा के कार्य में जोड़ने का प्रयास किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि महिला सुरक्षा के मामले में अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए।  कार्यक्रम में परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने महिला सुरक्षा के संबंध में कहा कि हम जैसा व्यवहार करेंगे, वैसा ही व्यवहार हमें समाज की ओर से मिलेगा। हम सबको अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। हमारा जीवन भी ईको सिस्टम जैसा है। हम जो समाज को देते हैं वहीं लौटकर हमें मिलता है। सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के लिये कड़े से कड़े कानून बनाए गए हैं। 

लेकिन केवल कानून के भरोसे ही महिला सुरक्षा संभव नहीं है। समाज की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक सोच इसके लिये नितांत आवश्यक है। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा चालक एवं परिचालकों के लिये यह कार्यशाला आयोजित की गई है। इसके माध्यम से लोक परिवहन में महिला सुरक्षा को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है उस पर कार्य किया जा रहा है। इस तरह की कार्यशालायें प्रदेश के अन्य जिलों में भी आयोजित की जायेंगीं। सार्वजनिक परिवहन में कार्य करने वाले चालकों और परिचालिकाओं को आवश्यक जानकारी और सुरक्षा के संबंध में अपनाए जाने वाले विभिन्न पहलुओं को भी बताया जायेगा। श्री जैन ने कहा कि लोक परिवहन में महिला सुरक्षा के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग विभाग द्वारा किया जा रहा है। 

इससे इमरजेंसी रिस्पोंस सिस्टम लगाने, लोक परिवहन में कैमरे लगाने के साथ-साथ बस स्टॉपों पर भी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही अन्य तकनीकों से भी सुरक्षा के संबंध में कार्रवाईयाँ की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन सबके बाद भी हमें समाज के सहयोग की नितांत आवश्यकता है। कार्यशाला में अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये सरकारों ने कड़े से कड़े कानून बनाए हैं। इससे बदलाव भी आया है, लेकिन कानून के साथ-साथ मानसिक सोच में बदलाव लाने के लिये अभी और प्रयास जरूरी है। 

पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये पुलिस विभाग द्वारा पहले से कार्य किया जा रहा है। नए वर्ष में सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा के मुद्दे को हम अपने एजेण्डे में सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे और इस पर वर्ष भर कार्य करेंगे। परिवहन विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर रखी गई है। इस विषय पर शासन-प्रशासन के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों को भी जुड़ना जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चालकों और परिचालिकाओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ बेटी पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सहायक परिवहन अधिकारी रिंकू शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य के साथ-साथ अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक संचालक शिक्षा एस बी ओझा ने किया।

Comments