PM स्व-निधि एवं मुख्यमंत्री किसान योजना के शेष प्रकरण करें मंजूर : श्री सिंह

कलेक्टर  ने बैठक लेकर बैंकर्स को दिए निर्देश…

PM स्व-निधि एवं मुख्यमंत्री किसान योजना के शेष प्रकरण करें मंजूर : श्री सिंह

ग्वालियर। प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के प्रकरणों की मंजूरी एवं आर्थिक सहायता वितरण में हो रही देरी पर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने विभिन्न बैंकों के समन्वयकों को निर्देश दिए कि इन दोनों योजनाओं के शेष प्रकरण तीन दिन के भीतर मंजूर करें। साथ ही पूर्व से स्वीकृत प्रकरणों में संबंधित हितग्राहियों को आर्थिक सहायता वितरित की जाए। अन्यथा संबंधित बैंक के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी। कलेक्टर श्री सिंह एवं नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने विभिन्न बैंको के समन्वयकों की बैठक लेकर इन योजनाओं की समीक्षा की।

ज्ञात हो पथ विक्रेताओं की मदद के लिये भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना एवं प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत हर पथ विक्रेता को बैंक के माध्यम से 10 हजार रूपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। ये दोनों योजनायें खासतौर पर उन पथ विक्रेताओं की मदद के लिये चलाई जा रही हैं, जिनका काम-धंधा कोविड संक्रमण को ध्यान में रखकर लगाए गए लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है। इन योजनाओं के तहत हर हितग्राही को फिर से काम-धंधा शुरू करने के लिये 10 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। गुरूवार को यहाँ मोतीमहल स्थित मानसभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा ये योजनायें प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में हैं।

इसलिये इनमें ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने बैंकर्स को निर्देश दिए कि रविवार के दिन भी इस योजना के प्रकरणों की स्वीकृति के लिये बैंक शाखायें खोली जाएँ। उन्होंने कहा कि नगर निगम ग्वालियर के अंतर्गत पूर्व से मंजूर सभी 11 हजार 40 प्रकरणों में संबंधित हितग्राहियों को तीन दिन के भीतर आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दें। साथ ही शेष 15 हजार 572 प्रकरण मंजूर कर ऋण वितरण की कार्रवाई की जाए। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री माकिन ने इन योजनाओं के तहत हितग्राहियों को आर्थिक सहायता दिलाने के मकसद से बैंक शाखावार भेजे गए प्रकरणों की जानकारी दी। उन्होंने कहा नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी इन योजनाओं के हितग्राहियों को दस्तावेजों की पूर्ति के लिये संबंधित बैंक शाखा तक पहुँचाने में मदद करेंगे।

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