किसानों और सरकार के बीच 30 दिसंबर को होगी अगले दौर की बैठक

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े…

किसानों और सरकार के बीच 30 दिसंबर को होगी अगले दौर की बैठक

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों और सरकार के बीच बैठक 30 दिसंबर को होगी। सरकार ने पत्र लिखकर बताया कि यह बैठक विज्ञान भवन में दोपहर 2 बजे होगी। आज किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, वणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की साथ बैठक की। यह बैठक करीब आधे घंटे चली। इस बैठक में कृषि सचिव भी मौजूद थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले रविवार को कहा था कि नये कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने के प्रयास सफल नहीं होंगे। हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर नीत भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाएंगे, लेकिन कांग्रेस उन्हें (किसानों को) गुमराह कर रही है। 

सिंह ने डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि जब कभी सुधार लागू किए जाते हैं, तब इसके सकारात्मक परिणाम दिखने में कुछ साल लगते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लाए गये 1991 के आर्थिक सुधार हों या फिर वापजेयी सरकार के दौरान लाए गए अन्य सुधार हों, उनके सकारात्मक परिणाम दिखने में चार-पांच साल लग गए। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इसी तरह, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों के सकारात्मक परिणामों को देखने के लिए यदि हम चार-पांच साल इंतजार नहीं कर सकते हैं, तो हम कम से कम दो साल तो इंतजार कर ही सकते हैं।’’ सितंबर में लागू किये गए नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान करीब एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। 

किसानों का दावा है कि नये कानून मंडी प्रणाली को नष्ट कर देंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र को खत्म कर देंगे। सिंह ने कहा कि हाल ही में राष्ट्र को समर्पित की गई अटल सुरंग न सिर्फ लाहौल-स्पीति जिले के लोगों को काफी फायदा पहुंचाएगी बल्कि इसके सामरिक महत्व भी हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि भी बताया क्योंकि राज्य के गांवों से तकरीबन हर परिवार से एक व्यक्ति सेना में सेवारत है या पूर्व सैनिक हैं। भाजपा के प्रदेश महासचिव त्रिलोक जमवाल ने इस अवसर पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक संदेश भी पढ़ा। दरअसल, नड्डा कोविड-19 से ग्रसित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 13,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिनमें 10,000 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं पर कार्य शुरू हो चुका है। 

कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से नयी दिल्ली से संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्य में भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने पर राज्य सरकार और प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विकास की गति तेज करने के लिए राज्य को करीब 500 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त रिण मुहैया किया गया है। प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने समाज के हर तबके का विकास और कल्याण सुनिश्चित किया है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश के देश का सर्वाधिक विकसित राज्य बनने की उम्मीद जताई। वहीं, एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का संदेश इस अवसर पर भाजपा प्रदेश सचिव कुसुम सादराते ने पढ़कर सुनाया। कुमार भी कोविड-19 से ग्रसित हैं। रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर ‘सुशासन और विश्वास के, तीन साल विकास के’ शीर्षक से एक कॉफी टेबल पुस्तक भी जारी की।

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