बैन के बावजूद पटाखे फोड़ने पर 850 लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई

दिवाली के मौके पर…

बैन के बावजूद पटाखे फोड़ने पर 850 लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई

राजधानी में प्रदूषण को लेकर किसी भी तरीके के पटाखे छुड़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया था. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने दिवाली पर किसी भी पटाखे को छोड़ने की मनाही की थी. साथ यह आदेश दिया था कि हर तरीके के पटाखे की बिक्री पर बैन लगाया जाए और कोई भी इन पटाखों को न छुड़ाएं. लेकिन राजधानी दिल्ली में रहने वाले कुछ लोगों पर इस आदेश का कोई असर नहीं दिखा. यही वजह रही कि ऐसे लोगों ने पटाखे छुड़ाए, जिसका नतीजा यह रहा कि प्रदूषण की समस्या बरकरार है. एक ओर जहां दिल्ली पुलिस एनजीटी के आदेश का पालन कराने में विफल रही. 

वहीं दूसरी ओर पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर दिवाली के दिन कॉल 1206 मामले दर्ज किए. जिनमें कलंदरा में शामिल है. इसके अलावा 850 लोगों को या तो गिरफ्तार किया गया या फिर उन्हें बाउंड किया गया. यह आंकड़ा दिल्ली पुलिस के सभी 15 जिलों में हुई कार्रवाई का है. दिल्ली पुलिस के दी गयी जानकारी के अनुसार 14 तारीख यानी दिवाली की रात तक पुलिस ने 1 टन से भी ज्यादा 1314 किलो पटाखे, साथ ही पटाखों के 106 पीस भी बरामद किये. पुलिस का कहना है कि इन सभी के खिलाफ सरकारी निर्देशों का उल्लंघन करने के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें कोर्ट में आगे की कार्यवाही की जाएगी. दिवाली के दिन आग लगने की घटना अमुमन हो जाती है. लेकिन अगर हम इस वर्ष की बात करें तो इस वर्ष दिवाली पर आग लगने की घटनाओं में कुछ कमी देखी गई है. 

दिल्ली फायर विभाग की माने तो इस वर्ष राजधानी दिल्ली में दिवाली के दिन फायर विभाग को कुल 205 कॉल मिली, जिनमें से शाम 6:00 बजे से लेकर और रात लगभग 12:00 बजे तक फायर विभाग को 129 कॉल मिली. यह समय आग लगने की घटनाओं के लिए पीक आवर माना जाता है. मगर वर्ष 2019 की दिवाली की बात करें तो दमकल विभाग को पिछले वर्ष 245 आपकी कॉल मिली थी. दिल्ली फायर विभाग के डायरेक्टर अतुल गर्ग का कहना है कि इस वर्ष आग लगने की घटनाओं में जो कमी देखी गई है. उसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल पटाखे कम चलाए गए हैं. जिस तरीके से एनजीटी का आदेश था और उस आदेश को मानना दिल्ली की जनता की जिम्मेदारी भी थी. 

माना जा रहा था कि शायद दिल्ली वाले अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे. लेकिन सभी दिल्ली वाले जिम्मेदार नहीं निकले और कुछ ने पटाखे छोड़े. अगर हम दिल्ली फायर विभाग की बात करें तो हमारी तरफ से आग की घटनाओं पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे. हम लोगों ने दिल्ली भर में 24 संवेदनशील बिंदु चयनित किए थे, जहां पर एक-एक फायर टेंडर को तैनात किया गया था. मकसद सिर्फ यही था कि आग की कॉल मिलते ही कम से कम समय में फायर ब्रिगेड की गाड़ी वहां पहुंच जाएं. हालांकि आग की घटना की बात करें तो मुंडका में देर रात लगी एक आग की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया. यह आग एक लकड़ी के गोदाम में लगी थी.

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