ग्वालियर में दिव्यांगों के लिये बनेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम

मंत्रि-परिषद द्वारा जमीन आवंटित…

ग्वालियर में दिव्यांगों के लिये बनेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम

ग्वालियर। दिव्यांगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनेगा। दिव्यांगों के लिए संभवत: यह देश का पहला स्टेडियम होगा। दिव्यांग बालक-बालिकाओं के लिए ग्वालियर में स्टेडियम निर्माण के लिये मध्यप्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद ने 7.902 हेक्टेयर भूमि आवंटित करने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित हुई। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय द्वारा इस स्टेडियम के निर्माण के लिये लगभग 171 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की दिव्यांग खेल प्रतियोगितायें आयोजित करने के लिये अधोसंरचना जुटाई जायेगी। स्टेडियम में इनडोर एवं आउटडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जायेगा। 

जिन खेलों की सुविधा इस स्टेडियम में उपलब्ध होगी, उनमें बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, बॉलीबॉल, जूडो, ताईक्वांडो, तलवारबाजी और रग्बी शामिल हैं। इसके अलावा स्वीमिंग (कबर्ड पूल और आउटडोर पूल), पैराडांसिंग, पैरापॉवर लिफ्टिंग, गोल बॉल, बोसिया, फाइव ए साइड फुटबॉल, आर्चरी, 7ए साइड फुटबॉल, टेनिस खेल की सुविधा भी इस स्टेडियम में उपलब्ध होगी। स्टेडियम परिसर में दिव्यांगों के लिये क्लासरूम, मेडीकल सुविधाएँ, खेल विज्ञान सेंटर, डायनिंग हॉल, होस्टल इत्यादि सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जायेंगीं। इसके अलावा एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक और बेसमेंट पार्किंग भी स्टेडियम में बनाई जायेगी। मंत्रि-परिषद ने इंदौर-पीथमपुर इन्वेस्टमेंट रीजन में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने संबंधी परियोजना को अनुमोदन प्रदान किया। परियोजना के अंतर्गत पीथमपुर औद्योगिक निवेश सेक्टर 4 तथा 5 को 586.70 हेक्टेयर भूमि पर 550 करोड़ रूपये की लागत से दो चरणों में विकसित किया जाएगा। 

मंत्रि-परिषद ने भोपाल व इंदौर शहर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के लिए मेट्रोपोलिटन एरिया (महानगर क्षेत्र) गठित करने का निर्णय लिया। भोपाल महानगर क्षेत्र में भोपाल निवेश क्षेत्र तथा मंडीदीप निवेश क्षेत्र सम्मिलित होंगे। इंदौर महानगर क्षेत्र में महू निवेश क्षेत्र तथा पीथमपुर निवेश क्षेत्र को जोड़ा गया है। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार की बल्क ड्रग पार्क प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाले इस पार्क में आने वाली फार्मा इकाईयों को योजना के अनुरूप विशेष वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंत्रि-परिषद् द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत विकसित होने वाले इस पार्क में आने वाली विनिर्माण इकाईयों को योजना के अनुरूप विशेष वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। होशंगाबाद जिले के बाबई-मोहसा में यह पार्क स्थापित होगा। मंत्रि-परिषद ने 6 हजार 111 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित होने वाली दस समूह जल प्रदाय योजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। 

मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित होने वाली इन योजनाओं से प्रदेश के 8 जिलों धार, देवास, गुना, शिवपुरी, अशोक नगर, सागर, सिंगरौली तथा आगर के 4 हजार 404 गांवों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से प्रत्येक घर को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्रि-परिषद द्वारा जेरा मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 170 करोड़ 8 लाख रूपये की  प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। सागर जिले के जैसीनगर विकासखण्ड में बनने वाली इस परियोजना से 5 हजार 400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। मंत्रि-परिषद की बैठक में अटल भू-जल योजना के क्रियान्वयन के लिए 314 करोड़ 54 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। योजना के अंतर्गत बुन्देलखण्ड अंचल के 6 जिलों क्रमश: सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना तथा निवाड़ी के 9 विकासखण्ड क्रमश: सागर, पथरिया, छतरपुर, नौगांव, राजनगर, बल्देवगढ़, निवाड़ी, पलेरा एवं अजयगढ़ की 678 ग्राम पंचायतों के क्षेत्र के भू-जल स्तर में सुधार होगा। बैठक में मंत्रि-परिषद् द्वारा मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020 तथा मध्यप्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान विधेयक 2020 का अनुमोदन किया गया।

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