कृषि विधेयकों को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

काला कानून बताकर हो रहा है विरोध प्रदर्शन…

कृषि विधेयकों को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित तीनों कृषि विधेयकों को रविवार को स्वीकृति दे दी है. इन विधेयकों का पूरे देश में विपक्ष और किसानों द्वारा भारी विरोध हो रहा है. खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान इसे 'काला कानून' बताकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है. गौरतलब है कि पिछले रविवार उच्च सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा चर्चा के लिए लाए गए दो अहम विधेयक, 'कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020' पर विपक्षी दलों के सांसदों ने पुरजोर विरोध करते हुए दोनों विधेयकों को किसानों के हितों के खिलाफ और कॉरपोरेट को फायदा दिलाने की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया था. 

हालांकि विरोध के बीच कृषि से जुड़े विधेयकों को राज्य सभा में पास करा दिया गया था. इससे पहले राज्य सभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था. नारेबाजी करते विपक्षी दलों के सांसद उपसभापति के आसन तक पहुंच गए थे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उस वक्त विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे. हंगामे बढ़ता देख राज्य सभा की कार्यवाही भी कुछ देर के लिए बाधित रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए भारतीय कृषि इतिहास में इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने आगे कहा कि ये (कृषि) विधेयक क्षेत्र में पूर्ण बदलाव सुनिश्चित करेंगे और करोड़ों किसानों को सशक्त बनाएंगे. दशकों तक बिचौलियों द्वारा किसानों को विवश रखा गया और तंग किया जाता रहा, लेकिन संसद द्वारा पारित विधेयक उन्हें मुक्ति दिलाएगा. इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को गति मिलेगी और उनकी ज्यादा समृद्धि सुनिश्चित होगी. 

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को नवीनतम प्रौद्योगिकी की नितांत आवश्यकता है. किसानों तक उसकी पहुंच अब सुगम होगी, जिससे उत्पादन बढ़ेगा.नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित तीनों कृषि विधेयकों को रविवार को स्वीकृति दे दी है. इन विधेयकों का पूरे देश में विपक्ष और किसानों द्वारा भारी विरोध हो रहा है. खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान इसे 'काला कानून' बताकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है. गौरतलब है कि पिछले रविवार उच्च सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा चर्चा के लिए लाए गए दो अहम विधेयक, 'कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020' पर विपक्षी दलों के सांसदों ने पुरजोर विरोध करते हुए दोनों विधेयकों को किसानों के हितों के खिलाफ और कॉरपोरेट को फायदा दिलाने की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया था. 

हालांकि विरोध के बीच कृषि से जुड़े विधेयकों को राज्य सभा में पास करा दिया गया था. इससे पहले राज्य सभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था. नारेबाजी करते विपक्षी दलों के सांसद उपसभापति के आसन तक पहुंच गए थे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उस वक्त विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे. हंगामे बढ़ता देख राज्य सभा की कार्यवाही भी कुछ देर के लिए बाधित रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए भारतीय कृषि इतिहास में इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने आगे कहा कि ये (कृषि) विधेयक क्षेत्र में पूर्ण बदलाव सुनिश्चित करेंगे और करोड़ों किसानों को सशक्त बनाएंगे. दशकों तक बिचौलियों द्वारा किसानों को विवश रखा गया और तंग किया जाता रहा, लेकिन संसद द्वारा पारित विधेयक उन्हें मुक्ति दिलाएगा. इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को गति मिलेगी और उनकी ज्यादा समृद्धि सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को नवीनतम प्रौद्योगिकी की नितांत आवश्यकता है. किसानों तक उसकी पहुंच अब सुगम होगी, जिससे उत्पादन बढ़ेगा.

Comments