CM शिवराज की युवाओं को सौगात

NRA के तहत परीक्षाएं लेने का किया ऐलान…

CM शिवराज की युवाओं को सौगात

भोपाल। मोदी कैबिनेट के राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानी (एनआरए) के गठन को मंजूरी देने के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं को बड़ी सौगात दी है. सीएम शिवराज ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के तहत परीक्षाएं लेने का ऐलान किया है. इस फैसले के बाद अब प्रदेश के युवाओं को रेलवे, बैंक और एसएससी के लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी. मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन के फैसले से युवाओं के भविष्य की राह आसान हुई है. अब SSC,RRB व IBPS की नौकरियों के लिए केवल एक ही परीक्षा में भाग लेना पर्याप्त होगा। देश के युवाओं की ओर से प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन. एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। 

इससे युवाओं का जीवन सहज, सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपनाकर अपने प्रदेश के बेटे-बेटियों को बड़ी राहत दे सकते हैं.'' मुख्यमंत्री शिवराज ने एक बार फिर कहा कि मध्यप्रदेश की शासकीय नौकरियों पर केवल प्रदेश के युवाओं का हक होगा, यह हमने पहले ही तय कर दिया है. अब आपको बार-बार की परीक्षाओं के कारण होने वाले निरर्थक व्यय और आवागमन से भी मुक्ति मिल जायेगी. मेरे बच्चों तुम्हारा जीवन आनंददायी और बेहतर बने, यही मेरी प्राथमिकता है. आपको बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब ग्रुप 'बी' और 'सी' के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए आवेदकों को एक ही ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) देना होगा। 

इस टेस्ट के आधार पर वे अलग-अलग विभागों में भर्ती के लिए मुख्य परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र होंगे.  सीईटी में सफल अभ्यर्थी तीन साल सीधे मुख्य परीक्षा दे सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी केवल तीन संस्थाओं (रेलवे, बैंकिंग और SSC) के लिए परीक्षा लेगी, लेकिन भविष्य में सभी केंद्रीय संस्थाओं की परीक्षा यही एजेंसी लेगी. इन तीन संस्थाओं में लगभग ढाई करोड़ विद्यार्थी भाग लेते हैं. सरकार के सचिव सी. चंद्रमौली ने बताया कि केंद्रीय सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं. अभी हम केवल तीन एजेंसियों की परीक्षा कॉमन कर रहे हैं, समय के साथ हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करेंगे. 

इस फैसले के बाद रेलवे, बैंकिंग और SSC की प्राथमिक परीक्षा के लिए अलग-अलग परीक्षा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इन तीनों के लिए एक एजेंसी बनाई जाएगी. एक ही आवेदन, एक ही शुल्क, एक ही परीक्षा होगी. इस परीक्षा का स्कोर तीन साल के लिए मान्य होगा. अभी तक केवल दो भाषाओं में ही परीक्षा देने की इजाजत थी, लेकिन इसके जरिए परीक्षार्थी 12 भाषाओं में परीक्षा दे सकता है. उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों के लिए वैध होंगे. वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा. उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी.

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