सरकार ने प्रवासी श्रमिक आयोग का किया गठन

आत्मनिर्भर एमपी…
सरकार ने प्रवासी श्रमिक आयोग का किया गठन
प्रवासी मजदूरों के लिए मध्यप्रदेश ...
भोपाल। सरकार ने प्रवासी मजदूरों के कल्याण, रोजगार आदि पर सुझाव देने के लिए ‘मप्र राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग’ का गठन किया है। इसका कार्यकाल दो वर्ष होगा, जिसे जरूरत अनुसार घटाया या बढ़ाया जा सकेगा। बता दें कि कोरोना संकट के दौरान मार्च-अप्रैल और मई महीने में करीब 15 लाख मजदूर बाहर से लौटे हैं। इस संबंध में श्रम विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने आदेश जारी कर दिए हैं। आयोग में अध्यक्ष के साथ दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। श्रमिक कल्याण क्षेत्र में 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले व्यक्ति या शासन में सचिव या उससे उच्च स्तर से रिटायर अधिकारी को अध्यक्ष बनाया जा सकेगा। अध्यक्ष, सदस्यों व सदस्य सचिव की नियुक्ति के लिए अलग से आदेश जारी होंगे। प्रवासी श्रमिक वो कहलाएंगे जो दूसरे प्रदेशों में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे और 1 मार्च 2020 या उसके बाद प्रदेश में वापस लौटे हैं। आयोग प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए अपने सुझाव देगा। 

यह प्रवासी श्रमिकों के रोजगार सृजन, श्रमिकों व उनके परिवार के कौशल विकास, प्रवासी श्रमिकों के हित संरक्षण के लिए श्रम कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और उनसे जुड़े अन्य विषयों पर अपने सुझाव देगा। इसमें प्रवासी श्रमिकों के कल्याण, रोजगार के अवसरों के सृजन तथा प्रवासी श्रमिकों एवं उनके परिवार के कौशल विकास और हित संरक्षण के लिये प्रचलित कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन शामिल है। इस के साथ आयोग प्रवासी श्रमिकों एवं उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी योजनाओं में लाभ प्रदान करने की तथा प्रवासी श्रमिकों के हित में कोई अन्य अनुशंसा कर सकेगा। आयोग के दायरे में एक मार्च 2020 के बाद लौटे श्रमिक आएंगे l आयोग में राज्य शासन द्वारा नामांकित दो सदस्य होंगे। 

श्रम विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि आयोग का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश राज्य होगा। ऐसे श्रमिकों को राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं और राज्य या केन्द्र के अधिनियमों में लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के हर जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिये हर आवश्यक इंतजाम तुरंत कर लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन समितियों की बैठकें आयोजित कर जिलावार पुख्ता आपदा प्रबंधन योजना बनाई जाए। इस मौसम की बीमारियों से बचाव एवं इलाज की सारी व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। वर्तमान समय में कोविड का संकट होने के कारण विशेष सावधानी एवं सतर्कता रखे जाने की आवश्यता है। जिलों में आपदा संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हांकित करें। जिले के बड़े बांधों का सुदृढीकरण सुनिश्चित किया जाए।

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