"नशा नाश की जड़"
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर...
"नशा नाश की जड़"
नशा नाश कर देता, सारे जीवन के उजियारे को l
पास नहीं बिठलाता कोई, एक नशे के मारे को l
भांग,चरस,कोकीन, तम्बाकू, ब्राउन शुगर सब ज़हरीले l
पल में पागल हो जाता है, मद्य का प्याला जो पी ले l
घर की बर्बादी का सूचक, समझो सहज इशारे को l
आय से ज्यादा व्यय हो जाता, आमदनी घट जाती है l
जीवन शैली मुख्य धारा से, शनै:-शनै: कट जाती है l
नशेबाज़ खुद खाक़ मिला देता, सम्मान के तारे को l
आज नशे का चलन अनोखा, दुनिया में चल बैठा है ।
सबके सिर पे भूत नशे का, लेकर बोतल बैठा है l
रोगग्रस्त हो रहे हज़ारों, देखो रोज़ नज़ारे को l
गली-गली में खैनी गुटके, बच्चे खाते फिरते हैं l
ड्रग्स नशे के ले-लेकर, तन की बर्बादी करते हैं l
दुनिया है हैरान नशे में, त्यागो इस अंधियारे को l
सभी नशे के उत्पादन पर, रोक लगा दो सरकारी l
देश बचाना है तो जल्दी, यह आदेश करो जारी l
दीप करो उपचार, गिरा दो आज नशे के पारे को l
- डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप"
सर्वांगीण दक्षता हेतू राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक, विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित।
Comments
Post a Comment