लॉकडाउन में ढील मिलते ही खुली ओली सरकार की पोल

नेपाल में लोगों ने किया प्रदर्शन…
लॉकडाउन में ढील मिलते ही खुली ओली सरकार की पोल

नेपाल सरकार ने लॉकडाउन में थोड़ी ढील क्या दी, जनता सरकार के खिलाफ सड़कों पर आ गई. गुरुवार को कोरोना वायरस से निपटने में पूरी तरह विफल नेपाल सरकार के खिलाफ जनता ने प्रदर्शन और प्रधानमंत्री निवास का घेराव किया. प्रदर्शकारियों को हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले भी दागे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस से निपटने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए नेपाल सरकार भारत के साथ नक्शा विवाद को हवा दे रही है. 

नेपाल सरकार और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ लोगों में किस कदर नाराजगी है, वह गुरुवार को लॉकडाउन में ढील मिलते ही काठमांडू की सड़कों पर देखने को मिला. इस प्रदर्शन से यह साफ हो जाता है कि आखिर नेपाल की ओली सरकार लॉकडाउन के दौरान भारत विरोधी राष्ट्रवाद को हवा क्यों दे रही थी और क्यों भारत से बातचीत की बजाए नक्शा विवाद को संसद से पारित कराने में जुटी हुई है? कोरोना वायरस से निपटने में विफल हो चुकी ओली सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों ने जमकर नारेबाजी की. 

'असक्षम प्रधानमंत्री पद छोड़ो' के नारे के साथ युवाओं ने प्रधानमंत्री निवास का घेराव किया.प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि ओली सरकार कोरोना नियंत्रण पर ध्यान देने के बजाय दूसरे कामों को प्राथमिकता दे रही है. वहीं, नेपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और इलाज के अभाव में लोगों की जान जा रही हैं. नेपाल सरकार न तो क्वारनटीन की व्यवस्था कर पा रही है और न ही कोरोना के मरीजों के लिए अस्पताल में पर्याप्त इलाज की सुविधा मुहैया करवा पा रही है. यह प्रदर्शन स्वस्फूर्त युवाओं के समूह ने किया है.

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