बिजली गिरने से 2 दिन में 110 लोगों की मौत

PM मोदी ने जताया दुख...
बिजली गिरने से 2 दिन में 110 लोगों की मौत

पटना। बिहार और उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिन में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की वजह से 110 लोगों की मौत हो गई. वहीं कम से कम 32 घायल हो गए और व्यापक स्तर पर संपत्ति को क्षति पहुंची है. पटना में आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार से अभी तक राज्य में बिजली गिरने से 83 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के कुछ इलाकों में बिजली गिरने से कई लोगों की मौत होने पर दुख जताया और आज पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करने को कहा है. उन्होंने ट्वीट किया कर कहा ‘‘बिहार में बिजली गिरने से 83 लोगों की मौत की ख़बर सुनकर स्तब्ध हूं. भगवान उनके प्रियजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करें.

वहीं लखनऊ में अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बृहस्पतिवार को बिजली गिरने से कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए. उन्होंने बताया कि बुधवार को बिजली गिरने से तीन लोग की मौत हो गई थी. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिजली गिरने से राज्य के 23 जिलों में कुल 83 लोगों की मौत हुई है, जिसमें गोपालगंज में सबसे ज्यादा 13 लोग हताहत हुए हैं.

इसके अलावा, नवादा एवं मधुबनी में आठ-आठ, सिवान एवं भागलपुर में छह-छह, पूर्वी चंपारण, दरभंगा एवं बांका में पांच-पांच, खगड़िया एवं औरंगाबाद में तीन-तीन, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, जहानाबाद, जमुई, पूर्णिया, सुपौल, बक्सर एवं कैमूर में दो-दो और समस्तीपुर, शिवहर, सारण, सीतामढ़ी एवं मधेपुरा में एक-एक व्यक्ति की वज्रपात की चपेट में आकर मौत हो गयी है. आंधी और बारिश से लोगों के घरों और संपत्ति की भी व्यापक स्तर पर क्षति हुई है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से मरने वालों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को तत्काल चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं.

उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा देर शाम यहां जारी एक बयान के मुताबिक बारिश के बीच बिजली गिरने की घटनाओं में देवरिया में नौ लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा प्रयागराज में छह, अंबेडकरनगर में तीन, बाराबंकी में दो और कुशीनगर, प्रतापगढ़, बलरामपुर और उन्नाव में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राकृतिक आपदा में लोगों की मौत पर दुख जाहिर करते हुए उनके परिजन को चार-चार लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाकों में भारी बारिश और बिजली गिरने से कई लोगों की मौत पर बृहस्पतिवार को दुख जताया है. मोदी ने ट्वीट कर कहा ‘‘बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों के निधन का दुखद समाचार मिला. राज्य सरकारें तत्परता के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं.’’ उन्होंने कहा ‘‘इस आपदा में जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं.’’

असम में बाढ़ से स्थिति गंभीर, 13 की मौत

गुवाहाटी: असम में गुरुवार को बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई. राज्य में चार और जिलों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, एक व्यक्ति की मौत होने के साथ ही बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 13 हो गई है. राज्य में 1.89 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश सरकार ने पांच सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में 49 राहत कैंप लगाए हैं. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक तेजी से पहुंचे और बचाव एवं राहत कार्य के दौरान कोविड-19 सुरक्षा नियमों का पालन करें. 

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपने दैनिक बुलेटिन में बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित धीमाजी जिले में एक और व्यक्ति की मौत हो गई. यहां 91,000 लोग प्रभावित हुए हैं. बुलेटिन में बताया गया कि जोरहाट जिले के नीमातीघाट में, धुब्री जिले के धुब्री शहर में और सोनीतपुर जिले के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. 

राज्य में धीमाजी के अलावा जोरहाट, माजुली, शिवसागर और जोरहाट जिले में भी बाढ़ का जबरदस्त असर पड़ा है. इन पांच जिलों में फिलहाल सरकरा की ओर से 49 राहत शिविर लगाए गए हैं. जिनमें 11 हजार से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं. राज्य में अब तक 19,430 हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब चुकी है. सड़कों और निर्माण कार्यों को नुकसान पहुंचाने के अलावा बाढ़ के पानी से कई इलाकों पर जमीन भी धंसने लगी है.

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