कबाड़ के सामान से दो घंटे में बनाया ‘जीरो कांटेक्ट सेनिटाइजर डिस्पेंसर’

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए डाॅ. हरेंद्र शर्मा ने…
कबाड़ के सामान से दो घंटे में बनाया ‘जीरो कांटेक्ट सेनिटाइजर डिस्पेंसर’

कोरोना महामारी से बचाव के लिए आजकल सेनिटाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन एक ही सेनिटाइजर के पैक पर बार बार हाथ लगाने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसी को देखते हुए जीवाजी यूनिवर्सिटी कीे पर्यावरण अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डाॅ. हरेंद्र शर्मा ने एक डिस्पेंसर तैयार किया है, जिससे बिना हाथ लगाए सेनिटाइज्ड किया जा सकता इससे सेनिटाइज्ड करत समय किसी प्रकार के संक्रमण के खतरे की संभावना नहीं है।

घर में बेकार पड़े कुछ अनुपयोगीे सामान से जुगाड़ बिठाकर डाॅ. हरेंद्र ने यह ‘जीरो कांटेक्ट सेनिटाइजर डिस्पेंसर’ तैयार किया है। इसे बनाने में लगभग दो घंटे का समय लगा। सेनिटाइज्ड करने के अलावा इसके द्वारा हेंड वाॅश भी आसानी से हो सकता है। कमाल की बात है कि इस डिस्पेंसर मशीन को तैयार करने में किसी प्रकार का कोई  खर्च नहीं आया। इसे घर पर भी आसानी से तैयार किया जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में इसे जेयू की ओर से अभिनव पहल माना जा सकता है। 

‘जीरो कांटेक्ट सेनिटाइजर डिस्पेंसर’ को बनाने के लिए डाॅ. हरेंद्र शर्मा ने घर में बेकार पड़े सामान का इस्तेमाल किया है। इसके लिए साइकिल के पहिए में हवा भरने वाला खराब पंप, उस पंप को सेट करने के लिए लोहे का टूटा स्टेंड, लोहे की एक पतली प्लेट, जिसके द्वारा फूट का प्रेशर डाला जा सके, पुराना सेनिटाइजर डिस्पेंसर, थोड़ा वायर जो कि लोहे की फूट प्लेट और सेनिटाइजर डिस्पेंसर के बीच मध्यस्थ का काम कर सके, पंप को स्टेंड पर बांधने के लिए पक्का वाला धागा प्रयोग में लाया गया है। 

इस ‘जीरो कांटेक्ट सेनिटाइजर डिस्पेंसर’ का यूज करने के लिए लोहे की पतली प्लेट पर फूट का हल्का सा प्रेेशर देने पर लोहे के वायर में ख्ंिाचाव होता है। उस वायर का दूसरा सिरा सेनिटाइजर डिस्पेंसर से जुड़ा होने से उस पर प्रेशर पड़ता है और सेनिटाइजर निकलने लगता है। यह प्रोसेस बहुत आसान है। इस तरह के उपकरण को बनाने का उद्देश्य छात्रों को इनोवेशन की तरफ आकर्षित करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अपना योगदान दे सकें।- डाॅ. हरेंद्र शर्मा, विभागाध्यक्ष पर्यावरण अध्ययनशाला, जीवाजी विवि

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