आज किसानों के लिए राहत पैकेज के दुसरे चरण का ऐलान करेंगी वित्त मंत्री

बदली एमएसएमई की परिभाषा…
आज किसानों के लिए राहत पैकेज के दुसरे चरण का ऐलान करेंगी वित्त मंत्री

नई दिल्ली। कोरोना काल में 130 करोड़ भारतीयों के भविष्य को संवारने वाला आर्थिक पैकेज के दूसरे चरण का विवरण आज मिलेगा. आज वित्त मंत्री 20 लाख करोड़ के पैकेज के दूसरे चरण की जानकारी देश को देंगी. पहले चरण में नौकरी पेशा से लेकर छोटे उद्योगों तक राहत देने की कोशिश की गई. बुधवार को सरकार ने पैकेज के बारे में बताया तो बाजार भी खुशी से झूम उठा. 

आज सबकी नजरें 130 करोड़ भारतीयों के भविष्य को संवारने वाले पैकेज के दूसरे चरण की जानकारी पर टिकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर जब बुधवार को देश के सामने आए तो उनका एजेंडा साफ था कि नौकरी पेशा की जेब में ज्यादा पैसे हों. लघु और कुटीर उद्योगों के थम चुके पहिए फिर रफ्तार पकड़ सकें. आपकी सैलरी से PF 12% की बजाए 10% कटेगा, इससे कर्मचारी को 4% ज्यादा सैलरी मिलेगी. 

कंपनी को भी PF का हिस्सा 10% ही देना होगा. सरकार का दावा है कि इससे अगले तीन महीने में 6 हजार 750 करोड़ की नकदी बढ़ेगी. 6.5 लाख कंपनियों के 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा लेकिन सरकारी कर्मचारियों को 12% ही PF देना होगा. सरकार भी अपना 12% का हिस्सा देती रहेगी. सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख भी 30 नवंबर तक बढ़ा दी है. सरकार ने उन कर्मचारियों का भी ख्याल रखा है जो गैर वेतन भोगी हैं और इनकम टैक्स देते हैं. 

एसे लोगों के लिए TDS 25 फीसदी कम कर दिया गया है. यानी पहले अगर 100 रुपये TDS कटता था तो अब 75 रुपये कटेगा. इसमें कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले, प्रोफेशनल फीस लेने वाले, ब्याज दरें, किराया, कमीशन या ब्रोक्रेज लेने वाले शामिल हैं. ये टैक्स दरें अलग अलग होती हैं. ये कटौती आज से 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगी. सरकार के मुताबिक इससे 50 हजार करोड़ की नकदी का प्रवाह बढ़ेगा. 12 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ के कर्ज का एलान किया गया. 

वित्त मंत्री ने एलान किया कि MSME सेक्टर में 100 फीसदी गारंटी फ्री कर्ज दिया जाएगा. 4 साल के लिए कर्ज मिलेगा, पहले साल मूलधन देने की जरूरत नहीं होगी. इससे 45 लाख MSME को फायदा होगा. इसके साथ ही 200 करोड़ तक की सरकारी खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर नहीं जारी होंगे. 200 करोड़ तक के काम भारतीय MSME कंपनियों को मिलेंगे. इतना ही नहीं सरकार ने MSME सेक्टर की परिभाषा भी बदल दी. पहले 25 लाख तक निवेश वाले सूक्ष्म उद्योग में आते थे अब 1 करोड़ तक निवेश वाले सूक्ष्म उद्योग में आएंगे. पहले 5 से 10 करोड़ तक निवेश वाले मध्यम उद्योग थे, अब 10 से 20 करोड़ तक निवेश वाले मध्यम उद्योग माने जाएंगे.

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