राशन लेने के लिये सत्यापन कराने की आवश्यकता नहीं : कलेक्टर

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर हो दण्डात्मक कार्रवाई...

राशन लेने के लिये सत्यापन कराने की आवश्यकता नहीं : कलेक्टर


ग्वालियर। फेसबुक, वॉट्सएप ग्रुप एवं ट्विटर पर बिना प्रमाणित किए नोवेल कोरोना एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में समाचार अथवा सूचना डालना कानूनी अपराध है। ऐसा करने वालों के विरूद्ध आईटी एक्ट के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। जिला दण्डाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने उक्त आशय के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है ‍िक नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर अप्रमाणित सूचना अथवा समाचार न डाले।

जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने यह भी कहा ‍िक सोशल मीडिया के माध्यम से सोमवार को एक सूचना जारी की गई। जिसमें उल्लेख किया गया कि राशन प्राप्त करने के लिये जनप्रतिनिधियों से राशनकार्ड पर मोहर लगाना आवश्यक है। यह सूचना पूरी तरह से निराधार एवं असत्य है। राशन प्राप्त करने के लिये किसी भी व्यक्ति को किसी भी जनप्रतिनिधि से राशनकार्ड पर मोहर लगवाना अथवा सत्यापन कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार के कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जिले में उचित मूल्य की दुकानों से राशन का वितरण पूर्व की भाँति ही किया जा रहा है।

उन्होंने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सोशल मीडिया पर अप्रमाणित सूचना अथवा समाचार डालने वालों के विरूद्ध आईटी एक्ट के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। नोवेल कोरोना के संक्रमण को देखते हुए उन्होंने यह अपील भी की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की कोई आपत्तिजनक सूचना अथवा अप्रमाणित सूचना प्रसारित न की जाए। इससे अव्यवस्था उत्पन्न होती है।

साथ ही लोगों में भय और डर भी पैदा होता है। जिले के सभी नागरिक शासन और प्रशासन द्वारा नोवेल कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिये किए जा रहे कार्यों में सहयोग करें। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को संक्रमण से बचने के लिये घर पर ही रहने की अपील भी करें। शासन द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों के संबंध में लोगों को जागरूक करने का कार्य सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग पूर्ण सावधानी के साथ करें।

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