गुरुद्वारों में सुबह कीर्तन और दोपहर में लंगर...
उत्साह से मनाया जा रहा गुरु नानकदेव का 550वां प्रकाश पर्व
भोपाल। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में गुरु नानकदेव का 550वां प्रकाश पर्व उत्साह से मनाया जा रहा है। गुरुद्वारों में रागी जत्थे कीर्तन कर रहे हैं। बड़ी संख्या सिख समाज के अलावा अन्य समुदाय के लोग भी गुरुद्वारों में मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हमीदिया रोड स्थित गुरुद्वारा में जाकर मत्था टेका और लोगों को गुरु नानकदेव के प्रकाशोत्सव पर बधाई दी।
गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि गुरु नानकदेव किसी एक धर्म के नहीं थे। हमे उनके बताए रास्ते का अनुसरण करना चाहिए। इस मौके पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा भी मौजूद थे।
इससे पहले आज सुबह से ही राजधानी के सभी गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की भीड़ है। रागी जत्थों के कीर्तन की आवाज गूंज रही है। प्रदेश के कई गुरुद्वारों में इस मौके पर खासतौर से पंजाब से रागी जत्थे बुलवाए गए हैं। हमीदिया रोड स्थित गुरुद्वारा में आज सुबह 7 से दोपहर 2.30 बजे तक विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद लंगर का आयोजन किया जाएगा।
पंजाब के कपूरथला जिले के सुलतानपुर लोधी स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा बेर साहिब में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मत्था टेका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मौके पर लोगों को बधाई दी। पंजाब के सुलतानपुर लोधी स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारे सहित विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने अरदास की। कपूरथला जिले के सुलतानपुर लोधी में गुरू नानक देव ने जीवन के 14 साल व्यतीत किए थे और उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था।
नानकदेवजी का 550वां प्रकाश पर्व मंगलवार को मनाएगा। मप्र में गुरु नानकदेवजी जिन 6 स्थानों पर आए उनमें से एक उज्जैन है। गुरुदेव गिरनार पर्वत की यात्रा कर उज्जैन (उस समय का अवंतिपुर) आए। यहां वे 3 दिन रहे। रामघाट के सामने इमली के नीचे, योगीराज भर्तृहरि के शिष्यों के साथ सत्संग किया। इस स्थान को उदासीन संत स्व. ईश्वरदास शास्त्री ने जत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा की मदद से खोजा।
गुरुनानकजी सन् 1517 में इंदौर में आए थे। तब उन्होंने इमली के पेड़ के नीचे आसन लगाया था और शबद की महत्ता का वर्णन किया था। भाई मरदाने की रबाब के साथ गुरुजी के अमृतरूपी वचन सुनकर इंदौर की संगत निहाल हुई थी। नानकदेवजी करीब दो सप्ताह यहां रुके थे। इस पेड़ के कारण ही गुरु नानक चौक स्थित गुरुद्वारा का नाम गुरुद्वारा इमली साहिब रखा गया। गुरुद्वारा में पहले टीन शेड था।
जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने...
गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर दी बधाई
जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गुरु नानक जी के योगदान का स्मरण करते हुए सिख व् हिन्दू भाइयों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ और योगी थे। उनकी शिक्षा और विचार सभी को ईमानदार और सदाचारी बनना सिखाते हैं। गुरु नानक जी का सार्वभौमिक संदेश “सभी मानव जाति को एक मानो“ अपने आप में महत्वपूर्ण है।
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षा का पालन करते हुए सिख समुदाय मानवता की सेवा में अपना योगदान दे रहा है। तो वही भगवान् कार्तिकेय लोगों को विवेक से कार्य करने के लिए प्रेरित करते है।










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