G News 24 : अयोध्या में निर्मित श्रीराम मंदिर के निर्माण का लेखा -जोखा !

किसी करदाता का पैसा नहीं है शामिल ...

अयोध्या में निर्मित श्रीराम मंदिर के निर्माण का लेखा -जोखा !

अयोध्या में निर्मितश्रीराम मंदिर के निर्माण किसी करदाता का पैसा शामिल नहीं है।  यह पूरी तरह से लगभग 5000 करोड़ से भी अधिक रुपये के सार्वजनिक दान और गिनती के माध्यम से वित्तपोषित है...

 मंदिर निर्माण के बारे में कुछ विशेष बातें-

  1.  मुख्य वास्तुकार - चंद्रकांत सोमपुरा निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा।
  2.  डिजाइन सलाहकार - आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी बॉम्बे, एनआईटी सूरत, सेंट्रल बिल्डिंग  रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की, नेशनल जियो रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स।
  3.  निर्माण कंपनी - लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी)प्रोजेक्ट।
  4.  प्रबंधन कंपनी - टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड (टीसीईएल)
  5.  मूर्तिकार - अरुण योगीराज (मैसूर), गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडे
  6.  कुल क्षेत्रफल - 70 एकड़ (70% हरित क्षेत्र)
  7.  मंदिर क्षेत्र - 2.77 एकड़
  8. मंदिर का आयाम - लंबाई - 380 फीट।
  9. चौड़ाई - 250 फीट।  ऊँचाई - 161 फीट।
  10. स्थापत्य शैली - भारतीय नागर शैली।
  11. वास्तुकला की मुख्य विशेषताएं - 3 मंजिलें (फर्श), 392 खंभे, 44 दरवाजे।
  12. मंदिर परिसर में स्वयं की कई स्वतंत्र संरचनाएँ शामिल हैं
  13.  जो भी शामिल है -
  14.  सीवेज उपचार संयंत्र
  15.  पीने योग्य और पोर्टेबल दोनों उपयोगों के लिए जल उपचार संयंत्र।
  16.  अग्निशमन सेवा एवं बचाव सेवाएँ।
  17.  स्वतंत्र पावर स्टेशन.
  18.  तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25,000 क्षमता का तीर्थयात्री सुविधा केंद्र।
  19.  स्नान क्षेत्र, वॉशरूम, वॉशबेसिन, खुले नल आदि के साथ अलग ब्लॉक।
  20.  मंदिर की संरचना को बिजली से बचाने के लिए उसके ऊपर 200 KA लाइट अरेस्टर लगाए गए हैं।
  21.  एनआईसीएमएआर मानकों के अनुसार, उपचारात्मक कार्रवाई, शॉर्ट सर्किट से संबंधित और अन्य अग्निशमन तंत्र को सक्रिय करने के लिए आईटी के साथ एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और चेतावनी प्रणालियों के साथ विद्युत सर्किट प्रदान किया गया।
  22.  भगवान राम और रामायण से संबंधित कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय।  इस प्रकार, केवल एक धार्मिक केंद्र से अधिक, राम मंदिर की कल्पना एक सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में भी की गई है।
  23.  मंदिर के ठीक नीचे जमीन से लगभग 2,000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा गया है।  कैप्सूल में एक तांबे की प्लेट है जिस पर राम मंदिर, भगवान राम और अयोध्या के संबंध में प्रासंगिक जानकारी अंकित है।
  24.  इस टाइम कैप्सूल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिर की पहचान समय के साथ बरकरार रहे ताकि भविष्य में इसे भुलाया न जाए।  टाइम कैप्सूल सामग्री साइबरस्पेस और विभिन्न संग्रहालयों पर अपलोड की जाती है।
  25. मंदिर एक भूकंप प्रतिरोधी संरचना है, जिसकी अनुमानित आयु NICMAR मानकों के अनुसार 2500 वर्ष है।
  26.  मूर्तियाँ गंडकी नदी (नेपाल) से लाई गई 60 मिलियन वर्ष पुरानी शालिग्राम चट्टानों से बनी हैं।
  27.  घंटा अष्टधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, टिन, लोहा और पारा) से बना है।
  28.  घंटी का वजन लगभग 2100 किलोग्राम है।
  29. घंटी की आवाज 2.5 किलोमीटर की दूरी तक सुनी जा सकती है।
  30. कॉम्प्लेक्स का दीर्घकालिक प्रशासन एल एंड टी द्वारा किया जाएगा।
  31. एक योगाश्रम संगीत सक्रिय ध्यान, ध्यान केंद्र के साथ आ रहा है।
  32. आने वाले समय में हम यह देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे कि सनातन इस क्षेत्र में कैसे समृद्धि लाता है।

G.News 24 : देखिए राम भक्तों द्वारा किया गया कला का शानदार प्रदर्शन

 


G News 24 : चांद की सतह पर टारगेट्स को लोकेट करने की नई टेक्निक मिल गई !

 नासा ने चंद्रयान-3 के लैंडर 'विक्रम' तक लेजर बीम ट्रांसमिट करने और रेट्रोरिफ्लेक्‍शन में मिली सफलता 

 चांद की सतह पर टारगेट्स को लोकेट करने की नई टेक्निक मिल गई !

चांद पर पड़े चंद्रयान-3 के लैंडर 'विक्रम' को नासा ने पिंग किया है. NASA ने चांद के चक्कर काट रहे स्पेसक्राफ्ट और विक्रम पर लगे लेजर रेट्रोरिफ्लेक्‍टर एरे (LRA) के बीच लेजर बीम ट्रांसमिट की. उधर से रिफ्लेक्शन भी हुआ. चांद पर पहली बार ऐसा किया गया है. इससे चांद की सतह पर किसी टारगेट की सटीक लोकेशन पाने का नया तरीका मिल गया है.

NASA ने एक बयान में कहा, '12 दिसंबर 2023 को दोपहर 3 बजे (EST), NASA के लूनर रीकॉन ऑर्बिटर (LRO) ने अपने लेटर आल्टीमीटर इंस्ट्रूमेंट का मुंह विक्रम की तरफ किया. जब LRO ने उसकी तरफ लेजर पल्स ट्रांसमिट की तो लैंडर LRO से 100 किलोमीटर दूर, चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में मैनजिनस क्रेटर के पास था. जब विक्रम पर लगे NASA के छोटे रेट्रोरिफ्लेक्‍टर से लौटी लाइट ऑर्बिटर ने दर्ज की तो NASA के वैज्ञानिकों को पता चल गया कि उनकी तकनीक आखिरकार काम कर गई है.'

ISRO ने कहा कि LRO ने चांद पर फिडुशियल पॉइंट (सटीक मार्कर) के रूप में काम करना शुरू कर दिया है. रिफ्लेक्टर बनाने वाली NASA टीम के प्रमुख जियाओली सुन ने कहा कि इस उपलब्धि से 'चांद की सतह पर टारगेट्स को लोकेट करने की नई स्टाइल का दरवाजा खुल गया है.' लेजर के जरिए धरती से सैटेलाइट्स को ट्रैक करना आम है लेकिन उस तकनीक के जरिए अंतरिक्ष से सतह पर मौजूद यान को लोकेट करना बेहद खास है. इससे चांद पर सुरक्षित लैंडिंग का रास्ता खुल सकता है. NASA के अनुसार, इस तकनीक का भविष्‍य में कई तरह से इस्‍तेमाल हो सकता है. एस्‍ट्रोनॉट्स को गाइड करने से लेकर बेस के पास सप्‍लाई शिप की ऑटोमेटिक लैंडिंग तक में यूज संभव है.

G News 24 : डीजे के साथ आधी रात में निकाल रहे थे बरात, दूल्हे दर्ज हुई FIR

 मध्य प्रदेश कोलाहल अधिनियम तहत हुआ मामला दर्ज...

डीजे के साथ आधी रात में निकाल रहे थे बरात, दूल्हे दर्ज हुई FIR !

ग्वालियर। देर रात डीजे और बैंड बाजा के साथ बारात निकलने शहर के दो दूल्हों पर भारी पड़ गया. ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षकों की शिकायत पर बारात निकलने वाले दूल्हे राजा पर ने ध्वनि कोलाहल अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है. दरअसल ग्वालियर के थाटीपुर थाना इलाके में रात 11:30 के बाद दो बारतें निकाली गई जिन में तेज आवाज में डीजे साउंड और बैंड बाजे बज रहे थे. इस दौरान यहां तैनात ड्यूटी आरक्षकों द्वारा मामले की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी गई और पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर बारात निकलने वाले दोनों दूल्हा पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

मध्य प्रदेश कोलाहल अधिनियम तहत हुआ मामला दर्ज

दरअसल मध्य प्रदेश में लागू कोलाहल अधिनियम 1985 के 7/15 के तहत रात 10:00 बजे के बाद तेज आवाज में डीजे बजाने पर प्रतिबंध है लेकिन ग्वालियर के थाना थाटीपुर क्षेत्र के मुरार के रहने वाले लखन सिंह के पुत्र बनवारी के विवाह के उपलक्ष में यह बारात निकाली जा रही थी जिस पर ड्यूटी आरक्षक राजवीर कौशल की शिकायत पर थातेपुर थाने में दूल्हा बनवारी सिंह राजपूत पर एफआईआर दर्ज हुई है.

वहीं दूसरे मामले में इसी थाना इलाके गांधी रोड पर ग्वालियर के बिरला नगर के रहने वाले बद्री प्रसाद पचौरी के पुत्र आकाश पचौरी के विवाह के लिए बारात निकाली जा रही थी अजय शर्मा की शिकायत पर आकाश पचौरी के खिलाफ कोलाहल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

G News 24 : सर्वें में खुलासा हुआ है कि राम मंदिर निर्माण से खुश हैं 74 प्रतिशत मुसलमान !

 70 प्रतिशत मुसलमानों को पंसद आ गए मोदी भाईजान...

सर्वें में खुलासा हुआ है कि राम मंदिर निर्माण से खुश हैं 74 प्रतिशत मुसलमान !

नई दिल्ली। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी करीब आ रही है, ओवैसी का क्रोध बढ़ता जा रहा है। वे लगातार बयान दे रहे हैं कि मस्जिदों को खत्म करने की कोशिश हो रही है। ओवैसी अपने तेज-तर्रार भाषणों से मुस्लिम समाज में आक्रोश रूपी जोश का संचार कर रहे हैं। लेकिन इसतरह के आंकड़े भी आ रहे हैं जो बताते हैं कि मुस्लिमों के मन पर उनका ज्यादा असर नहीं हो रहा है। आरएसएस के इंद्रेश कुमार की अगुवाई वाले राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने एक सर्वे किया है जिसमें पता चला है कि ज्यादातर मुस्लिम अयोध्या में राम मंदिर बनने से खुश हैं।

सर्वे में मुस्लिमों से सवाल हुआ कि क्या वे अयोध्या में राम लला का मंदिर बनने से खुश हैं। 74 प्रतिशत मुसलमानों ने कहा कि वे मंदिर निर्माण से खुश हैं। अगला सवाल था कि क्या मुसलमान मोदी सरकार पर भरोसा करता है। 70 प्रतिशत मुसलमानों ने कहा कि वे मोदी सरकार पर भरोसा करते हैं। एक सवाल ये भी था कि क्या विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है। 72 फीसदी मुसलमानों ने इस पर सहमति देकर माना की हां विपक्ष मुद्दाविहीन है। एक और सवाल ये था कि क्या भारत विश्व शक्ति बनकर उभरा है। 70 फीसदी मुसलमानों को लगता है कि भारत विश्व शक्ति बनकर उभरा है। इस सर्वे के आधार पर कई लोग कह रहे हैं कि मुस्लिमों की दो तिहाई आबादी मोदी सरकार से खुश है। ये सर्वे राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का है, जिसका संचालन करता हैं।

वहीं एआईएमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से मस्जिदों की रक्षा करने की अपील की है। ओवैसी ने कहा कि कुदरत हमसे कह रही है कि तुम अपनी गलती की वजह से एक मस्जिद खो चुके हो। सत्ता में बैठे लोग हमारी मस्जिदों को ललचायी नजरों से देख रहे हैं। इसलिए मस्जिदों को आबाद रखो और मस्जिदों की हिफाजत करो।

G News 24 : "Wish You All Happy Lohdi " ख़ुशी में झूमने का अवसर देता है लोहड़ी

मौसमी परिवर्तन का सूचक है लोहड़ी... 

"Wish You All Happy Lohdi " ख़ुशी में झूमने का अवसर देता है लोहड़ी 


लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है,यह मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उल्लास रहता है। आम तौर पर इस पर्व की रात्रि में किसी खुले स्थान में परिवार एवं आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बनाकर बैठते हैं तथा इस समय रेवड़ी, मूंगफली, लावा आदि खाकर पर्व मनाते हैं। लोहड़ी पौष के अंतिम दिन, सूर्यास्त के बाद (माघ संक्रांति से पहली रात) यह पर्व मनाया जाता है। यह प्राय: 12 या 13 जनवरी को पड़ता है। यह मुख्यत: पंजाब का पर्व है,  लोहड़ी की पूजा के समय लकड़ी+ओह (गोहा = सूखे उपले) +रेव्ड़ी (रेवड़ी)मक्की के दाने बने फुल्ले,मूंगफली आदि को पारंपरिक तरीके से नाचते -गाते हुए आग में अर्पित किये जाते है।  ये सभी  'लोहड़ी' के प्रतीक हैं। पूस-माघ की कड़कड़ाती सर्दी से बचने के लिए आग भी सहायक सिद्ध होती है-यही व्यावहारिक आवश्यकता 'लोहड़ी' को मौसमी पर्व का स्थान देती है।

पूर्वांचल में 'खिचड़वार' और दक्षिण भारत के 'पोंगल' पर भी-जो 'लोहड़ी' के समीप ही मनाए जाते हैं

लोहड़ी से संबद्ध परंपराओं एवं रीति-रिवाजों से ज्ञात होता है कि प्रागैतिहासिक गाथाएँ भी इससे जुड़ गई हैं। दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है। इस अवसर पर विवाहिता पुत्रियों को माँ के घर से 'त्योहार' (वस्त्र, मिठाई, रेवड़ी, फलादि) भेजा जाता है। यज्ञ के समय अपने जामाता शिव का भाग न निकालने का दक्ष प्रजापति का प्रायश्चित्त ही इसमें दिखाई पड़ता है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में 'खिचड़वार' और दक्षिण भारत के 'पोंगल' पर भी-जो 'लोहड़ी' के समीप ही मनाए जाते हैं-बेटियों को भेंट जाती है। लोहड़ी से 20-25 दिन पहले ही बालक एवं बालिकाएँ 'लोहड़ी' के लोकगीत गाकर लकड़ी और उपले इकट्ठे करते हैं। संचित सामग्री से चौराहे या मुहल्ले के किसी खुले स्थान पर आग जलाई जाती है। मुहल्ले या गाँव भर के लोग अग्नि के चारों ओर आसन जमा लेते हैं। घर और व्यवसाय के कामकाज से निपटकर प्रत्येक परिवार अग्नि की परिक्रमा करता है।

लड़के का विवाह होता है अथवा जिन्हें पुत्र प्राप्ति होने की खुशी में भी मनाया जाता है 

जिन परिवारों में लड़के का विवाह होता है अथवा जिन्हें पुत्र प्राप्ति होती है, उनसे पैसे लेकर मुहल्ले या गाँव भर में बच्चे ही बराबर बराबर रेवड़ी बाँटते हैं। लोहड़ी के दिन या उससे दो चार दिन पूर्व बालक बालिकाएँ बाजारों में दुकानदारों तथा पथिकों से 'मोहमाया' या महामाई (लोहड़ी का ही दूसरा नाम) के पैसे माँगते हैं, इनसे लकड़ी एवं रेवड़ी खरीदकर सामूहिक लोहड़ी में प्रयुक्त करते हैं। लोहड़ी का त्यौहार पंजाबियों तथा हरयानी लोगो का प्रमुख त्यौहार माना जाता है।  लोहड़ी का त्यौहार फसलों की कटाई का प्रतीक है। इस दिन किसान अपनी नई फसलों की पूजा करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह उन्हें अच्छी फसल प्रदान करें।

इस दिन सूर्य देव का उत्तरायण होता है

सबसे पहले, यह त्यौहार सूर्य देव की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। सूर्य देव को जीवन का स्रोत माना जाता है और इस दिन सूर्य देव का उत्तरायण होता है। उत्तरायण का अर्थ है कि दिन अब लंबे होने लगेंगे और रातें छोटी होने लगेंगी। इस कारण इस दिन को नए जीवन का प्रतीक माना जाता है। तीसरे, लोहड़ी का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए लोहड़ी जलाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

लोहड़ी को दुल्ला भाटी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता हैं

लोहड़ी को दुल्ला भाटी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता हैं। लोहड़ी की सभी गानों को दुल्ला भाटी से ही जुड़ा तथा यह भी कह सकते हैं कि लोहड़ी के गानों का केंद्र बिंदु दुल्ला भाटी को ही बनाया जाता हैं। दुल्ला भाटी मुगल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था! उस समय संदल बार के जगह पर लड़कियों को गुलामी के लिए बल पूर्वक अमीर लोगों को बेच जाता था जिसे दुल्ला भाटी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न की मुक्त ही करवाया बल्कि उनकी शादी हिन्दू लडको से करवाई और उनकी शादी की सभी व्यवस्था भी करवाई। दुल्ला भाटी एक विद्रोही था और जिसकी वंशावली भाटी थी। उसके पूर्वज भाटी शासक थे जो की संदल बार में था अब संदल बार पकिस्तान में स्थित हैं। वह सभी पंजाबियों का नायक था।

G News 24 : कुत्ता खा गया 3.32 लाख रुपये, कुछ इंतज़ार के बाद वापस भी मिल गए !

 मल से निकाला पूरा पैसा और बैंक भी वे सारे नोट लेने के लिए तैयार हो गया...

कुत्ता खा गया 3.32 लाख रुपये, कुछ इंतज़ार के बाद वापस भी मिल गए !

पेंसिल्वेनिया। एक पालतू कुत्ता मालिक के 4,000 यानी 3.32 लाख रुपये चबाकर खा गया। ये बात सभी को हैरान कर ही रही है, लेकिन इससे भी ज्यादा हैरान कर रहा है मालिक का कुत्ते से लगभग 3.32 लाख रुपये वापस लेने का तरीका।

दरअसल, मामला पेंसिल्वेनिया का है जहां कुत्ते ने जब इतने रुपये खा लिए तब मालिक के होश उड़ गए। उन्हें इसका अंदाजा तब हुआ जब कुत्ते की तबीयत बिगड़ने लगी। वहीं पैसे वापस पाने के लिए पालतू कुत्ते के मल का इंतजार करना पड़ा। फिर मल से धो-धोकर नोटों के टुकड़ों को निकाला गया। खास बात ये रही कि, बैंक वे सारे नोट लेने के लिए तैयार हो गया जिसमें सीरियल नंबर अभी भी दिखाई पड़ रहे थे।

G News 24 : आज नौसेना में शामिल होगा स्वदेशी आईएनएस इंफाल

 नौसेना के आधुनिक स्वरूप का एक प्रमाण है ये युद्धक जहाज...

आज नौसेना में शामिल होगा स्वदेशी आईएनएस इंफाल

नई दिल्ली। भारत का स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल आज नौसेना में शामिल हो जाएगा। आईएनएस इंफाल के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में होगा। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। आईएनएस इंफाल विशाखापत्तनम श्रेणी के डेस्ट्रॉयर है, जिसे भारतीय नौसेना ने ही डिजाइन किया और भारत में ही इसका निर्माण किया गया है। प्रोजेक्ट 15बी (विशाखापत्तनम श्रेणी) का हिस्सा है। जो कि प्रोजेक्ट 15ए (कोलकाता श्रेणी) और प्रोजेक्ट 15 (दिल्ली श्रेणी) नौसेना के आधुनिक स्वरूप का एक प्रमाण है ये युद्धक जहाज। 

आईएनएस इंफाल से से जुड़ी 10 विशेषताएं

  • 1. आईएनएस इंफाल पहला युद्धक जहाज है, जिसका नाम उत्तरपूर्व के किसी शहर के नाम पर रखा गया है। आईएनएस इंफाल इस बात की अहमियत दर्शाता है कि देश की सुरक्षा और समृद्धि में देश के उत्तरपूर्व क्षेत्र भी अहम है। युद्धक जहाज का नाम मणिपुर की राजधानी इंफाल के नाम पर रखने के फैसले को साल 2019 में राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी। 
  • 2. आईएनएस इंफाल का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड में किया गया है और इसके निर्माण में 75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी है। आईएनएस इंफाल पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली, जमीन से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं। साथ ही इस पर पनडुब्बियों को निशाना बनाने वाले रॉकेट लॉन्चर और 76एमएम की सुपर रैपिड गन भी लगाई गई है। आईएनएस इंफाल बराक 8 मिसाइलें, सर्विलांस रडार और टॉरपीडो से भी लैस है।
  • 3. आईएनएन इंफाल परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है। 
  • 4. इसमें कंपाइंड गैस और गैस प्रोपल्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से यह युद्धक जहाज 30 नॉट्स की स्पीड से चलने में सक्षम है। 
  • 5. नौसेना का कहना है कि भारत में अब तक बने युद्धक जहाजों में आईएनएस इंफाल सबसे बेहतर है और यह युद्धक जहाज बनाने की भारत की क्षमताओं का परिचायक है। 
  • 6. आईएनएस इंफाल को 20 अक्तूबर को भारतीय नौसेना को डिलीवर किया गया था। इससे पहले इसके ट्रायल हुए थे। नौसेना ने भी इसका सफल परीक्षण किया, जिसके बाद अब यह नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है। 
  • 7. नौसेना में कमीशन होने के बाद आईएनएस इंफाल नौसेना की वेस्टर्न नेवल कमांड का हिस्सा बनेगा। 
  • 8. यह युद्धक जहाज नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी (विशाखापत्तनम श्रेणी) का हिस्सा है। जो कि प्रोजेक्ट 15ए (कोलकाता श्रेणी) और प्रोजेक्ट 15 (दिल्ली श्रेणी) का आधुनिक स्वरूप है।
  • 9. आईएनएस इंफाल की कुल लंबाई 535 फीट, ऊंचाई 57 फीट और कुल वजन 7400 टन है। इस पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं और यह एक बार में 42 दिनों तक समुद्र में रह सकता है। इस पर ध्रुव और सी किंग हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकते हैं। 
  • 10. हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। आईएनएस इंफाल के नौसेना में शामिल होने से भारत की युद्धक क्षमताएं बेहतर होंगी।

G News 24 : भारत में है दुनिया का सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट !

 UNESCO ने स्पेशल अवॉर्ड से नवाजा...

भारत में है दुनिया का सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट ! 

आपने देश-विदेश के एयरपोर्ट्स की तस्वीरें तो जरूर देखीं होंगी. कई एयरपोर्ट आपको देखने में बहुत अच्छे भी लगे होंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया के सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट्स में से एक भारत में भी है. यूनेस्को Prix Versailles ने भारत के इस एयरपोर्ट को स्पेशल अवॉर्ड से नवाजा है. इस एयरपोर्ट को वर्ल्ड स्पेशल प्राइज फॉर एन इंटीरियर 2023 का खिताब दिया गया है. इस एयरपोर्ट का इंटीरियर अगर एक बार देखें तो नजर वहीं रुख जाती है. यहां इंटीरियर पर इतना शानदार काम हुआ है. आइए भारत के इस अवॉर्ड विनर और बेहद खूबसूरत एयरपोर्ट के के बारे में जानते हैं.

बता दें कि दुनिया के सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट्स में एक के तौर पर भारत के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 को पहचान मिल गई है. बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) ने बताया कि केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 को यूनेस्को Prix Versailles ने शानदार इंटीरियर के लिए स्पेशल अवॉर्ड दिया है.जान लें कि केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 भारत का पहला एयरपोर्ट है जिसे दुनिया के सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट्स में एक माना गया है. Prix Versailles ने इनोवेशन, क्रिएटिविटी, लोकल हेरिटेज, इकोलॉजिकल एफिसिएंसी और सोशल इंटीग्रेशन के आधार पर ये अवॉर्ड केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 को दिया है.

बता दें कि केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2, दो लाख 55 हजार 661 स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है. इसको बनाते समय पर्यावरण और इकोलॉजी का खास ध्यान रखा गया है. इसमें कर्नाटक के रिच हेरिटेज और कल्चर की झलक भी दिखती है.गौरतलब है कि केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 के फेज 1 का उद्घाटन 11 नवंबर, 2022 को किया गया था. इसे हर साल करीब ढाई करोड़ पैसेंजर्स की क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया है. केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में लोग विदेश जाने और आने के लिए ट्रैवल करते हैं.

केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 का इंटीरियर डिजाइन बहुत खास है. एयरपोर्ट का नजारा यहां आने वालों का मन मोह लेता है. नजरें हटने के लिए राजी नहीं होती हैं. केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल 2 के शानदार इंटीरियर के चलते ही इसे सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट्स में से एक का अवॉर्ड मिला है.

G News 24 : माँ मजदूरी पर गई थी और बेटा बन गया विधायक !

मध्य प्रदेश में दिखी लोकतंत्र की सुखद तस्वीर...

माँ मजदूरी पर गई थी और  बेटा बन गया विधायक !

रतलाम। चुनावों में हार जीत तो लगी रहती है कई नेता हारते है और कई जीतते है , लेकिन जब कोई उम्मीदवार ऐसा जीत कर आता है जो कि अप्रत्याशित हो तो लगता है कि वाकई में आज भी लोकतंत्र जिंदा है , ऐसा ही एक अप्रत्याशित व्यक्ति रतलाम की सैलाना सीट से चुनाव जीतकर आए है कमलेश्वर डोडीयार। कमलेश्वर डोडियार मजदूर मां के बेटे है पिछले कई सालों से आदिवासियों के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं , जब चुनाव के नतीजे आ रहे थे , तब भी उनकी मां मजदूरी के लिए गई हुई थी , एक मजदूर परिवार का बेटा रतलाम की सैलाना सीट से अब विधायक (MLA) है , लोकतंत्र कि यह तस्वीर हम सबके लिए सुखद है

पक्का मकान तक नहीं है,झोपड़ी में रहते है

मतगणना के दौरान जैसे-जैसे अंतर बढ़ता जा रहा था आसपास के लोग बेटे को जीत की बधाई देते रहे, पर मां सीताबाई मजदूरी में व्यस्त रहीं , यह घर है रतलाम जिले के सैलाना के नए विधायक का 33 साल के कमलेश्वर डोडियार ने भारत आदिवासी पार्टी से इस सीट पर जीत का परचम फहराकर सभी को चौकाया दिया है , कमलेश्वर डोडियार ने 4618 मतों से जीत हासिल की है , मजदूर परिवार में पले-बढ़े झोपड़ी से निकले है , बारिश में उस पर तिरपाल डालकर पानी से बचकर अपना काम चलाते है

12 लाख का कर्जा लेकर लड़ा चुनाव

कहने सुनने और देखने में तो यह असम्भव सा लग रहा है लेकिन कमलेश्वर ने 12 लाख का कर्ज लेकर चुनाव लड़ा है , उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोट से मात दी , कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले और हर्ष विजय को 66,601 वोट , भाजपा की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं , इस सीट पर प्रदेश का सबसे अधिक मतदान (90.08%) हुआ था , यह वोट कमलेश्वर के लिए था ।

G News 24 : नौकरी लगते ही गन प्वाइंट पर उठवाया और करावाई जबरिया शादी

सूचना मिलते ही गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा ...

नौकरी लगते ही गन प्वाइंट पर उठवाया और करावाई जबरिया शादी

बिहार। हमीरपुर  जिले में एक बार फिर जबरिया जोड़ी यानी की 'पकड़ौआ शादी' का मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक नवनियुक्त शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बाद घर जा रहा था। इसी बीच स्कॉर्पियो सवार 4 से 5 लोग उसके पास पहुंचे। उनके पास हथियार भी थे। वहीं हथियारों से लैस होकर पहुंचे दबंगों ने फिल्मी स्टाइल में नवनियुक्त शिक्षक गौतम कुमार को अगवा कर लिया। वह शिक्षक को अपने साथ ले गए। इस दौरान स्कूल के बाकी शिक्षक सिर्फ देखते ही रह गए। इसके बाद शिक्षक गौतम के परिजनों को उसके अगवा किए जाने की सूचना दी गई। अपहरण की सूचना मिलते ही परिजन थाने पहुंचे और मुकदमा दर्ज कराया। वहीं सुनवाई नहीं होने पर सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया। हालांकि बाद में पता चला कि शिक्षक की जबरन शादी करा दी गई है। फिलहाल पुलिस मामले को शांत करने में जुटी हुई है।

परिजनों ने किया हंगामा

दरअसल, पूरा मामला हाजीपुर के पातेपुर रेपुरा मध्य विद्यालय का है, जहां बीते बुधवार की शाम 3 बजे के करीब स्कॉर्पियो में सवार होकर 5-6 लोग पहुंचे और जबरन शिक्षक गौतम को उठाकर ले गए। स्कॉर्पियो सवार दबंगों ने हथियार के बल पर गौतम की शादी करा दी। वहीं शिक्षक गौतम के अपहरण की सूचना मिलते ही उनके परिजन भागते हुए स्कूल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में लिखित आवेदन देकर शिक्षक गौतम के अपरहण का मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि पुलिस द्वारा इस मामले में कोई सुनवाई नहीं होने पर देर रात में ही गौतम के परिवार वालों ने महुआ-पातेपुर मार्ग को जाम कर दिया। सड़क जाम करने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने परिजनों को समझाते हुए 24 घंटे में गौतम को खोज कर वापस लाने का वादा किया। इसके बाद परिजनों ने जाम समाप्त किया।  

शादी की तस्वीर आई सामने

वहीं गौतम का कुछ पता नहीं चलने पर परिजनों ने गुरुवार को भी लगभग 8 घंटे तक सड़क जाम कर हंगामा किया। इसी बीच किसी ने गौतम की शादी वाली जोड़ी में लड़की के साथ की एक फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी। पुलिस को जब यह तस्वीर दिखाई गई तो पुलिस इस तस्वीर के आधार पर पोस्ट करने वाले व्यक्ति के घर पहुंची। यहां पूछताछ करने के बाद यह पता चला कि गौतम को अगवा कर उसकी जबरन 'पकड़ौआ विवाह' करवा दिया गया है। वहीं जबरन शादी की सूचना मिलते ही गौतम के परिजन आगबबूला हो गए और आक्रोशित होकर सड़क पर प्रदर्शन करने लगे। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को काफी समझाया, जिसके बाद मामला शांत हुआ।

परिजनों ने साथ रखने से किया इंकार

इधर पकड़े गए शख्स की निशानदेही के आधार पर पातेपुर पुलिस महनार पहुंची। यहां राजेश राय की पुत्री चांदनी कुमारी से शिक्षक गौतम की शादी करा दी गई थी। शादी के बाद लड़का-लड़की दोनों को पातेपुर की पुलिस अपने साथ थाने लेकर पहुंची। वहीं गौतम के परिजन लड़की को रखने से इनकार कर रहे हैं। फिलहाल गौतम और चांदनी कुमारी पुलिस की देखरेख में पातेपुर थाने पर ही हैं। परिवार के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने लड़का और लड़की दोनों को अपनी सुरक्षा में रखा हुआ है। आपको बता दें कि जबरदस्ती शादी करने के मामलों पर हाल ही में कोर्ट ने रोक लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि जबरदस्ती शादी करना या सिंदूर डलवा देना वह शादी मान्य नहीं होगी। इसके बावजूद हाजीपुर में नवनियुक्त शिक्षक की गन पॉइंट पर जबरदस्ती शादी करा दी गई।

G News 24 : धन-धान्य से घर भर देंगे कार्तिक पूर्णिमा पूजन के ये उपाय !

 27 नवंबर 2023, सोमवार को...

धन-धान्य से घर भर देंगे कार्तिक पूर्णिमा पूजन के ये उपाय !

कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को प्रसन्‍न करने का दिन होता है. पंचांग के अनुसार इस साल आज 27 नवंबर 2023, सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा है. इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने, रात में दीपक जलाने की परंपरा है. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए गए उपाय मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं और आपको मालामाल कर सकते हैं. 

पीपल की पूजा 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ होता है. ऐसा करने से त्रिदेव और मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती रहती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ में कच्‍चा दूध मिश्रित जल अर्पित करें. फिर आटे के घी के दीपक जलाएं. इसके बाद पेड़ की 7 परिक्रमा करें. 

मां लक्ष्‍मी की पूजा 

कार्तिक पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करें. पूजा में लक्ष्‍मी जी को चावल की खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर खूब धन-दौलत, बरकत देती हैं. 

तुलसी पूजा 

कार्तिक महीने में लक्ष्‍मी के स्‍वरूप तुलसी पूजन का विशेष महत्‍व है. उस पर कार्तिक पूर्णिमा का दिन तो तुलसी पूजा करने और मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए विशेष है. आज तुलसी जी की पूजा करें और उनके सामने घी का दीया प्रज्ज्वलित करें. 

चंद्रमा को अर्घ्‍य 

कार्तिक पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपने 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. रात में चंद्रमा को दूध, जल से अर्घ्‍य दें. इसमें शक्कर और सफेद फूल भी मिला लें. ऐसा करने से चंद्र दोष दूर होता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है.

शिव पूजा 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था. इसलिए इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करना चंद्र दोष से मुक्ति दिलाता है. जीवन के कष्‍ट दूर होते हैं.       

G News 24 : जिस बाप ने उसे बेटों की शादी में लगभग 500 करोड़ रुपय खर्च किए उन बेटों नहीं दी मुखाग्नि !

 भारतीय कानून के डर से बेटों ने बड़े ही बेशर्मी से पिता अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया ! 

जिस बाप ने  उसे बेटों की शादी में लगभग 500 करोड़ रुपय खर्च किए उन  बेटों नहीं दी मुखाग्नि ! 

भारत के अरबपति सहारा ग्रुप के मालिक सुब्रत रॉय ने अपने जिन दोनों बेटों(सीमांतू और सुशांतू) की शादी में देश-विदेश के VVIP इक्ट्ठे किए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी के साथ-साथ अनगिनत मंत्री-संत्री उस समारोह में उपस्थित थे। बड़े से बड़े सेलेब्रिटी,बिजनेसमैन, हीरो-हीरोइन, स्पोर्ट्स पर्सन और समाज के खास व बड़ी शख्सियतों ने उस आलिशान शादी में शिरकत की थी। 2004 में अपने  दोनों बेटों की इस शादी एक ही दिन हुई तो 500 सौ करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि ये वो शादी थी जहाँ अमिताभ बच्चन और सलमान खान से लेकर सुष्मिता, ऐश्वर्या ने गेट पर खड़े रह कर सबका स्वागत किया था। क्रिकेटर्स और कई सारी जानी-मानी हस्तियां अतिथियों को खाना खिलाते नजर आईं। बाकी सजावट तो छोड़िए। एक करोड़ रुपए की डिजायनर मोमबत्ती जलाई गई जो डिंपल कपाड़िया की कंपनी पर एहसान जताने के तहत खरीदी गई थी। शादी समारोह में सोने के नेपकिन उपयोग किए गए थे एवं अतिथियों को लाने-जाने के लिए अनगिनत चार्टर विमान उड़ाने भरते नज़र आ रहे थे।

वक्त बदला, हालात बदले... और सुब्रत रॉय जब कानूनी घेरे और जेल के चक्कर में फंसे तो दोनों बेटे हजारों करोड़ रुपए लेकर विदेश जा बसे। अभी दो हफ्ते पहले जब सुब्रत रॉय का निधन हुआ तो यही दोनों बेटे और सुब्रत रॉय की पत्नी उनके अंतिम संस्कार में शामिल तक नहीं हुए। सूत्रों की मानें तो क़रीब दो दिन इंतज़ार के बावजूद जब दोनों बेटे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए तब उनके अन्य लोगों द्वारा उनका अंतिम संस्कार पूरा किया गया। बेटों ने बड़े ही बेशर्मी और ढिठाई से आने में असमर्थता जता दी। शायद डर हो कि केस मुकदमे की गाज बेटों पर न गिर जाए।

ये घटनायें हमें सिखाती हैं कि हम होश में आ जाएं और अपने बच्चों को पैसा कमाने की शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और नैतिकता का पाठ भी पढ़ाएं। उन्हें परिवार और रिश्तों की अहमियत भी बताएं अन्यथा हम केवल मानव बम तैयार करने का कार्य करेंगे। माना पैसा जीवन को आसान बनाता है पर पैसा शांति नहीं दे सकता, हमारी मुसीबतों के समय स्नेह की वो गर्माहट नहीं दे सकता,लाड़ और प्यार की थपकी नहीं दे सकता।

हम पैसे से करोड़ों का बिस्तर खरीद सकते हैं पर नींद नहीं,हम पैसों से अरबों रुपये  का घर बना सकते हैं पर परिवार नहीं, हम पैसे से किताबें खरीद सकते हैं पर ज्ञान नहीं, हम पैसे से दवाई खरीद सकते हैं पर स्वास्थ्य नहीं। इसलिए ये समय है जागने और जगाने का और अपने संस्कार व संस्कृति की तरफ लौटने का वरना हम अपने बच्चों को एक ऐसा जीवन देकर जायेंगे जहाँ वो नोटों की गड्डियों पर बैठकर भी जीवन भर कष्ट और अशांति का अनुभव करेंगे। शायद अपने अनुभव से ही क़भी किसी ने लिखा होगा कि- पूत कपूत तो का धन संचय, पूत सपूत तो का धन संचय।

G News 24 : मात्र 15 माह अंर्तराष्ट्रीय सुविधाओं से सुसज्जित ग्वालियर एयरपोर्ट का 90 प्रतिशत काम पूरा

अगले माह हो सकता है उदघाटन !

मात्र 15 माह अंर्तराष्ट्रीय सुविधाओं से सुसज्जित ग्वालियर एयरपोर्ट का 90 प्रतिशत काम पूरा

ग्वालियर। ग्वालियर में नये एयरपोर्ट का काम लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो गया है। अगले माह इसका उदघाटन भी हो सकता है। यह ऐसा पहला एयरपोर्ट कहलायेगा जिसका निर्माण 15 माह में खत्म होगा।

धीरे-धीरे ग्वालियर अब बदल रहा है। इसके बदलाव में अब नया उदाहरण अंर्तराष्ट्रीय सुविधाओं से सुसज्जित नवीन एयरपोर्ट का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। लगभग सालभर पहले नये एयरपोर्ट निर्माण  के लिये भूमिपूजन किया गया था। तेजी से निर्माण कार्य के चलते लगभग 90 प्रतिशत इसका काम पूरा हो गया है। 

अगले माह नवीन एयरपोर्ट का उदघाटन भी हो सकता है। जिसके चलते 15 माह मे ग्वालियर के नवीन एयरपोर्ट केे तैयार होने का विश्व रिकार्ड बन जायेगा।

G News 24 : सभी टीमों ने मिलकर किया बड़ा कमाल !

 क्रिकेट ODI वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार...

सभी टीमों ने मिलकर किया बड़ा कमाल !

वनडे वर्ल्ड कप 2023 का रोमांच अपने चरम पर है। भारत, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। सेमीफाइनल का एक स्थान बचा हुआ है, जिसके लिए तीन टीमें रेस में बनी हुई हैं। वहीं नीदरलैंड्स, इंग्लैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका टीमें वनडे वर्ल्ड कप 2023 से बाहर हो गईं हैं। इस एडिशन एक ऐसा कारनामा देखने को मिला है, जो इससे पहले वनडे वर्ल्ड कप में नहीं हुआ था। 

इंग्लैंड ने हासिल की जीत 

इंग्लैंड ने नीदरलैंड्स की टीम को 160 रनों से हरा दिया। इंग्लैंड की मौजूदा वर्ल्ड कप में ये दूसरी जीत है। इसी के साथ इंग्लैंड ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा है। वहीं वनडे वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक एडिशन में सभी टीमों ने कम से कम दो मैच जीते हैं। इससे पहले ऐसा करिश्मा नहीं हुआ था। 

स्टोक्स ने लगाया शतक 

नीदरलैंड्स के खिलाफ मैच में इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ। इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स ने धमाकेदार बल्लेबाजी की। उन्होंने तूफानी शतक लगाया। उन्होंने 84 गेंदों में 108 रन बनाए, जिसमें 6 चौके और 6 छक्के शामिल थे। इसके अलावा डेविड मलान ने 87 रन, क्रिस वोक्स ने 51 रनों का योगदान दिया। इन प्लेयर्स की वजह से ही इंग्लैंड की टीम ने 339 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। 

बड़े टारगेट का पीछा करने उतरी नीदरलैंड्स के लिए कोई भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहा। टीम के लिए स्कॉट एडवर्ड ने 38 रन, सायब्रांड एंगलब्रेक्ट ने 33 रन और तेजा निदामांगरू ने 41 रन बनाए। नीदरलैंड्स की पूरी टीम 179 रनों पर ऑलआउट हो गई और इंग्लैंड ने मैच 160 रनों से जीत लिया। इंग्लैंड की वनडे वर्ल्ड कप में ये तीसरी सबसे बड़ी जीत है। इंग्लैंड के लिए मोईन अली और आदिल राशिद ने 3-3 विकेट चटकाए। स्टोक्स को उनकी बेहतरीन पारी के लिए 'प्लेयर ऑफ द मैच' अवॉर्ड दिया गया। 

विश्व कप में इंग्लैंड की सबसे बड़ी जीत 

202 बनाम भारत, 1975

196 बनाम पूर्वी अफ्रीका, 1975

160 बनाम नीदरलैंड, 2023

150 बनाम अफगानिस्तान, 2019

137 बनाम बांग्लादेश,  2023

G News 24 : सरकोपेनिया उम्र बढ़ने पर कंकाल की मांसपेशियों और ताकत का नुकसान ये एक भयानक स्थिति है.

 जैविक घटना (सरकोपेनिया) जो मनुष्यों में बूढ़े होने पर प्रकट होती है...

सरकोपेनिया उम्र बढ़ने पर कंकाल की मांसपेशियों और ताकत का नुकसान ये एक भयानक स्थिति है

  • 1. खड़े रहने की आदत विकसित करें...बस बैठें नहीं! ...और यदि आप बैठ सकते हैं तो लेटें नहीं!
  • 2. यदि कोई बुजुर्ग व्यक्ति बीमार पड़ जाए और अस्पताल में भर्ती हो तो उसे अधिक आराम करने या लेटने और आराम करने के लिए न कहें कि 'बिस्तर से न उठें!'
  • एक सप्ताह तक लेटे रहने से कम से कम 5% मांसपेशियाँ नष्ट हो जाती हैं!
  • और बूढ़ा व्यक्ति अपनी खोई हुई मांसपेशियों को वापस नहीं पा सकता है! आमतौर पर, सहायकों को नियुक्त करने वाले कई वरिष्ठ लोग तेजी से मांसपेशियों को खो देते हैं!
  • 3. सरकोपेनिया ऑस्टियोपोरोसिस से भी ज्यादा भयानक है!
  • ऑस्टियोपोरोसिस के साथ, आपको बस इतना सावधान रहना होगा कि आप गिर न जाएं क्योंकि हड्डियां कमजोर हो गई हैं, जबकि सरकोपेनिया में मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, इसलिए, न केवल जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि अपर्याप्त मांसपेशियों के (घटने के कारण) उच्च रक्त शर्करा भी होता है!
  • 4. मांसपेशी शोष का सबसे तेज़ नुकसान, पैरों की मांसपेशियों में होता है!
  • क्योंकि जब कोई व्यक्ति बैठा या लेटा होता है तो पैर हिलते नहीं हैं और पैरों की मांसपेशियों की ताकत प्रभावित होती है... यह विशेष रूप से बहुत महत्वपूर्ण है!
  • इसलिए, सभी वृद्धों को सरकोपेनिया से सावधान रहना चाहिए!
  • सीढ़ियाँ चढ़ना और उतरना, छोटी दौड़, साइकिल चलाना, पैदल चलना सभी बेहतरीन व्यायाम हैं और मांसपेशियों को बढ़ा सकते हैं!
  • और वृद्धावस्था में सभी के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए यह आवश्यक है...
  • हटो... इन्हें आराम देकर अपनी मांसपेशियों को बर्बाद मत करो !!
  • बुढ़ापा पैरों से ऊपर की ओर शुरू होता है!
  • तो, अपने पैरों को सक्रिय, चुस्त और मजबूत रखें !!
  • ▪️ जैसे-जैसे हम दिन-ब-दिन बड़े होते जाते हैं, हमारे पैर हमेशा सक्रिय और मजबूत रहने चाहिए।
  • ▪️ अगर आप सिर्फ 2 हफ्ते तक अपने पैर नहीं हिलाएंगे तो आपके पैरों की असली ताकत, ---10 साल कम हो जाएगी!!!

 नियमित व्यायाम जैसे पैदल चलना, बहुत महत्वपूर्ण है।

पैर एक प्रकार के स्तंभ हैं जो मानव शरीर का पूरा भार सहन करते हैं।

इसलिए, हर दिन पैदल चलें।

दिलचस्प बात यह है कि किसी व्यक्ति की 50% हड्डियाँ और शरीर की 50% मांसपेशियाँ नीचे की ओर कूल्हे में होती हैं।

क्या आप जागते समय नियमित रूप से टहल रहे हैं?

मानव शरीर के सबसे बड़े और मजबूत जोड़ और हड्डियाँ भी नीचे की ओर कूल्हे में पाई जाती हैं, पैरों में सबसे अधिक घुटने के नीचे की ओर पायी जाती हैं।

मानव जीवन में 70% मानव गतिविधि और ऊर्जा का दहन इन 2 द्विपादों द्वारा किया जाता है।

 पैर शरीर की समस्त गतिविधियों का केंद्र हैं।

  • ▪️ दोनों पैरों में मिलकर मानव शरीर की 50% नसें, 50% रक्त वाहिकाएं और 50% रक्त उनसे होकर बहता है।
  • बुढ़ापा पैरों की उंगलियों और पैरों से ऊपर की ओर शुरू होता है
  • ▪️ पैरों की एक्सरसाइज, सत्तर+ और अस्सी+ की उम्र के बाद भी कभी देर नहीं होती ।
  • ▪️ यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके पैरों को पर्याप्त व्यायाम मिले और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके पैरों की मांसपेशियां स्वस्थ रहें और सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान हर दिन कम से कम 30-40 मिनट चलें।
  • इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वृद्ध मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ साझा करें, क्योंकि हर कोई हर दिन बूढ़ा हो रहा है।

G News 24 : UNESCO ने ग्वालियर को दिया सिटी आफ म्यूज़िक का तमग़ा

 केंद्रिय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता से...

UNESCO ने ग्वालियर को दिया सिटी आफ म्यूज़िक का तमग़ा


ग्वालियर।  मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर बड़ी ख़ुशख़बरी राज्य के लोगों लिए आई है , ग्वालियर चम्बल को यू.एन.ई.एस.सी.ओ. द्वारा सीटी आफ म्यूज़िक के रूप में चुना है । ग्वालियर से महान संगीतकार तानसेन हुए और ग्वालियर की संगीत को संरक्षित व प्रसारित करने का कार्य सिंधिया घराने द्वारा सदियों से किया जा रहा है ।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखी थी चिट्ठी 

ग्वालियर का नाम UNESCO के सिटी में शामिल हो इसके लिए समर्थन पत्र जून के माह में लिखा था । उन्होंने इस पत्र में ग्वालियर के महान सांस्कृतिक व संगीत के इतिहास की चर्चा की व ग्वालियर घराने के महान संगीतकार बैजू बावरा व तानसेन का भी  ज़िक्र किया था । 

आज भी चल रही है गुरु शिष्य परम्परा 

इस समर्थन पत्र में केंद्रीय मंत्री ने ग्वालियर घराने में अभी भी चल रही है गुरु शिष्य परंपरा  की व्याख्या की थी की किस प्रकार आज भी सिंधिया घराने द्वारा एतिहासिक संगीत व पारम्परिक वाद्ययंत्र को बजाने वाले कलाकार व उनकी कला जीवित रहे इसके लिए सिंधिया घराने द्वारा उनका संरक्षण किया जाता है ।  

ग्वालियर को UNESCO द्वारा चयनित किए जाने के बाद अब ग्वालियर के संगीत को विश्व पटल पर एक नई पहचान मिलेगी व एक नई उड़ान भी होगी जहां अब विश्व म्यूज़िक पटल पर ग्वालियर का नाम होगा । अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम अब ग्वालियर में होंगे व इस पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा । 

अपने पूर्वजों की तरहसिंधिया कर रहे क्षेत्र का विकास व परम्पराओं का संरक्षण 

 केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हमेशा से ग्वालियर के संगीत , कला को संरक्षण व शहर के विकास के लिए कई कार्य किए है ।  हाल में ग्वालियर क्षेत्र की सुंदरता बढ़े व शहर विश्व विकसित शहर के मापदंडों पर खरा उतरे इसके लिए विकास के कई कार्य कराए है । हाल में ग्वालियर एअरपोर्ट का विस्तार , ग्वालियर के मयुंसिपल मार्केट व बाड़ा का जीर्णोद्धार भी शामिल है । 

इतिहास में वर्णित है सिंधिया परिवार ग्वालियर घराने के संगीत व कलाकारों को संरक्षित करने के लिए हमेशा तत्पर रहे है । ग्वालियर को हासिल हुई इस उपलब्धि को जानकार सिंधिया घराने और ख़ास कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लगातार उठाए गए कदमों से जोड़ कर देख रहे है ।

G News 24 : जमीन के अंदर बसा है पूरा शहर, बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक !

 घूमने-फिरने के लिए पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है...

जमीन के अंदर बसा है पूरा शहर, बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक !

अजब-गजब इस दुनिया में कई सारी जगह मौजूद है जो अपनी किसी न किसी खासियत के चलते दुनिया भर में पहचानी जाती है। कोई इमारत अपनी ऊंचाई की वजह से प्रसिद्ध है तो कोई दुनिया का सबसे विशाल स्टैच्यू है। इन सबसे अलग आज हम आपको जिस जगह के बारे में बता रहे हैं वह हैरान कर देने वाली है क्योंकि यह पूरी तरह से जमीन के अंदर बसी हुई है यानी कि अंडरग्राउंड है। जाहिर सी बात है यह सुनकर आपको हैरानी जरूर हुई होगी लेकिन इस जगह पर सुपरमार्केट, दुकान, होटल, चर्च हर सुविधा मौजूद है, लेकिन जमीन के नीचे।

हैरान कर देने वाली यह जगह साउथ ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में बसी हुई है और इस जगह का नाम कूबर पेडी है। ये अनोखी जगह हमेशा से ही लोगों को आकर्षित करती आई है और इसके जमीन के अंदर होने और यहां मौजूद चीजों के बारे में जानने के लिए सभी हैरान रहते हैं। चलिए आज इसके बारे में जानते हैं।

कूबर पेडी को ओपल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड के नाम से भी पहचाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह जिस जगह पर मौजूद है, वहां पर ओपल की बहुत सारी खदानें हैं। जो काफी महंगा रत्न है और इसे अंगूठी में लगाकर पहना जाता है। यहां की खाली पड़ी खदानों में लोग रहते हैं।

जमीन के अंदर 1500 घर

इस जगह पर जमीन के अंदर करीबन 1500 घर बने हुए हैं जिन्हें बाहर से देखने पर यह बिल्कुल नॉर्मल नजर आते हैं। जब आप इनके अंदर जाएंगे तो आपके यहां पर सुख सुविधा की हर चीज मिलेगी। जमीन के अंदर होने के बावजूद भी यहां ना तो ज्यादा सर्दी होती है और ना ही गर्मी। गर्मी के दिन में यहां कूलर और एसी की जरूरत नहीं पड़ती और सर्दियों में थोड़ा बहुत हीटर लगाना पड़ता है।

मिलती है ये सुविधा

जो लोग जमीन के अंदर बसी इस अनोखी जगह को देखना चाहते हैं उनके लिए यहां पर अंडरग्राउंड होटल भी बनाए गए हैं। यहां पर एक रात रुकने के लिए पर्यटकों को 12000 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ते हैं। इसके अलावा यहां पर पूल गेम, क्लब, डबल बेड और सिंगल बेड के कमरे, किचन और सोफे जैसी फैसिलिटी भी प्रोवाइड करवाई जाती है।

फिल्मों की शूटिंग

यहां रहने वाले लोगों का रहन-सहन काफी अलग है जो अक्सर ही पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां पर ‘पिच ब्लैक’ जैसी कुछ हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है। जब इस फिल्म की शूटिंग हुई थी उसके बाद इसमें उपयोग किया गया स्पेस शिप यही छोड़ दिया गया था जब यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

G News 24 : सपाइयों ने मनायी बहुजन नायक कांशीराम की पुण्यतिथि !

 वोट पॉलिटिक्स ...

सपाइयों ने मनायी बहुजन नायक कांशीराम की पुण्यतिथि !

ललितपुर। जिला समाजवादी पार्टी कार्यालय पर बहुजन नायक, जन जन के नेता कांशीराम जी की पुण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष नेपाल सिंह ने की। इस मौके पर कांशीराम के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का आवाहन किया गया। सर्वप्रथम बहुजन नायक कांशीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए गए। इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष ने कांशीराम को गरीब, किसान, युवा, शोषित, वंचितों का मसीहा बताया। 

उन्होंने कहा कि कांशीराम ने शोषित समाज को जगाने का काम किया है। उन्ही की देन है कि आज दलित व शोषित अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। उनके द्वारा समाज उत्थान के लिए अनेक आन्दोलन चलाए गये। इसी का नतीजा है कि आज अनुसूचित, पिछड़ी जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को उनका हक मिल रहा है। कार्यक्रम को बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी जिलाध्यक्ष तुलसीराम गौतम, अनुसूचित जनजाति के जिलाध्यक्ष जयराम गौतम सहित अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया। 

इस दौरान विधायक प्रतिनिधि विजय सिंह यादव, नगराध्यक्ष अंशुल खजुरिया, निवर्तमान मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड प्रदेश सचिव राम प्रताप सिंह, पिछड़ा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत, गौरव विश्वकर्मा, शाकिर अली, अजब सिंह यादव, हरी सिंह यादव जिजयावन, धर्मेंद्र सिंह यादव, रामरतन यादव, बालमुकुंद, राहुल अहिरवार, राममूर्ति तिवारी, राहुल अहिरवार, मोहन घायल, अशोक कुमार, जयसिंह यादव, बिट्टू यादव, प्रवेश गौतम, बृजेश कुमार, प्रीतम गौतम आदि मौजूद रहे।

G News 24 : आध्यात्मिक यात्रा पर आए 3 रशियन जोड़ों ने हिंदू विधि-विधान से रचाई शादी

 हरिद्वार के आश्रम में लिए सात फेरे...

आध्यात्मिक यात्रा पर आए 3 रशियन जोड़ों ने हिंदू विधि-विधान से रचाई शादी

हरिद्वार l विदेशी संस्कृति और नई-नई परंपराओं के साथ होने वाली हाई प्रोफाइल शादियां तो आपने खूब देखी होंगी, लेकिन आज हम आपको रूस के 3 जोड़ों की हिंदू रीति-रिवाज वाली शादी के बारे में बताने जा रहे हैं। इन 3 रशियन जोड़ों को भारतीय परंपरा इतनी भा गई कि उन्होंने हरिद्वार के एक आश्रम में हिंदू विधि विधान से शादी रचा ली। देसी बैंड पर बजतीं देसी धुनें और उन पर थिरकती विदेशी युवतियों को देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई म्यूजिकल प्रोग्राम हो रहा है, लेकिन ये सब 3 रूसी जोड़ों की शादी के दौरान हो रहा था।

आध्यात्मिक यात्रा पर हरिद्वार पहुंचे थे रशियन

धर्मनगरी हरिद्वार में अखंड परमधाम आश्रम के आंगन में रूसी नागरिकों की शादी वैदिक तौर-तरीके से संपन्न हुई। अखंड परमधाम आश्रम के अध्यक्ष और वरिष्ठ संत स्वामी परमानंद गिरि के विदेश में कई अनुयायी हैं। इन विदेशी अनुयायियों का हरिद्वार स्थित आश्रम में भी आना-जाना लगा रहता है। कुछ दिनों पहले रूस के 50 नागरिकों का दल आध्यात्मिक यात्रा पर हरिद्वार पहुंचा था। इन सभी ने यहां पर योग और ध्यान कर भारतीय संस्कृति के बारे में जाना था। भारतीय संस्कृति से रूबरू होकर रूसी दल के 3 जोड़े इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने की ठान ली।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जोड़ों ने लिए 7 फेरे

वरिष्ठ संत स्वामी परमानंद गिरि के मुताबिक, भारत की परिवार व्यवस्था से प्रभावित होकर रूसी नागरिकों ने वैदिक परंपरा से शादी करने का फैसला लिया। विवाह के दौरान सभी रीति-रिवाजों का पालन किया गया। पारंपरिक दूल्हों वाली लाल शेरवानी और पगड़ी पहन कर सजे तीनों दूल्हों की बारात निकाली गई, जिसमें उनके साथियों ने भारतीय धुनों पर जमकर डांस किया। बारात में रूसी नागरिकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। दूल्हा और दुल्हन ने भगवान के मंदिर में आशीर्वाद लिया और एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अग्नि को साक्षी मानकर 7 फेरे भी लिए और जीवन भर एक दूसरे के साथ रहने का वचन दिया।