G News 24 : भैंस मंगलसूत्र निगल गई डेढ़ लाख रुपये की कीमत मंगलसूत्र

 अरे गजब !

 भैंस मंगलसूत्र निगल गई डेढ़ लाख रुपये की कीमत मंगलसूत्र  

महाराष्ट्र के वाशिम जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां की एक भैंस ने गलती से मंगलसूत्र खा गई। पशु वैद्यकीय अधिकारी ने ऑपरेशन कर भैंस के पेट से ढाई तोले सोने का मंगलसूत्र निकाला, जिसकी कीमत तकरीबन डेढ़ लाख रुपये है। घटना जिले के सारसी गांव की है।

छिलकों के बीच छिप गया

गांव के रामहरि नाम के किसान की पत्नी ने नहाने जाते समय सोयाबीन और मूंगफली के छिलकों वाली प्लेट में अपना मंगलसूत्र रख दिया था। इस दौरान मंगलसूत्र छिलकों के बीच छिप गया। नहाने से आने के बाद किसान की पत्नी ने छिलकों वाली प्लेट भैंस के सामने खाने को रख दिया और घर के कामों में लग गई। करीब डेढ़ से दो घंटे बाद महिला को अपने गले में मंगलसूत्र ना होने का एहसास हुआ।

याद आया तो ढूढ़ने लगी महिला

इसके बाद महिला अपना मंगलसूत्र ढूढ़ने लगी। काफी देर ढूंढने के बाद उसे याद आया कि उसने अपना मंगलसूत्र प्लेट में रखा था। इसके बाद वह दौड़कर भैंस के पास पहुंची, तो देखा कि भैंस छिलका खा चुकी है और प्लेट खाली पड़ी है। उसने तुरंत यह बात अपने पति को बताई। किसान रामहरि भोयर ने वाशिम के पशुवैद्यकीय अधिकारी बालासाहब कौंडाने को फोन पर ये बात बताई। डॉक्टर ने भैंस को वाशिम लाने के लिए कहा।

भैंस के पेट से निकला मंगलसूत्र

किसान रामहरि अपनी भैंस को लेकर वाशिम के पशुसंवर्धन कार्यालय पहुंचा। डॉक्टर ने भैंस के पेट का निरीक्षण मेटल डिटेक्टर से किया, तो पता चला कि भैंस के पेट में कुछ है। दूसरे दिन भैंस के पेट का ऑपरेशन किया गया। पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉक्टर बालासाहब कौंडाने ने बताया कि 65 टांके का यह ऑपरेशन दो से ढाई घंटे चला और भैंस के पेट से सोने का मंगलसूत्र निकाला गया। डॉक्टर ने सभी पशुपालकों से गुजारिश की है कि चारा या कुछ और खिलाते समय थोड़ी सावधानी बरतें।

G News 24 : मनरेगा में सरपंच-सचिव ने मिलकर किया महाघोटाला !

 जब सरपंच बदला तो हुआ खुलासा...

मनरेगा में सरपंच-सचिव ने मिलकर किया महाघोटाला !



G News 24 : 32 साल की उम्र में 96 बच्चों का बाप !

 आदमी है या रोबोट...

32 साल की उम्र में 96 बच्चों का बाप !

अमेरिका l एक शख्स को 32 साल की उम्र में 96 बच्चों का बाप बनने का गौरव हा‎लिस है। अब वह अपने बच्चों से ‎मिलने के ‎लिए अपनी नौकरी छोड़ चुका है। आपको सुनकर हैरानी हो रही होगी, ले‎किन यह बात ‎बिलकुल सच है। एक शख्स इसी दुनिया में ऐसा है, जिसके कुल 96 बायलॉजिकल बच्चे हैं। वो अपने सारे बच्चों को जानता भी नहीं था लेकिन जब उनसे मिलने की सोची तो उसे अपनी नौकरी तक छोड़नी पड़ी, तब जाकर वक्त निकल सका। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि इतने बच्चों के पिता की उम्र सिर्फ 32 साल है और अपने 96 बच्चों में से सिर्फ 25 को ही जानता है। ‎मिली जानकारी के अनुसा अमेरिका की जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के छात्र रह चुके शख्स ने अपने कॉलेज के दिनों से ही कपल्स को माता-पिता बनने में अपनी मदद देनी शुरू की और 6 साल की पढ़ाई के दौरान वो 96 बच्चों का पिता बन गया। एक मी‎डिया रिपोर्ट के मुताबिक डायलन ने 6 साल के अपने कोर्स के दौरान पैसे कमाने के लिए स्पर्म डोनेशन का काम किया था। वो इसके हर सेशन के लिए 8200 रुपये चार्ज करता था और इस तरह पैसे कमाकर अपनी ज़रूरतों पर खर्च करता था।

डायलन ने अपने जैविक बच्चों के 18 साल के होने के बाद स्पर्म बैंक को अपनी जानकारी शेयर करने की इज़ाजत दे दी। तब से उसके बच्चों से उसकी मुलाकात होनी शुरू हो गई। सबसे पहले साल 2020 में उसे 6 साल की बेटी और उसकी बहन से डायलन की मुलाकात हुई थी। दोनों ही उसकी बेटियां थीं। अपनी स्पर्मबैंक आईडी को उसने जब फेसबुक ग्रुप से जोड़ा तो उसे बहुत से ऐसे माता-पिता मिले, जिनका परिवार बसाने में उसने मदद की थी। अब तक वो अपने 23 बायलॉजिकल बच्चों से मिल चुका है। उसने इसी काम के लिए नौकरी भी छोड़ दी है और अब तक 9000 मील का सफर बच्चों को ढूंढने में तय कर चुका है।

G News 24 :वेंटिलेटर पर पड़ी ब्रेन डेड महिला ने बच्चे को दिया जन्म !

  सिरदर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में हुई थी भर्ती ...

वेंटिलेटर पर पड़ी ब्रेन डेड महिला ने बच्चे को दिया जन्म !

अमेरिका में एक प्रेग्नेंट महिला को सिरदर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर्स ने जांच के बाद उसे ब्रेन डेड भी घोषित किया गया. अब आप सोच रहे होंगे कि गर्भ में पल रहे बच्चे का क्या हुआ होगा. डॉक्टरों ने चुनौती स्वीकार करते हुए महिला का ऑपरेशन किया और स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ.

जिस समय उसे भर्ती कराया गया था वो सिरदर्द की समस्या से जूझ रही थी, उसके बाद उसे झटके भी आने लगे. स्कैन के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. अब चूंकि वो प्रेग्नेंट थी लिहाजा सवाल उठा कि गर्भ में पल रहे बच्के का क्या किया जाए. मेडिकल फील्ड के अलग अलग विशेषज्ञों और परिवार से बातचीत के बाद प्रेग्नेंसी को बनाए रखने का फैसला लिया गया. 

क्या ब्रेन डेड महिला बच्चे को जन्म दे सकती है. यह खुद अपने आपमें जटिल सवाल है लेकिन यह सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है. हाल ही में एक ब्रेन डेड महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म देकर विज्ञान जगत को भी हैरान कर दिया है. हाल ही में इस तरह के 35 केस पर विस्तार से अध्ययन में मिला कि 27 महिलाओं ने जीवित बच्चे को जन्म दिया था जिनमें तीन सामान्य डिलिवरी थी. डॉक्टरों ने कहा कि अलग अलग केस में न्यूमोनिया और सेप्सिस की शिकायत भी मिली थी.

ब्रेन डेड हो गई थी महिला

शोधकर्ता बताते हैं कि इस तरह की सूरत में बच्चे को बचाने रखना बड़ी चुनौती की तरह थी. लेकिन चुनौती का सामना करने का फैसला लिया गया. ब्रेन डेड मरीज को वेंटिलेटर पर रख नैसोगैस्ट्रिक फीडिंग ट्यूब की मदद से थायरॉक्सिन स्तर ,ब्लड प्रेसर लेवल को को नियंत्रित किया गया. यही नहीं शरीर में खून के थक्के ना बनें इसके लिए ब्लड थिनर को इस्तेमाल में लाया गया. इस तरह से सभी चुनौतियों से निजात पाकर ब्रेन डेड महिला का ऑपरेशन कर बच्चे की डिलिवरी कराई गई. डॉक्टरों का कहना है कि इस केस के आने के बाद उन 35 केस को अध्ययन का हिस्सा बनाया गया जो ब्रेन डेड मरीज होने के साथ गर्भवती थीं. डॉक्टरों के मुताबिक ब्रेन डेड महिलाओं में डिलिवरी के बाद सेप्सिस जैसी परेशानी भी देखी गई थी.

G News 24 : दो साल की अबोध बच्ची के साहस और समझदारी से बची उसकी मां की जान !

 

दो साल की अबोध बच्ची के साहस और समझदारी से बची उसकी मां की जान !

G News 24 : अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की लापरवाही से हुआ 22000 करोड़ का स्कॉलरशिप घोटाला !

 अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की लापरवाही से हुआ 22000 करोड़ का स्कॉलरशिप घोटाला !



G News 24 : 26 साल पहले यात्री को 6 रुपए ना लौटाना पड़ गया भारी चली गई सरकारी नौकरी !

 ठोस सबूतों के आधार पर हुई बेईमानी साबित ....

26 साल पहले यात्री को 6 रुपए ना लौटाना पड़ गया भारी चली गई सरकारी नौकरी !

मुंबई। बाजार में खुले पैसे ना होने की समस्या से अक्सर सभी को कभी ना कभी दो -चार होना ही पड़ता है। आपको भी इस समस्या का सामना करना पड़ा होगा। मान लीजिए आपने कभी 99 रुपए का सामान ख़रीदा है और दुकानदार को 100 का नोट दिया। लेकिन दुकानदार कहता है कि उसके पास खुल्ले पैसे नहीं हैं। कई बार आप उन्हें छोड़ देते होंगे या कई बार उस एक रुपए का भी कुछ ना कुछ खरीद लेते होंगे। शॉपिंग मॉल में तो अक्सर यही किया जाता है। वहां अगर आप कैश में पेमेंट करते हिं और अगर आपके 2-3 रुपए बचते हैं तो वह आपको टॉफी दे देते हैं। 

रेलवे के एक टिकट काटने वाले क्लर्क ने आज से 26 साल पहले मुंबई में भी कुछ ऐसा ही किया। उसने यहां यात्री को छह रुपये नहीं लौटाए। उसे ये 6 रुपए बहुत भारी पड़ गए। 26 साल पुराने इस मामले में दोषी क्लर्क राजेश वर्मा की नौकरी चली गई। वहीं, अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी दोषी क्लर्क को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने को उसके बकाया पैसे नहीं लौटाए, यह एक अपराध है और रेलवे ने उसके खिलाफ जो कार्रवाई की है, वह बिलकुल सही है।

6 रुपए का ये है मामला 

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 30 अगस्त 1997 को बुकिंग क्लर्क राजेश  वर्मा कुर्ला टर्मिनस जंक्शन मुंबई में कंप्यूटरीकृत करंट बुकिंग कार्यालय में यात्रियों के टिकट बुक कर रहे थे। टिकट लेने वाली लाइन में आरपीएफ का जवान नकली यात्री बनकर लगा हुआ था। आरपीएफ जवान ने उनसे कुर्ला टर्मिनस से आरा तक के लिए टिकट मांगा। कुर्ला टर्मिनस से आरा तक का किराया 214 रुपये था। इस पर नकली यात्री बने आरपीएफ जवान ने उन्हें 500 का नोट दिया। ऐसे में क्लर्क ने 286 लौटाने थे बावजूद इसके उन्होंने केवल 280 रुपये लौटाए। दरअसल विजिलेंस को आरोपी के खिलाफ शिकायत मिल चुकी थी, जिसके बाद उन्होंने यह पूरा जाल बिछाया था।

विजिलेंस टीम ने छापा मारकर बरामद किए रुपए 

इसके बाद विजिलेंस टीम ने बुकिंग क्लर्क राजेश वर्मा के टिकटिंग काउंटर पर छापा भी मारा। जब जांच की गई तो टिकट बिक्री के हिसाब से उनके रेलवे कैश में 58 रुपये कम थे। साथ ही क्लर्क की सीट के पीछे एक अलमारी से 450 रुपये बरामद किए गए। विजिलेंस टीम ने कहा था कि यह राशि यात्रियों से अधिक किराया वसूल करके इकट्ठा की गई थी। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और फरवरी 2002 में उसे दोषी करार देते हुए नौकरी से निकाल दिया गया। 

हाईकोर्ट ने भी आरोपी को राहत देने से किया इनकार 

आरोपी क्लर्क इस आदेश के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण के पास पहुंचे। हालांकि जुलाई 2002 में उनकी अपील को खारिज कर दिया गया। बाद में वर्मा 2002 में इस मामले को लेकर पुनरीक्षण प्राधिकरण (कैट) के पास भी गए, जहां 2003 में उनकी दया याचिका भी खारिज कर दी गई। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। जहां सभी पक्षों को सुनने के बाद सात अगस्त को अदालत ने पुनरीक्षण प्राधिकरण (कैट) के आदेश को बरकरार रखते हुए क्लर्क को राहत से इनकार कर दिया। 

G News 24 :नौकरी पूरी...रिटायरमेंट भी हो गया और उसके बाद मिला टीचर को प्रमोशन !

 म.प्र. में शिक्षा विभाग का गजब कारनामा...

नौकरी पूरी...रिटायरमेंट भी हो गया और उसके बाद मिला टीचर को प्रमोशन !

छिंदवाड़ा। कार्यकाल पूरा होने पर स्कूल में शिक्षक और बच्चों ने मिलकर शिक्षिका का विदाई समारोह आयोजित किया और फिर 5 दिन बाद शिक्षिका का प्रमोशन लेटर जारी होता है. ये एमपी में ही मुमकिन है कि सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका जो 31 जुलाई को रिटायर हो जाती हैं. बाकायदा स्कूल में उनका विदाई समारोह आयोजित होता है और फिर रिटायरमेंट के पांच अगस्त को उनका प्रमोशन लैटर आता है और उन्हें शिक्षिका से प्रभारी प्राचार्य बना दिया जाता है. इसलिए कहते हैं एमपी अजब है एमपी गजब है.रिटायरमेंट के बाद जारी हुआ प्रमोशन लेटर:शिक्षा विभाग भी गजब है. यहां पर पांच दिन पहले जिस शिक्षिका के रिटायर होने पर समारोह पूर्वक विदाई दी गई. उसी शिक्षिका को पांच दिन बाद प्रमोशन का आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया. मामला एमएलबी स्कूल का है जहां 31 जुलाई को शिक्षिका को रिटायर होने के बाद पांच अगस्त को उच्च पद पर प्रभार देने का आदेश जारी हो गया है. यहां विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ''यह प्रक्रिया भोपाल से होती है और गलती भी वहीं से हुई है.''

स्कूल में शिक्षिका का विदाई समारोह: दरअसल एमएलबी स्कूल में पदस्थ व्याख्याता जुलाई में सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, जिसके लिए एमएलबी स्कूल में विदाई समारोह भी आयोजित किया गया था. लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने 5 अगस्त को एक आदेश जारी करते हुए इन्हें जवाहर कन्या शाला छिंदवाड़ा में प्राचार्य पद का प्रभार देने का आदेश जारी कर दिया है. इसके बाद अब विभागीय अधिकारी वरिष्ठ कार्यालय से होने वाली गलती बता रहे हैं. स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल से जारी हुआ आदेश: इस मामले में शिक्षिका ने बातचीत करते हुए नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि ''शासकीय नियम के अनुसार वह 31 जुलाई को रिटायर हो चुकी हैं.'' उन्होंने बताया कि ''स्कूल शिक्षा विभाग के राजपत्रित सेवा भर्ती नियम के उच्च पद का प्रभार दिए जाने का प्रावधान किया गया है. इसी के तहत व्याख्याता को प्राचार्य हाईस्कूल जवाहर कन्या शाला कर दिया गया है. जारी आदेश के अनुसार अगले सात दिनों के भीतर उन्हें निर्धारित स्थल पर ज्वाइनिंग देने को कहा गया है.''

गलती से जारी हुआ आदेश: जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल ने बताया कि ''उच्च पद पर प्रभार दिए जाने की प्रक्रिया हुई है. एमएलबी की रिटायर व्याख्यता का आदेश भोपाल कार्यालय से जारी हुआ है. भोपाल कार्यालय से यह गलती से जारी हुआ होगा इसकी सूचना विभागीय तौर पर दी जाएगी.'' वहीं, शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल के प्रिंसिपल भारत सोनी ने बताया कि ''31 जुलाई को शिक्षिका सेवानिवृत्त हो चुकी हैं लेकिन शासकीय जवाहर कन्या शाला विचार पर प्रमोशन देने के स्कूल शिक्षा विभाग से आदेश जारी हुए हैं. इसकी सूचना वरिष्ठ कार्यालय को दी गई .

G News 24 :फोटोशॉप की मदद से स्वयं को नरसिंहपुर का कलेक्टर बता फोटो किया वायरल

 महाराष्ट के गोदिंया जिला निवासी राहुल गिरी का  लैब टैक्नीशियन ....

फोटोशॉप की मदद से स्वयं को नरसिंहपुर का कलेक्टर बता फोटो किया वायरल 

नरसिंहपुर। सोशल मीडिया में नरसिंहपुर कलेक्टर का पदभार ग्रहण करते हुए एक युवक द्वारा फोटो वायरल की गई थी। वायरल किये गए एक फोटो में वर्तमान कलेक्टर ऋजु बाफना द्वारा युवक का बुके देकर स्वागत करते हुए दिखाई दे रही थी। दूसरे फोटो में युवक नरसिंहपुर कलेक्टर की कुर्सी पर बैठे हुए दिख रहा था। नरसिंहपुर कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण का फर्जी फोटो वायरल करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फोटो में नरसिंहपुर कलेक्टर ऋजु बाफना स्वयं युवक को बुके देकर उसका स्वागत कर रही थीं। वायरल फोटो देखकर नरसिंहपुर कलेक्टर भी अचंभित रह गईं। युवक ने किराये की गाड़ी में बकायदा अपर सचिव भी लिखा रखा था।बता दें कि

वायरल फोटो देखकर वर्तमान नरसिंहपुर कलेक्टर ऋतु वाफना अंचभित हो गई थीं। उन्होंने इस मामले में आरोपी युवक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे।डीएसपी सुनील नेमा ने बताया कि युवक की शिनाख्त के लिए सायबर सेल की मदद ली गई। युवक ने जिस नंबर से सोशल मीडिया में फोटो वायरल की थी। उसकी लोकेशन जबलपुर जिले के तिलवारा थानांतर्गत शास्त्री नगर मिली थी। पुलिस ने दबिश दी तो उसके घर के बाहर अधिकारी जैसी एक गाड़ी मिली। इस पर अपर सचिव लिखा हुआ था। युवक ने घर व गाड़ी किराये में लेकर रखी गई थी।

युवक की पहचान महाराष्ट के गोदिंया जिला निवासी राहुल गिरी के रूप में हुई है। वह बीएससी तक पढ़ा हुआ है और लैब टैक्नीशियन के रूप में प्राइवेट जॉब करता था। उसके पिता भी प्राइवेट जॉब करते हैं। युवक ने फोटोशॉप में एडिट कर फोटो वायरल की थी। प्रारंभिक जांच में युवक का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। तिलवारा थाने में धोखाधड़ी व जालसाजी की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।


G News 24 : GR मेडीकल कॉलेज के डॉक्टर हैं तो सरकारी लेकिन कर रहे हैं निजी हॉस्पीटल की ब्रांडिग !

GR मेडीकल कॉलेज के दो प्रोफेसर जिनमे से एक आर्थोपैडिक विभाग के एचओडी और दूसरे एनेस्थिसिया विभाग प्रमुख हैं ...

       GR मेडीकल कॉलेज के डॉक्टर  हैं तो सरकारी लेकिन कर रहे हैं  निजी हॉस्पीटल की ब्रांडिग !

ग्वालियर । आज एक तस्वीर और के साथ एक खबर सामने आई है उससे तो लगता है कि कुछ डॉक्टर कागजों पर नौकरी तो सरकारी करते है लेकिन मेहनत कहीं और ही कर रहे है वो फाईव स्टार हॉस्पीटल चलाने में व्यस्त है। जब ऐसा करने वाले बेहद सीनियर डॉक्टर जो जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन भी रह चुके हो तो अब क्या ही कहा जाए। यूं तो ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह में अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और बदइंतजामी की खबरें सुर्खियां बना करती है यहां के कई वरिष्ठ चिकित्सक इसके लिए भी अक्सर एक दूसरे पर आरोप मढ़ा करते है। 

लेकिन 8 अगस्त 2023 को ग्वालियर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित एक निजी अस्पताल लिंक हॉस्पीटल में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया जाता है इस पत्रकारवार्ता में हॉस्पीटल में विश्वस्तरीय इमरजेंसी विभाग के शुभारंभ की जानकारी दी जाती है बताया जाता है कि ये जो हॉस्पीटल शुरू होने वाला इमरजेंसी मेडीसिन विभाग, इंडो-यूके हेल्थकेयर एलायंस का पहला मुख्य केंद्र है।

हॉस्पीटल के संबंध में और भी अन्य जानकारियां पत्रकारों को देने के लिए चार चिकित्सक हॉस्पीटल की ब्रांडिग करने वाले बैनर के सामने बैठे थे। बेहद ताज्जुब की बात है कि उनमें से दो वर्तमान में ग्वालियर के जीआर मेडीकल कॉलेज में प्रोफेसर है ये दो प्रोफेसर हैं डॉ. आर्थोपेडिक विभाग के समीर गुप्ता और एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. जितेंद्र अग्रवाल।

डॉ. समीर गुप्ता तो जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन भी रह चुके है और वर्तमान में आर्थोपैडिक विभाग के एचओडी है। और जीआरएमसी के बेहद सीनियर डॉक्टर है। सरकारी मेडीकल कॉलेज में नौकरी के दौरान निजी अस्पताल में बैठकर पत्रकारवार्ता लेना और पत्रकारों को उस अस्पताल की खूबियां गिनाना म.प्र. शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के कौनसे नियम में है। ये काफी अचंभे की बात है। डॉ समीर गुप्ता ने तो इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक और डिजीटल मीडिया को इंटरव्यू तक दिए है।

डॉक्टर समीर गुप्ता और डॉ जितेंद्र अग्रवाल के इस  हॉस्पीटल के प्रति इस लगाव और समर्पण को देखकर लगता है कि वो जीआरएमसी के विधार्थियों और जयारोग्य अस्पताल समूह के मरीजों को अपना बहूमूल्य समय कितनी मुश्किल से दे पाते होंगें। या फिर दोनों जगह सांमजस्य बिठाने में उन्हे कितनी मशक्कत करनी पड़ती होगी।

इनका कहना है

अगर जीआर मेडीकल कॉलेज के डॉक्टर्स द्वारा इस तरह निजी अस्पताल में पत्रकारवार्ता ली गई है और उस हॉस्पीटल की ब्रांडिग की गई है तो ये काफी गलत है। और नियमविरूद्ध है। कोई भी सरकारी चिकित्सक इस तरह नही कर सकता। जहां तक एक्शन लेने की बात है तो ये मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है

- डॉ अक्षय निगम, डीन,GR मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर


G News 24 : SC के फैसले पर इतनी खुशी कि इरफान अंसारी ने राहुल को ही बता दिया 'स्वर्गीय'

 कांग्रेस MLA के अजब-गजब कारनामे ! 

SC के फैसले पर इतनी खुशी कि इरफान अंसारी ने  राहुल को ही बता दिया 'स्वर्गीय'

राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों में खुशी माहौल था. राहुल गांधी के हक में फैसला आने पर खुशी इतनी ज्यादा हो गई कि जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी की एक बार फिर जुबान फिशल गई. दरअसल, विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते समय राहुल गांधी को स्वर्गीय बता डाला. इसके बाद इरफान अंसारी यह वीडियो सोशल मीडिया तेजी से वायरल हो गया. 

दरअसल, वीडियो में देखा जा सकता है कि इरफान अंसारी ने जैसे ही राहुल गांधी को स्वर्गीय बोला तुंरत उनके अगल-बगल खड़े लोग उनको रोकते दिखे. बता दें कि, राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिली राहत पर इरफान मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय राजीव गांधी का डिजिटल इंडिया में दिया हुआ योगदान बता रहे थे, लेकिन, गलती से उन्होंने कह दिया कि डिजिटल इंडिया स्वर्गीय राहुल गांधी की देन थी. हालांकि, मौके पर उपस्थित कांग्रेस के ही विधायक उमाशंकर अकेला द्वारा उनकी गलती को ठीक किए जाने के बाद उन्होंने सुधार किया, लेकिन उनका यह बयान इंटरनेट पर वायरल हो गया.

इससे पहले इरफान अंसारी ने बुधवार को झारखंड विधानसभा की कार्रवाई के दौरान कहा था कि बाबूलाल जी इतना तेज कैसे हो गए हैं? हमको समझ में नहीं आता है. आप एक आदिवासी नेता हैं. आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है. विधायक इरफान अंसारी के इस बयान के बाद झारखंड बीजेपी नेता कांग्रेस और जामताड़ा विधायक पर हमलावर हो गए उन्होंने कांग्रेस विधायक को आदिवासी विरोधी और उनके इस बयान को आदिवासियों का अपमान बताया.

G News 24 :गांव का मोबाइल नेटवर्क सुधरवाने के लिए HC में सरपंच ने लगाई याचिका !

 मध्य प्रदेश की खंडपीठ ग्वालियर हाईकोर्ट में...

गांव का मोबाइल नेटवर्क सुधरवाने के लिए HC में सरपंच ने लगाई याचिका !

ग्वालियर। सरकार और मोबाइल कंपनियां दावे तो करतीं है 5 जी की स्पीड से नेट और बेहतरीन कॉल नेटवर्क की, लेकिन उपभोक्ताओं को जो स्पीड मिल रही है जिस प्रकार का नेटवर्क मिलता है हम और आप भली-भांति जानते है और कई स्थानों पर तो ये भी उपलब्ध नहीं है यही कारण है कि मध्य प्रदेश की खंडपीठ ग्वालियर हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है. हाईकोर्ट में एक सरपंच ने अपनी ग्राम पंचायत में नेटवर्क सुधरवाने के लिए एक याचिका दायर की है. भिंड जिले के दोहई ग्राम पंचायत के सरपंच ने अपनी याचिका में कहा है कि "उसके ग्राम पंचायत के 5 गांव बीहड़ में बसे हुए हैं. इस कारण मोबाइल के नेटवर्क में काफी परेशानी आती है. इसके चलते मनरेगा का काम प्रभावित हो रहा है. मोबाइल नेटवर्क ना आने के कारण ग्राम पंचायत में कई विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं." सरपंच ने पहले इसकी शिकायत दूरसंचार विभाग को की थी, लेकिन कोई हल न निकलने के कारण उसने अब हाईकोर्ट में दरवाजा खटखटाया है.

सरपंच ने नेटवर्क ठीक कराने लगाई हाईकोर्ट में गुहार:मध्यप्रदेश के भिंड जिले में स्थित रोन तहसील की दोहई ग्राम पंचायत प्रदीप कुशवाह ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क ना आने से काफी परेशान है. यही कारण है कि जब उसने अधिकारियों के चक्कर काटे और उसका हल नहीं निकला तो सरपंच ने हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए इस समस्या का हल करने के लिए निवेदन किया है. सरपंच प्रदीप कुशवाहा ने बताया है कि "उसकी ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क ना आने के कारण पंचायत के कई विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. सबसे बड़ी परेशानी मनरेगा के कार्यों में हो रही है. क्योंकि मनरेगा में मजदूरों को वर्क साइट पर स्पोर्ट हाजिरी और जियो टैग फोटो के साथ लेने का प्रावधान है, लेकिन मोबाइल नेटवर्क न रहने के कारण सभी विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं."

अगले हफ्ते में कोर्ट में होगी सुनवाई: सरपंच प्रदीप कुशवाहा ने अपनी याचिका में बताया है कि मोबाइल नेटवर्क बाधित रहने के चलते मनरेगा के कई काम अटके पड़े हैं. इसके साथ ही मजदूरों को बुलाने के लिए मोबाइल भी काम नहीं कर रहे हैं. वहीं मोबाइल नेटवर्क ना मिलने के कारण उनकी हाजिरी नहीं लग पा रही है. इस कारण सरपंच ने हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि जब तक गांव में नेटवर्क नहीं आ रहे हैं. तब तक मजदूरों की हाजिरी मैनुअल की जाए. सरपंच प्रदीप शर्मा ने बताया है कि "उसकी ग्राम पंचायत बिहार के काफी नजदीक है. इस कारण नेटवर्क आने में काफी परेशानी है. वह इसकी शिकायत कई बार स्थानीय दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. अब सरपंच प्रदीप कुशवाहा की याचिका पर हाईकोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.

G News 24 :फ्लाइट से यात्री को जाना था श्रीनगर पहुंचा दिया पुणे

 यात्री से एयरलाइन ने मांगी माफी...

फ्लाइट से यात्री को जाना था श्रीनगर पहुंचा दिया पुणे

महिला यात्री ने स्पाइसजेट की दिल्ली-श्रीनगर फ्लाइट के लिए टिकट बुक कराई थी, लेकिन वो सोमवार सुबह पुणे पहुंच गई। यह गड़बड़ी तब हुई जब महिला पुणे जाने वाली फ्लाइट में चढ़ गई। यात्री को इसका एहसास पुणे में फ्लाइट की लैंडिंग के बाद हुआ। फ्लाइट के पुणे में लैंडिंग तक एयरलाइन और यात्री दोनों को इस गड़बड़ी के बारे में पता नहीं चला।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पाइसजेट ने इस मामले के लिए माफी मांगते हुए यात्री को हुई असुविधा के लिए उसकी श्रीनगर यात्रा की व्यवस्था की। स्पाइसजेट ने महिला को इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली वापस भेजा। फिर यहां से यात्री को स्पाइसजेट की उड़ान से श्रीनगर भेजा जा रहा है।

डीजीसीए को टैग करते हुए वसीफा जान के ट्रैवल एजेंट ने ट्वीट किया, "मेरा पैसेंजर दिल्ली से श्रीनगर (उड़ान संख्या एसजी 8963 से) यात्रा कर रही थी। दुर्भाग्य से पैसेंजर को स्पाइसजेट ने गलत फ्लाइट में बैठा दिया। यह फ्लाइट पुणे एयरपोर्ट पर पहुंची।

श्रीनगर यात्रा की व्यवस्था की गई

स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, "यात्री को हुई असुविधा के लिए हम ईमानदारी से माफी मांगते हैं। हम माफी मांगने के लिए प्रभावित यात्री के पास व्यक्तिगत रूप से पहुंचे। सोमवार को ही उनकी श्रीनगर यात्रा की व्यवस्था की गई।

G News 24 :22 साल की जैस्मिन के बालों की कीमत लगाई ढाई करोड़

 

बाल इतने खूबसूरत हैं कि कोई भी प्यार में पड़ जाए...

22 साल की जैस्मिन के बालों की कीमत लगाई ढाई करोड़

सैन फ्रांसिस्को । 22 साल की जैस्मिन के बाल इतने खूबसूरत हैं कि कोई भी इन्हें देखते ही इनके प्यार में पड़ जाए। घने-चमकदार और लाल रंग के जैस्मिन के बाल उसके घुटनों तक आते हैं और इनकी कुल लंबाई 4 फीट 7 इंच है। जानकारी के मुताबिक जैस्मिन का दावा है कि उसे 100 मर्दों के प्रपोज़ल आ चुके हैं कि वो उन्हें अपने कटे हुए बाल भेज दे, जिसके बदले वे उसको मुंहमांगी रकम देंगे। एक शख्स ने तो उसे बाल कटाने के लिए 2 करोड़ 60 लाख रुपये से ज्यादा का ऑफर दिया है।फिर भी उसने इसमें कैंची नहीं चलवाई।

हालांकि जैस्मिन ने इस ऑफर के लिए मना कर दिया। वो ढाई करोड़ लेकर भी अपने बाल कटाने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि उसके बाल बेशकीमती हैं और वो उन्हें किसी कीमत पर नहीं कटाएगी। ब्रिस्टल की रहने वाली जैस्मिन का कहना है कि उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि उसके खूबसूरत बालों पर अमीर लोगों की भी नज़र है।जैस्मिन अपनी कंपनी भी चलाती है, जिसका नाम लार्स हेयरकेयर है। वो अपने बाल तब तक बढ़ाना चाहती है, जब तक ये ज़मीन तक नहीं पहुंच जाएंगे हालांकि उसे पता है कि ये आसान काम बिल्कुल नहीं है। अपने हेल्दी बालों का सीक्रेट बताते हुए जैस्मिन कहती है कि वो बालों में नारियल तेल लगाती है और स्कैल्प पर रोज़मेरी स्कैल्प ट्रीटमेंट लेती है।

 बालों में शैंपू और कंडीशनर लगाती है और कोशिश करती है कि थोड़ा तेल लगाकर रखे। बालों के में हीट नहीं करती है और सोने के लिए सिल्क पिलो का इस्तेमाल करती है।जैस्मिन का इंस्टाग्राम पर भी अकाउंट है, जहां उसे हज़ारों लोग फॉलो करते हैं। उसे एक शख्स बोलों के वीडियो के बदले में 3 लाख रुपये ऑफर किए। वहीं एक शख्स ने उसके बाल काटकर भेजने की रिक्वेस्ट की। वो पहले ऑफिस जॉब करती थी, लेकिन वो काफी बोरिंग थी, वहीं उसे वीडियो बनाने में मज़ा आता है।

G News 24 :केंद्रीय मंत्री सिंधिया को स्मृति चिन्ह की जगह भेंट किया जीवित बकरा !

 सिंधिया सोचते ही रह गए कि इस बकरे का क्या करेंं...

केंद्रीय मंत्री सिंधिया को स्मृति चिन्ह की जगह भेंट किया जीवित बकरा !

ग्वालियर। खटीक समाज के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय पेशोपेश में पड़ गए जब समाज ने स्मृति चिह्न के रूप में बकरा भेंट किया। पहले तो कुछ देर सिंधिया सोचते ही रह गए कि इस बकरे का क्या करेंं। लेकिन बाद में उन्होंने बकरे को समाज को लौटा दिया और कहा कि उसकी अच्छे से परिवरिश व देखभाल की जाए। केंद्रीय मंत्री को बकरा भेंट देने की यह घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

हुआ कुछ यूं कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को खटीक समाज के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। चूंकि हर राजनीतिक व सामाजिक कार्यक्रम में नेताओं व अतिथियों को स्मृति चिह्न देने का रिवाज है। ऐसे में खटीक समाज की और से लोगों ने एक काले रंग का बकरा केंद्रीय मंत्री को भेंट देने के लिए पहुंच गए। बकरे के बच्चे को भेंट में देखकर सिंधिया भी एक बार तो पेशोपेश में पड़ गए कि वे इसका क्या करें और इसे कैसे स्वीकार करेें। सिंधिया के असमंजस को देख समाज के लोगों ने कहा कि यह हमारे समाज का प्रतीक चिह्न है। इसके बाद सिंधिया ने बकरे के सिर पर हाथ फेरा और समाज के लोगों को वापस कर दिया। साथ ही कहा कि इसकी परवरिश व देखभाल अच्छे से की जाए। 

महावीर भवन में खटीक समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा था। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत किया और कुछ लोगों ने अपना प्रतीक चिन्ह जिंदा बकरा उन्हें भेंट किया।केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बकरे को हाथ लगाकर उसको वापस कर दिया बकरा भेंट करने के दौरान समाज के लोगों में मतभेद भी दिखाई दिया है। कुछ लोग बकरे को स्टेज पर लाने से मना भी कर रहे थे लेकिन बकरे को समाज के कुछ लोग जबरदस्ती स्टेज पर लेकर पहुंच गए घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

G News 24 : खून से शुगर सोख सकती हैं ये सब्जियां !

 लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जियों को डेली डाइट में करें शामिल ...

 खून से शुगर सोख सकती हैं ये सब्जियां !

डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर कंट्रोल करना अक्सर थोड़ा मुश्किल होता है। ये असल में पेनक्रियाज के काम काज पर निर्भर करता है कि ये कितनी तेजी से काम करता है और शुगर पचाने में कितना मददगार है। लेकिन, जब इसका काम स्लो होता है तो शुगर मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है। इससे शरीर में शुगर बढ़ने लगता है और डायबिटीज के लक्षण बढ़ने लगते हैं। ऐसी स्थिति में आपको लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जियां के बारे में जानना चाहिए जिनका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।

1. गाजर-Carrots

गाजर लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाली सब्जी है जिसका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। 100 जीआई स्कोर का मतलब है कि लगभग चीनी के बराबर के किसी चीज को खाना। ऐसे में जितना ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होगा, आपका ब्लड शुगर उतनी ही धीमी गति से बढ़ेगा। गाजर का जीआई 16 होता है यानी कि ये शुगर स्पाइक को कम करता ही है साथ ही शरीर द्वारा शुगर पचाने की गति को भी तेज करता है। 

2. प्याज-Onions

प्याज लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाली सब्जी है और इसके एंटीऑक्सीडेंट्स, शरीर में शुगर पचाने की गति को तेज कर सकते हैं। इसके अलावा प्याज में सल्फर की अच्छी मात्रा होती है जो कि पेनक्रियाज सेल्स के काम करने की गति को तेज करता है और शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करता है। इसके अलावा ये डायबिटीज में सेल्स को होने वाले नुकसानों से भी बचाव में मददगार है। 

3. ब्रोकली-Broccoli

ब्रोकली का जीआई इंडेक्स 17 है जो कि शरीर में शुगर पचाने की गति को तेज करता है। ब्रोकली में फाइबर और रफेज की अच्छी मात्रा होती है जो कि पेनक्रियाज सेल्स के काम करने की गति को तेज करता है और तेजी से शुगर पचाता है। डायबिटीज के मरीज इस सब्जी को भूनकर या फिर उबालकर भी खा सकते हैं। 

4. करेला-bitter gourd 

करेले में लेक्टिन होता है जो मस्तिष्क में इंसुलिन के प्रभाव के समान हार्मोनल संतुलन को बढ़ाता है। यह लेक्टिन करेला खाने के बाद विकसित होने वाले हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव के पीछे एक प्रमुख कारक माना जाता है, जिससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसका जीआई 18 है जो कि शुगर स्पाइक को रोकता है।

5. लौकी-bottle gourd

लौकी, जो लो जीआई इंडेक्स वाले फूड्स में से एक है। इसका जीआई इंडेक्स 15 है। ये 92% पानी से भरपूर है और इसमें फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा है। डायबिटीज के मरीज इसे कई प्रकार से खा सकते हैं। तो, अगर आपको डायबिटीज है तो इन फूड्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

G News 24 :सैलरी लिए बिना बस चलाकर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं ये लड़की

 अपने शौक को पूरा करने के लिए चलाती है बस ...

सैलरी लिए बिना बस चलाकर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती  हैं ये लड़की

लड़कियां भी अब ड्राइविंग के मामले में किसी से कम नहीं। आज के दौर में महिलाएं केवल अपनी सहूलियत के लिए कार या बाइक नहीं चलातीं, बल्कि करियर के तौर पर प्लेन, ट्रेन या सड़कों पर ऑटो रिक्शा तक चलाती हैं। परिवहन निगम की बस की स्टेरिंग भी महिलाओं के हाथों में आ चुकी है। ऐसी ही एक लड़की है, जो अपने शौक को पूरा करने के लिए बस चलाती हैं। ये लड़की केरल की रहने वाली है और कॉलेज से छुट्टी के दिनों में बस की स्टेरिंग अपने हाथों में लेना पसंद करती है। चलिए जानते हैं केरल की इस लड़की के बारे में, जिसे बस चलाना है पसंद।

केरल के कोच्चि की रहने वाली 21 साल की एन मैरी अंसालेन इन दिनों चर्चा में हैं। वह एर्नाकुलम लाॅ कॉलेज से पढ़ाई कर रही हैं। हालांकि एन मैरी अंसालेन को बस चलाने का शौक है। अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वह कॉलेज से छुट्टी वाले दिन बस चलाने के लिए जाती हैं। केरल की ये छात्रा हर रविवार को कक्कानाड-पेरुम्बदप्पू मार्ग पर बस लेकर निकलती हैं। इस रास्ते में ट्रैफिक भी ज्यादा होता है और सवारी भी।

मैरी को केवल बस ही नहीं, सभी तरह के बड़े और भारी वाहनों को चलाना पसंद हैं। उन्होंने लाॅरी, ट्रक भी चलाई है। महज 15 साल की उम्र से उन्होंने ड्राइविंग करनी शुरू कर दी थी। सबसे पहले उन्होंने पिता की बुलेट चलानी सीखी। 18 साल की उम्र में कॉलेज जाने के बारे उनका इंतजार तब खत्म हुआ, जब उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिला।

छुट्टी वाले दिन चलाती हैं बस 

काॅलेज आने के बाद मैरी ने बस चलाना शुरू किया। वह मुफ्त में बस चलाकर सवारियों को उनके गंतव्य तक छोड़ती हैं। शाम को बस ड्राइवर पेट्रोल पंप पर बस को खड़ा करके चला जाता है। क्लास होने के बाद जब मैरी घर वापस जाती हैं, तो पेट्रोल पंप से बस चलाते हुए बस के मालिक तक पहुंचती हैं। बस के मालिक मैरी के पड़ोसी हैं।

जब मैरी ने पहली बार बस चलाई, तो लोग एक लड़की को बस चलाता देख चौक गए। कई लोग एक महिला को बस ड्राइव करते देख डर जाया करते थे। हालांकि अब मैरी को बस चलाते हुए आठ महीने हो चुके हैं और यात्री मैरी को बस चलाता देखने के आदी हो चुके हैं। 

G News 24 :अब हर उम्मीवार को स्वयं पर दर्ज अपराधों का विस्तृत ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा तभी लड़ पायेंगे चुनाव

 यदि जानकारी सार्वजानिक नहीं की तो इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना जायेगा ...

अब हर उम्मीवार को स्वयं पर दर्ज अपराधों का विस्तृत ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा तभी लड़ पायेंगे चुनाव



G News 24 : जो कल तक कोसते थे आज उन सब के साथ गठबंधन कर रहे हैं !

 गुलाटी कैसे मारी जाती है ये कोई इनसे सीखे...

 जो कल तक कोसते थे आज उन सब के साथ गठबंधन कर रहे हैं !



G News 24 :मणिपुर की घटना पर बवाल करने वाले सत्तालोभी नेता और टीवी चैनल्स पश्चिम बंगाल की घटना पर मौन क्यों !

मणिपुर वीडिओ का अभी तक अपने एक पहलू देखा है दूसरा हम आपको दिखा रहे हैं,अब आप विचार करें इसका जिम्मेदार कौन है !

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