ग्वालियर में तनाव -हंगामा, पुतलादहन के प्रयास करने वालों के खिलाफ शांतिभंग करने का मामला दर्ज
पुलिस ने पकड़ा तो प्रदर्शनकारी अंबेडकर के पुतले को बताने लगा चंद्रशेखर का !
ग्वालियर। पुतलादहन के प्रयास के बाद ग्वालियर में उपजा तनाव अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। पुलिस ने पुतलादहन के प्रयास करने वालों के खिलाफ शांतिभंग करने का मामला दर्ज किया है। घटना के बाद भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी और अन्य ओबीसी संगठनों ने एसपी कार्यालय का घेराव कर आरोप लगाया है कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकेर के पुतलादहन का प्रया बेहद शर्मनाक और निंदनीय कृत्य है।
एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन करते भीम आर्मी व कई संगठन
इस मामले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि संविधान निर्माता के पुतले को जलाने का प्रयास लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को खुली चुनौती दी है। उन्होंने प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए FIR दर्ज करने की मांग की थी। यदि कार्यवाही नहीं हुई तो 1 जनवरी को ग्वालियर मे ंजन आन्दोलन किया जायेगा। वहीं पुतलादहन का प्रयास करने वाले एडवोकेट आशुतोष दुबे ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि जिस पुतले को जलाया गया उस पर किसी का नाम नहीं लिखा था। उनका दावा है कि वह पुतला चंद्रशेखर का था। लेकिन उसे बाबा साहब अंबेडकर का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया ने विरोध जताया...
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। वहां एक अधिवक्ता अपने कुछ साथियों के साथ मौजूद मिले। अधिवक्ता आशुतोष दुबे के हाथ में एक पुतला था। पुलिस ने उन्हें पुतलादहन न करने की समझाइश दी, लेकिन इसी दौरान आशुतोष पुतला लेकर दौड़ने लगे और मौके पर “मनु स्मृति जिंदाबाद” के नारे गूंजने लगे। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आशुतोष को हिरासत में लिया और उनके हाथ से पुतला छीन लिया। इस दौरान कुछ देर तक बहस भी हुई, लेकिन पुलिस ने किसी भी तरह का पुतला दहन नहीं होने दिया। इसके बाद अधिवक्ता को पुलिस वाहन में बैठाकर विश्वविद्यालय थाना ले जाया गया।










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