चौधरी चरण सिंह ने किसानों को किसानों में चेतना जगा कर आत्मनिर्भर राजनीति का रास्ता दिखाया ...
चौधरी चरण सिंह हर क्षण किसानों के लिए जीते थे,आज देश को उनके जैसे नेता की आवश्यकता है : रघु ठाकुर
ग्वालियर। 23 दिसंबर का दिन देश के महान किसान नेता और महात्मा गांधी के अनुयायी और प्रवर्तक चौधरी चरण सिंह का जन्म दिवस है। चौधरी चरण सिंह के दिल में किसान बसते थे ।वे हर क्षण उनकी तरक्की के बारे में सोचते थे। उन्होंने देश के किसानों की गरीबी के कारण को समझा और सरकार में रहते हुए और बाहर प्रतिपक्ष में रहते हुए भी उन्हें बताते रहे।
जब वे उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री बने तब उन्होंने जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम क्रांतिकारी कानून पारित कराया और लाखों उत्तर प्रदेश के खेतिहर मजदूरों को जमीन का मालिक बना दिया। वे सदैव यह सोचते थे कि किसानों की तरक्की कैसे हो।, जहां एक तरफ सरकार की नीतियों के माध्यम से कानून बनाते थे वहीं किसानों को राजनीति में ध्यान देने हस्तक्षेप करने और राज सत्ता को गांव और किसान की ओर मोड़ने का प्रयास करते थे।
वे कहते थे कि भगवान ने तुम्हें दो आंखें दी हैं एक को खेती पर लगाओ और दूसरी आंख को राजनीति पर दिल्ली का रास्ता खेत खलिहानों से होकर जाता है यह उनका ही प्रभाव था कि उन्होंने 1977 से लेकर लगभग दो दशक तक भारतीय राजनीति का केंद्र बिंदु किसान को बना दिया । उनकी पुस्तक *भारतीय अर्थव्यवस्था का दुस्वप्न ,कारण और निदान एक ऐसी महत्वपूर्ण पुस्तक है जो देश की गरीबी और अन्य समस्याओं के बारे में वस्तु परक चित्रण करती है।
वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे गांधीवादी थे और वह कहते थे कि देश की गरीबी का कारण और किसानो के दुख का कारण खेती पर बढ़ता भार है । वह ईमानदारी के पर्याय थे जिन्होंने राजनीति को किसान के पैसे से और जन सहयोग से नियंत्रित करने का रास्ता बताया था और उस पर वे जीवन भर चले थे। उन्होंने कभी किसी उद्योगपति से राजनीति के लिए पैसा नहीं लिया और किसानों को किसानों में चेतना जगा कर आत्मनिर्भर राजनीति का रास्ता बताया। आज देश को चौधरी साहब जैसे नेता की आवश्यकता है।










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