यूजर्स ने इसे भूत-प्रेत और टोने-टोटके से जोड़ दिया है,टोटके और मान्यताएं भी हैं चर्चा में ...
कानपुर में घरों के बाहर टंगी लाल रंग की बोतलें, वीडियो वायरल होते ही मच गया हड़कंप !
कानपुर। भारत में कई शहर अपनी अलग पहचान के लिए जाने जाते हैं, लेकिन जब बात कानपुर की होती है तो अंदाज ही बदल जाता है। यह शहर सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि यहां के लोगों की सोच, भाषा और आदतों में बसने वाली एक खास भावना है। कानपुर जितना अपने पान और ठेठ पन के लिए मशहूर है, उतना ही यहां के टोटके और मान्यताएं भी चर्चा में रहती हैं। अब एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। इस वीडियो में कानपुर के एक इलाके में कई घरों के बाहर लाल रंग से भरी बोतलें टंगी हुई नजर आ रही हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि कानपुर के एक मोहल्ले के लोगों ने अपने घरों के बाहर लाल रंग से भरी प्लास्टिक की बोतलें टांग दी हैं। वीडियो में साफ दिखता है कि लगभग हर घर के बाहर एक जैसी बोतलें या तो दरवाजे पर लटकी हुई हैं या फिर चौखट के पास रखी हुई हैं। आमतौर पर लोग नीले रंग की बोतलें देखते आए हैं, लेकिन लाल रंग की बोतलों ने सभी को चौंका दिया है।
यूजर्स ने अंधविश्वास के साथ जोड़ा
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। कई यूजर्स इसे अंधविश्वास से जोड़कर देख रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह सब आवारा कुत्तों से बचने का तरीका है। कानपुर ही नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में यह धारणा पहले से मौजूद है कि अगर घर के बाहर रंग से भरी बोतल टांग दी जाए, तो कुत्ते और दूसरे जानवर वहां गंदगी नहीं करते। माना जाता है कि रंग की चमक या उसमें पड़ने वाला रिफ्लेक्शन जानवरों को डराता है।
लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शंस
लाल रंग की बोतलों को लेकर भी यही कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह सिर्फ सफाई से जुड़ा उपाय है और इसका किसी अंधविश्वास से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं दूसरी ओर कुछ यूजर्स ने इसे भूत-प्रेत और टोने-टोटके से जोड़ दिया है। सोशल मीडिया पर मजेदार कमेंट्स की भी बाढ़ आ गई है। कई लोगों ने इस वीडियो को हाल ही में आई फिल्म ‘स्त्री’ से जोड़कर देखा। मजाकिया अंदाज में यूजर्स लिख रहे हैं, “ओ स्त्री, कोल्ड ड्रिंक पीते हुए जाना।” कुछ लोगों ने कहा कि कानपुर में अब बोतलें भी डराने लगी हैं। वहीं कुछ यूजर्स ने साफ शब्दों में लिखा कि अंधविश्वास का कोई इलाज नहीं है।










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