G NEWS 24 : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रेसवार्ता में दी सरकार की दो साल की उपलब्धियों की जानकारी

प्रदेश में दो साल में हुआ अकल्पनीय विकास...

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रेसवार्ता में दी सरकार की दो साल की उपलब्धियों की जानकारी

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार अपने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड लेकर गुरुवार को जनता के सामने आई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। मंच पर दोनों डिप्टी सीएम और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने विरासत और विकास दोनों को साथ लेकर काम किया है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है, विशेषकर नक्सल प्रभावित इलाकों में बड़ी सफलता मिली है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के बालाघाट, मंडला और डिंडौरी क्षेत्र पहले नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित थे। छत्तीसगढ़ सीमा से लगे इन इलाकों में पहले एक साथ 17-17 पुलिसकर्मियों की हत्या जैसी घटनाएं सामने आती थीं।

सीएम ने कहा- मध्यप्रदेश में कभी समानांतर थाने, समानांतर कोर्ट और समानांतर सत्ता चलने लगी थी। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन तय की थी, जिसके बाद कई पुलिस अधिकारियों ने खुद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी की मांग की। इसी का परिणाम रहा कि “सिर्फ 42 दिनों में 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।” बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीब, युवा और महिलाओं पर रही। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए लाड़ली बहना योजना को लगातार मजबूत किया गया। सीएम ने दोहराया कि “लाड़ली बहना योजना के सभी वादे पूरे किए जाएंगे।” सरकार द्वारा 1500 रुपए तक की सहायता देने का निर्णय महिलाओं के लिए बड़ा कदम बताया गया।

सरकार ने पिछले दो वर्षों में 1 लाख से अधिक नौकरियां देने का दावा किया। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए “आपदा में अवसर” के सिद्धांत ने प्रदेश को कई क्षेत्रों में आगे बढ़ाया है। सीएम ने कहा- पीछे के दो साल ज्यादा लगते हैं, लेकिन आगे के दो साल कम लगते हैं। हमने अब तक के काम की समीक्षा की है और आगे की रणनीति तैयार की है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में विकास की रफ्तार और तेज होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर सबसे बड़ी समस्या थी। छत्तीसगढ़ से लगे मध्यप्रदेश के कई इलाके नक्सलवाद से प्रभावित रहे हैं, जहां एक साथ 17-17 पुलिसकर्मियों की हत्या तक कर दी गई थी। आलम यह था कि एक मंत्री को घर से निकालकर थाने के पास कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। उस समय समानांतर थाने, समानांतर कोर्ट और समानांतर सत्ता चलने लगी थी

उज्जैन की शिप्रा नदी में दो तरह की चुनौतियां थीं। पिछले सिंहस्थ में साधु-संतों ने गंभीर नदी के पानी से स्नान किया था। स्नान तो हुआ और सिंहस्थ संपन्न हुआ, लेकिन शिप्रा नदी का पानी उपलब्ध नहीं था। इस बार जल संसाधन विभाग ने व्यवस्था कर दी है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी के जल से स्नान हो सके। उज्जैन आने वाले साधु संत शिप्रा में ही स्नान करेंगे, इसके लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। मध्य प्रदेश में चल रही जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जानकारी देते हुए बोले- नदी जोड़ो अभियान परियोजना से सिंचाई का रकबा तेज़ी से बढ़ रहा है। परस्पर सौहार्द के तहत राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी का पानी पहुंचने से बड़ी राहत मिलेगी। मध्य प्रदेश में एक राज्य के अंदर दो नदियों को जोड़ने का अभियान भी शुरू किया गया है। 

इसके तहत गंभीर और खान नदी को मिलाने के लिए टनल बनाकर नदी से नदी जोड़ने का काम किया गया है। ऊपर खेती होती है और नीचे नदी की धारा बहती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि भोपाल में पहले जीआईएस सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिसे उनकी सरकार ने लागू किया। इसके अलावा, सागर में खाद का कारखाना चालू होने से यूरिया और अन्य खाद की आपूर्ति में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने न केवल व्यवस्थाएं चलाईं, बल्कि दूरदर्शी सोच के साथ ऐसे प्रोजेक्ट भी पूरे किए जो सामान्यतः लंबा समय लेते। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर की हुकुम चंद मिल का जिक्र करते हुए कहा कि 300 से 400 करोड़ के बकाया में उलझी मिल का निराकरण किया है। अब 70 से 80 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट यहां लगने वाला है। साथ ही उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के कचरे का निष्पादन करने का काम उनकी सरकार ने किया है।

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