G NEWS 24 : तानसेन संगीत समारोह की पहली पूर्वरंग सभा में दिखा अद्भुत शास्त्रीय श्रृंगार

संगीतधानी ग्वालियर में सुरों की अठखेलियाँ शुरू...

तानसेन संगीत समारोह की पहली पूर्वरंग सभा में दिखा अद्भुत शास्त्रीय श्रृंगार

ग्वालियर। संगीतधानी ग्वालियर में विश्वप्रसिद्ध तानसेन संगीत समारोह की पहली पूर्वरंग सभा ने सुरों की ऐसी पावन छटा बिखेरी कि गंगा दास की शाला का संपूर्ण परिसर संगीत रस में डूब गया। माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि के साथ आरंभ हुई इस सभा में भारतीय शास्त्रीय संगीत के स्वर, लय और भाव ने अद्भुत आध्यात्मिक और श्रृंगारिक वातावरण रचा। तानसेन समारोह केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगीत परंपरा का जीवंत उत्सव है, जहाँ सुर और साधना एकाकार होते हैं।  

बुधवार की सुबह सजी पूर्वरंग सभा ने आगामी आयोजनों की रसमय झलक पेश करते हुए ग्वालियर की संगीत साधना को पुनः गौरवान्वित किया। सभा की शुरुआत युवा तबला वादक श्लोक द्विवेदी के दमदार एकल तबला वादन से हुई। उन्होंने तीनताल में पेशकार, रेला, गत, कायदे, फरमायशी टुकड़े और तिधारा गत आड़ी जैसी जटिल प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपनी प्रस्तुति के अंत में बनारस और लखनऊ घराने की विशिष्ट गतों से उन्होंने सभागार में ताल–लय की ऐसी गूंज पैदा की जो देर तक उपस्थित श्रोताओं के हृदय में प्रतिध्वनित होती रही।

दूसरी प्रस्तुति में ख्यात युवा गायक अखिलेश अहिरवार ने अपने मधुर स्वर से सभा में विशेष रस भर दिया। उन्होंने राग ''नट भैरव" में विलंबित ख्याल “एरी मिल मंगल गाओ” मध्यलय ख्याल “सुजान करियो” की मनोहारी प्रस्तुतियाँ दीं इसके बाद राग पटदीप में द्रुत ख्याल प्रस्तुत किया। उन्होंने  राग भैरवी का भावपूर्ण भजन “बाल रूप छवि राम”गाकर दर्शकों के मन को भक्ति और श्रृंगार दोनों रसों से सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम में गंगा दास शाला के महंत रामसेवक दास जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।  संचालन संजय देवले ने किया। यह पूरा आयोजन मध्यप्रदेश सरकार, संस्कृति विभाग, जिला प्रशासन, नगर निगम ग्वालियर तथा एमपी टूरिज़्म के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन ख़ाँ संगीत एवं कला अकादमी, संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा किया जा रहा है।

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