G News 24 : अपराधी कहीं भी हो, छुपकर नहीं रह सकता, इन 7 रंगों की मदद से ढूंढ ही लेता है इंटरपोल !

 इंटरपोल चार भाषाओं, अंग्रेजी, फ्रेंच, अरबी और स्पेनिश में सात रंग के नोटिस करता है जारी ...

अपराधी कहीं भी हो, छुपकर नहीं रह सकता, इन 7 रंगों की मदद से ढूंढ ही लेता है इंटरपोल !

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन जिसे हम इंटरपोल के नाम से जानते हैं। इंटरपोल दुनिया का सबसे बड़ा अंतर-सरकारी पुलिस संगठन है, जो 192 सदस्य देशों की पुलिस को अंतरराष्ट्रीय अपराध से लड़ने में मदद करता है। इसका मुख्यालय फ्रांस के लियॉन शहर में है और इसका मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों को खोजना है जो अपने देश में अपराध कर दूसरे देश भाग जाते हैं यानी जो आपराधिक जांच के संबंध में वांछित या भगोड़े कहलाते हैं। इंटरपोल में 194 सदस्य देश शामिल हैं जो राष्ट्रीय पुलिस बलों को अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए एक सूचना-साझाकरण नेटवर्क के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इंटरपोल का एक मुख्य कार्य "नोटिस" जारी करना और लापता या वांछित व्यक्तियों के बारे में सदस्य देशों को अलर्ट करना है। हालांकि देशों को इन नोटिसों का पालन करना अनिवार्य नहीं है, फिर भी वे अक्सर इन्हें किसी की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के वारंट के रूप में मानते हैं। इंटरपोल के नोटिस सात प्रकार के होते हैं - रेड कॉर्नर नोटिस, येलो कॉर्नर नोटिस, ब्लू कॉर्नर नोटिस, ब्लैक कॉर्नर नोटिस, ग्रीन कॉर्नर नोटिस, ऑरेंज कॉर्नर नोटिस और पर्पल कॉर्नर नोटिस। 

क्या नोटिस प्रणाली का दुरुपयोग हो सकता है?

हालांकि इंटरपोल का संविधान स्पष्ट रूप से किसी भी राजनीतिक गतिविधि की मनाही करता है, फिर भी कार्यकर्ताओं ने इस नियम को लागू न करने का आरोप लगाया है। इस आक्रोश का एक बड़ा हिस्सा रूस पर केंद्रित है, जिसने क्रेमलिन विरोधियों की गिरफ़्तारी के लिए बार-बार नोटिस और प्रचार जारी किए हैं। रूसी सरकारी कंपनियों में भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता बिल ब्राउनर को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारे पर कई बार रेड नोटिस जारी करने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं। अमेरिकी मानवाधिकार संगठन फ़्रीडम हाउस के अनुसार, सभी सार्वजनिक रेड नोटिसों में से 38% के लिए रूस ज़िम्मेदार है।

जानें क्या है खास बात

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने चीन, ईरान, तुर्की और ट्यूनीशिया सहित अन्य देशों पर भी सत्तावादी उद्देश्यों के लिए एजेंसी की नोटिस प्रणाली का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है और इस तरह बढ़ती आलोचना के जवाब में, इंटरपोल ने अपनी रेड नोटिस प्रणाली की निगरानी कड़ी कर दी है। हालांकि, ब्लू नोटिस जारी करने में अभी भी कमज़ोरियां बनी हुई हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि प्रकाशन से पहले ऐसे नोटिसों की समीक्षा की संभावना कम होती है। एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक दशक में ब्लू नोटिसों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।

रेड कॉर्नर नोटिस

रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) एक इंटरपोल अलर्ट है जो दुनिया भर के कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अभियोजन या सज़ा काटने के लिए वांछित व्यक्ति का पता लगाने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध करता है। यह अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जैसा ही होता है। गंभीर अपराधों के लिए किसी सदस्य देश के अनुरोध पर जारी किया जाने वाला यह नोटिस अपराधी का विवरण (नाम, फोटो, उंगलियों के निशान आदि) प्रदान करता है, जो दुनिया भर की सीमाओं और चौकियों पर पुलिस को गिरफ्तारी और संभावित प्रत्यर्पण के लिए सतर्क करता है।

किसी सदस्य देश की पुलिस (जैसे भारत की सीबीआई) इंटरपोल से इसका अनुरोध करती है, जिसके लिए पहले राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट की आवश्यकता होती है। पकड़े जाने पर व्यक्ति को आमतौर पर उस देश में प्रत्यर्पित कर दिया जाता है जहां अपराध हुआ था। 

सिर्फ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति दोषी है; उसे अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाना चाहिए। रेड कॉर्नर नोटिस एक अंतर्राष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है। बता दें कि भारत सरकार के अनुरोध पर दाऊद इब्राहिम के खिलाफ यह नोटिस जारी किया गया है।

येलो कॉर्नर नोटिस

येलो कॉर्नर नोटिस ऐसे लोगों के लिए जारी किया जाता है, जो या तो लापता हैं या अपहरण कर लिए गए हैं। येलो कॉर्नर नोटिस , अक्सर नाबालिगों और दिमागी रूप से कमजोर लोगों का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है। इस नोटिस के जारी करने के बाद इसकी मदद से लापता व्यक्तियों के मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इस नोटिस की प्रतियां अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी चिपकायी जातीं हैं ताकि यदि कोई व्यक्ति खोये/अपहृत व्यक्ति के बारे में जानकारी देना चाहे तो आसानी से दे सके।

ब्लू कॉर्नर नोटिस

ब्लू कॉर्नर नोटिस उस देश को जारी किया जाता है जहां से अपराधी या तलाश किए जा रहे शख्स का सम्बन्ध होता है। इस नोटिस के माध्यम से वांछित व्यक्ति के बारे में उसकी विभिन्न क्रियाओं के बारे में जानकारी इकठ्ठा की जाती है और सबसे खास बात की यह एक जांच का नोटिस है जिसे किसी व्यक्ति के बारे में पता लगाने, पहचानने प्राप्त करने के लिए जारी किया गया है। इंटरपोल ने आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है। अब भारत सरकार मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग रही है।

जनवरी 2020 में, इंटरपोल ने भगोड़े स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद का पता लगाने में मदद के लिए एक ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसके कुछ हफ़्ते बाद गुजरात पुलिस ने एजेंसी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।

ब्लैक कॉर्नर नोटिस

ब्लैक कॉर्नर नोटिस किसी भी देश में रह रहे अज्ञात व्यक्तियों की जानकारी लेने के लिए इंटरपोल द्वारा जारी किया गया है। हर साल इंटरपोल करीब 150 ब्लैक नोटिस जारी करता है। इस नोटिस में जारी किए गए अज्ञात व्यक्ति का अर्थ है, कोई ऐसा मृतक शख्स, जिसकी पहचान पुलिस और चिकित्सा परीक्षकों द्वारा नही बताई जा सकी है और जो अज्ञात है। इस नोटिस के जरिए शख्स की पहचान करने के लिए संबंधित विवरण शेयर किए जाते हैं।

पर्पल कॉर्नर नोटिस

पर्पल कॉर्नर नोटिस ऐसे लोगों के लिए जारी किया जाता है जो पर्यवरण को नुकशान पहुंचाते हैं। यह नोटिस खास तौर पर ऐसे अपराधियों के लिए जारी किया जाता है जो जंगली जानवरों का शिकार करते हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनके शरीर के हिस्से बेचते हैं। भारत में एक सींग वाले गेंडे, जिनकी सींग का चीन का के बाजार में बहुत मांग है। और बंगाल टाइगर, जिसकी खाल और नाखून की तस्करी की जाती है। ऐसा करने वाले अपराधियों के खिलाफ पर्पल कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है।  

ग्रीन कॉर्नर नोटिस

ग्रीन कॉर्नर नोटिस ऐसे व्यक्तियों के लिए जारी किया जाता है जिन्होंने जघन्य अपराध किए हैं और भविष्य में इन अपराधों को फिर कर सकते हैं। इनके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए यह नोटिस जारी किया जाता है। बता दें कि इस प्रकार के नोटिस बारबार यौन अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है।

ऑरेंज कॉर्नर नोटिस

ऑरेंज कार्नर नोटिस एक ऐसे व्यक्ति, वस्तु, पार्सल बम, संदिग्ध हथियार और अन्य खतरनाक और विस्फोटक सामग्री के बारे में सतर्क करने के लिए जारी किया जाता है, जिससे कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा हो हाल ही में इस प्रकार का नोटिस फ़्रांस सरकार के अनुरोध पर एक 'वजन कम करने वाली गोली' को लेकर जारी किया गया था। बता दें कि इस प्रकार की सूचना समूहों और व्यक्तियों के लिए जारी की जाती है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समितियों के निशाने पर होते हैं। इंटरपोल ने अभी तक 500 से अधिक ऐसे नोटिस जारी किए हैं, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूह शामिल हैं।



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