इंकलाब मोंचो का यूनुस को अल्टीमेटम...
बांग्लादेश से भारतीयों को निकालो, हादी हत्याकांड की 24 दिनों में ट्रायल की मांग !
बांग्लादेश के इंकलाब मोंचो ने अपने नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या का ट्रायल 24 दिनों में पूरा करने का अंतरिम सरकार को अल्टीमेटम दिया है. इसके साथ ही तीन मांगों यूनुस सरकार से किया है. शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल बहुत अलग रंग में है. देश में बवाल मचा है. जुलाई क्रांति के बड़े चेहरे और इंक़लाब मोंचो के नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या के बाद प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे. यूनुस सरकार पर हादी के हत्यारों को पकड़ने का दबाव बना हुआ है. इसी बीच हादी के लिए इंकलाब मोंचो ने अंतरिम सरकार (मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली) को सख्त अल्टीमेटम दे दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव फिर से बढ़ गया है. इंकलाब मोंचो ने अपने नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या के लिए सरकार पर भारी दबाव डाला है. रविवार रात ढाका के शाहबाग इलाके में प्लेटफॉर्म के मेंबर सेक्रेटरी अब्दुल्ला अल जाबेर ने बड़ा अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने साफ कहा कि हत्या के पूरे मामले का ट्रायल जिसमें हत्यारा, मास्टरमाइंड, साथी, भागने में मदद करने वाले और पनाह देने वाले सब शामिल हैं. अगले 24 दिनों में पूरा होना चाहिए.
अल्टीमेटम की मुख्य वजह क्या है?
शरीफ उस्मान बिन हादी इंकलाब मोंचो के प्रवक्ता थे और जुलाई क्रांति के बड़े चेहरा रहे हैं. 12 दिसंबर को ढाका में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को वे मर गए. तब से इंक़लाब मोंचो सड़कों पर है और न्याय की मांग कर रहा है. अब उन्होंने ट्रायल की टाइम लिमिट तय कर दी है. जाबेर ने कहा, "हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक पूरा किलिंग स्क्वॉड पकड़ा नहीं जाता.
तीन बड़ी मांगें जो विवाद पैदा कर रही हैं...
- बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट तुरंत सस्पेंड करो. जाबेर बोले, "देश की आजादी और संप्रभुता बचाने के लिए यह जरूरी है.
- अगर भारत दोषी लोगों को वापस नहीं लौटाता, तो इंटरनेशनल कोर्ट में उसके खिलाफ केस दायर करो.
- सिविल और मिलिट्री इटेलिजेंस में फासीवादियों के साथियों की पहचान करो और उन्हें सजा दो.
- ये मांगें भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर डाल सकती हैं, क्योंकि हादी पहले भी भारत की आलोचना करता रहता था. ये मांगें सीधे भारत को टारगेट कर रही हैं. हादी खुद भारत की नीतियों के आलोचक था और भारत के खिलाफ बोलता था.
भारत-बांग्लादेश रिश्ते हो जायेंगे पूरी तरह खत्म !
ये मांगें अगर मान ली गईं तो दोनों देशों के बीच दुश्मनी बढ़ सकती है. पहले से ही दोनों देशों के बीच तनाव है. शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं, अल्पसंख्यकों पर हमले के आरोप, बॉर्डर इश्यू. अगर वर्क परमिट सस्पेंड हुए तो हजारों भारतीय प्रभावित होंगे. इंटरनेशनल कोर्ट में केस का मतलब डिप्लोमैटिक जंग. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये मांगें अभी सिर्फ रेडिकल ग्रुप्स की हैं, लेकिन अंतरिम सरकार पर एक तरह से दबाव बढ़ रहा है. लेकिन जाबेर ने कह रखा है कि 24 दिन में ट्रायल नहीं हुआ तो बड़ा प्रदर्शन हो सकता है. सरकार स्पीडी ट्रिब्यूनल का वादा कर रही है, लेकिन प्रदर्शनकारी भरोसा नहीं कर रहे. अब क्या होगा ये समय बताएगा.










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