ड़ाके की ठंड और घने कोहरे के कारण उत्तर प्रदेश में...
ठंड और कोहरा,12वीं तक के सभी स्कूल बंद, जानें कब खुलेंगे,टूटा 13 साल का रिकॉर्ड !
दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में ठंड, कोहरे का असर साफ देखने को मिल रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ राजधानी प्रदूषण की चपेट में भी है। सड़कों पर आज घना कोहरा और जहरीली स्मॉग छाई हुई है। जिससे विजिबिलिटी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। कार्तव्य पथ के आसपास के इलाके में प्रदूषण इतना घना है कि लोग सिर्फ हेडलाइट्स की रोशनी से ही ड्राइविंग कर पा रहे थे। सीपीसीबी के अनुसार, यहां एक्यूआई 401 दर्ज किया गया है। जो खतरनाक स्थिति में है।
हिमालय हुई बर्फबारी से मध्यप्रदेश में भी भी कड़ाके की ठंड, चल रही शीत लहर, तापमान में गिरावट !
हिमालयी क्षेत्रों में जारी बर्फबारी और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ ने मध्यप्रदेश को कड़ाके की ठंड की चपेट में ले लिया है। उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान तेजी से गिरा है। मंदसौर में रात का न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जहां ओस की बूंदें जमती नजर आईं। मौसम विभाग के मुताबिक, जेट स्ट्रीम की तेज रफ्तार और उत्तरी हवाओं के कारण ठंड का असर और बढ़ गया है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों से होती हुई यह सर्द हवा सीधे मध्यप्रदेश पहुंच रही है, जिससे शीतलहर और घना कोहरा दोनों की स्थिति बनी हुई है।
इन जिलों में शीतलहर, कई संभाग कोहरे की चपेट में...
भोपाल, इंदौर, रीवा, मऊगंज, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, सीहोर और सिवनी में शीतलहर चल रही है। वहीं ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के कई जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है। ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, सीधी और सिंगरौली में विजिबिलिटी काफी कम दर्ज की गई। भोपाल, शाजापुर, सीहोर और राजगढ़ के लिए मौसम विभाग ने कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है।
मंदसौर सबसे ठंडा, भोपाल में 4.8 डिग्री
शनिवार-रविवार की रात में प्रदेश के कई शहरों में तापमान 5 डिग्री से नीचे चला गया। मंदसौर सबसे ठंडा रहा। शहडोल के कल्याणपुर, शाजापुर, रीवा, राजगढ़, पचमढ़ी और नौगांव में भी पारा 4 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड किया गया। भोपाल में न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री रहा, जबकि इंदौर से ज्यादा ठंड ग्वालियर में महसूस की गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, जमीन से करीब 12 से 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर बहने वाली जेट स्ट्रीम इस बार बेहद सक्रिय है। इसकी रफ्तार 213 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा दर्ज की गई है। यही तेज ऊंची हवाएं पहाड़ों की ठंड को मैदानी इलाकों तक पहुंचा रही हैं, जिससे ठंड का असर दोगुना हो गया है।
आगे और बढ़ सकती है ठंड
मौसम विभाग का अनुमान है कि 30 दिसंबर को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसका असर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में सर्द हवाओं की तीव्रता और बढ़ने से ठंड का प्रकोप और तेज हो सकता है। इस सीजन में नवंबर और दिसंबर दोनों महीनों में ठंड ने पुराने रिकॉर्ड तोड़े हैं। भोपाल में नवंबर के दौरान लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर रहा। दिसंबर में भी कई शहरों में तापमान 5 डिग्री से नीचे जा चुका है। मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर और जनवरी प्रदेश में सबसे ज्यादा ठंडे महीने होते हैं। इस दौरान उत्तर भारत से आने वाली सर्द हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ मिलकर तापमान को तेजी से गिरा देते हैं। फिलहाल यही स्थिति मध्यप्रदेश में बनी हुई है।
उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के कारण 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं...
उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के कारण 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मेरठ में 13 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। मेरठ नैनीताल से भी ठंडा रहा है। समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का कहर जारी है। पहाड़ों पर बर्फबारी और वहां से आ रही सर्द पछुआ हवाओं के साथ घने कोहरे ने यूपी में लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसे देखते हुए 12वीं तक आईसीएसई, सीबीएसई व यूपी बोर्ड के सभी स्कूलों को एक जनवरी तक बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक गलन और कोहरे से राहत की संभावना नहीं है। वहीं, सहारनपुर, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में रविवार का दिन सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। मेरठ में ठंड ने 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मेरठ नैनीताल से भी ठंडा रहा।
घने कोहरे की वजह से आगरा, प्रयागराज, कानपुर और सहारनपुर में दृश्यता शून्य हो गई। वहीं फतेहपुर में 10 मीटर, मेरठ में 15 मीटर और हमीरपुर में 20 मीटर दृश्यता दर्ज हुई। 6.7 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ मेरठ और इटावा में सबसे ठंडी रात रही।
पश्चिमी व पूर्वी हिस्सों में शीत दिवस की स्थिति बनी रही। बिजनौर में अधिकतम तापमान 19.6 और न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री दर्ज किया गया। शामली जिले में शनिवार रात से शुरू हुआ घना कोहरा रविवार दोपहर तक छाया रहा।
नैनीताल से भी ठंडा रहा मेरठ, 13 साल का रिकॉर्ड टूटा
मेरठ में रविवार को ऐसा सर्द दिन दर्ज हुआ, जिसने पिछले 13 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिनभर सूरज बादलों और कोहरे के पीछे छिपा रहा, जबकि शहर से लेकर देहात तक घने कोहरे की चादर तनी रही। हालात ऐसे बने कि मेरठ पहाड़ों की रानी नैनीताल से भी ज्यादा ठंडा रहा। मेरठ का अधिकतम तापमान 16.6 डिग्री और नैनीताल का अधिकतम तापमान 16.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान नैनीताल का 8 डिग्री सेल्सियस और मेरठ का 6.7 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
वेस्ट यूपी के अधिकांश जिलों में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। सुबह और रात के समय दृश्यता बेहद कम रहने से सड़कों और हाईवे पर वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रही। वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर धीमी गति से चलना पड़ा।
रविवार को अवकाश का दिन होने के बावजूद बाजारों में रौनक बेहद कम रही। लोग कड़ाके की ठंड से बचने के लिए घरों में ही दुबके रहे। सर्द हवाओं और कम तापमान के चलते जनजीवन ठहर सा गया है। ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव, हीटर और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और दिहाड़ी मजदूरों को उठानी पड़ रही है, जिनके लिए इस ठंड में घर से बाहर निकलना मजबूरी बन गया है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार रविवार को मेरठ का न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे से फिलहाल राहत मिलने की संभावना नहीं है। नए साल पर भी मौसम इसी तरह सर्द बना रहने की आशंका है।
ठंड के साथ-साथ प्रदूषण ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। दिसंबर माह में एनसीआर क्षेत्र की हवा लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है। रविवार को मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 298 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। गंगानगर में 237, जयभीम नगर में 355, पल्लवपुरम में 301, बेगमपुल में 325 और दिल्ली रोड पर 342 एक्यूआई दर्ज किया गया। सबसे अधिक प्रदूषण जयभीम नगर क्षेत्र में रिकॉर्ड किया गया, जहां प्रदूषण स्तर मानक से कई गुना अधिक रहा।
यह है पिछला रिकॉर्ड
पिछले 13 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 28 दिसंबर को इतना कम अधिकतम तापमान पहले कभी दर्ज नहीं किया गया। वर्ष 2013 से 2024 तक अधिकतम तापमान 17.9 से 23.3 डिग्री के बीच रहा, जबकि इस वर्ष यह गिरकर 16.6 डिग्री पर पहुंच गया।
ठंड की खास वजह
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार ठंड ज्यादा पड़ने के पीछे कई कारण हैं। डॉ. यूपी शाही के मुताबिक ला नीना का प्रभाव, उत्तर और उत्तर-पूर्व से आ रही ठंडी व सूखी हवाएं, साफ आसमान के कारण रात में तेजी से गर्मी का निकलना और पश्चिमी विक्षोभ की कमी प्रमुख वजहें हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम के पैटर्न में हो रहे बदलाव भी अचानक कड़ाके की ठंड का कारण बन रहे हैं।
कोहरे से बचाव के लिए सावधानी जरूरी
मौसम और प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। वाहन चलाते समय गति कम रखें, हेडलाइट लो बीम पर रखें और आगे चल रहे वाहन से पर्याप्त दूरी बनाए रखें। कोहरा अधिक होने पर अनावश्यक यात्रा से बचें। यदि रुकना जरूरी हो तो सुरक्षित स्थान पर वाहन खड़ा कर लाइट जलाकर रखें। घर के अंदर भी गर्म कपड़े पहनें और ठंड से बचाव के सभी उपाय अपनाएं।
तीन दिनों तक प्रदेश में गलन और कोहरे से राहत नहीं
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों तक ठंड और कोहरे से राहत के आसार नहीं हैं। अगले तीन दिनों के लिए प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में कोहरे का प्रकोप रहेगा। इसके बाद दिन में हल्की धूप और पारे में मामूली बढ़त से राहत की परिस्थितियां बनेंगी।
इन जिलों में है घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट
कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं व आसपास के इलाकों में।
अति शीत दिवस होने की संभावना इस क्षेत्र में अधिक है
प्रयागराज, वाराणसी, भदोही, बहराइच, सीतापुर, हरदोई, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अयोध्या व आसपास के इलाकों में।
रेल यातायात प्रभावित, ट्रेनें घंटों लेट
कोहरे का सीधा असर रेल यातायात पर भी पड़ा है। दिल्ली से मध्यप्रदेश आने वाली कई ट्रेनें 4 से 5 घंटे की देरी से चल रही हैं। मालवा एक्सप्रेस, शताब्दी, झेलम और सचखंड समेत एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों की टाइमिंग बिगड़ गई है।










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