G NEWS 24 : कम जगह व कम लागत उन्नत मछली पालन कर प्राप्त की जा सकती है अच्छी आय : श्री सिंह

मछली पालन विभाग ने दी मत्स्य पालन के लिये उपयोगी सलाह...

कम जगह व कम लागत उन्नत मछली पालन कर प्राप्त की जा सकती है अच्छी आय : श्री सिंह

ग्वालियर। कम लागत एवं कम जगह में भी उन्नत मछली पालन कर अच्छी आय हासिल की जा सकती है। राज्य शासन के मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिये तकनीकी मार्गदर्शन के साथ-साथ सरकार की मत्स्य पालन योजनाओं के तहत अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है। सहायक संचालक मत्स्योद्योग राजेन्द्र सिंह ने बताया कि मत्स्य पालन के इच्छुक स्वरोजगारियों को बायोफ्लॉक, आरएएस तकनीक एवं केज कल्चर अपनाकर उन्नत मछली पालन करने की सलाह दी है। स्वयं की भूमि पर कम जगह में स्थापित की जाने वाली मत्स्योत्पादन की श्रेष्ठ तकनीक है। 

स्थापित किये जाने वाले बायोफ्लॉक में 07 टैंक, 25 टैंक एवं 50 टैंक श्रेणी अंतर्गत प्रति टैंक 15000 लीटर जलधारण क्षमता के तारपोलिन / फाइबर से निर्मित टैंक एक शेड के नीचे स्थापित किये जाते हैं। इस तकनीक में जल आपूर्ति, बोरवैल, पी.व्ही.सी. पाईप फिटिंग, नेट, सहायक उपकरण, एयर ब्लोअर, पावर जनरेटर इत्यादि की आवश्यकता होती है। इस तकनीक में प्रति टैंक 1000 फिंगरलिंग का संचयन कर वर्ष में दो बार प्रति टैंक प्रति फसल 400 किलोग्राम मत्स्योत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस तकनीक से प्रति वर्ष प्रति टैंक 800 किलोग्राम मत्स्योत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। 

पुन: परिसंचरणीय जलकृषि प्रणाली अर्थात आर.ए.एस. (रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम) तकनीक के माध्यम से भी कम जगह में अधिक मत्स्योत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस तकनीक में उपयोग किये गये जल को शुद्धिकरण उपरांत पुनः प्रयोग में लाया जाता है। इस तकनीक में जल आपूर्ति, विद्युत की समुचित व्यवस्था होना आवश्यक है। जिसके अंतर्गत बैकयार्ड मिनी आर.ए.एस., 100 घनमीटर क्षमता का 01 टैंक, 30 घनमीटर क्षमता के 06 टैंक (अपेक्षित मत्स्योत्पादन 10 टन प्रतिवर्ष) एवं 90 घनमीटर क्षमता के 08 टैंक (अपेक्षित मत्स्योत्पादन 40 टन प्रतिवर्ष) स्थापित किये जा सकते हैं। 

केज कल्चर तकनीक अंतर्गत बडे जलाशयों, जिनमें वर्ष भर 08 मीटर से अधिक जलस्तर रहता है, के 01 प्रतिशत जलक्षेत्र में केज (पिंजरानुमा संरचना) स्थापित कर मछली पालन किया जाता है। इस संबंध में शासन से प्राप्त निर्देशों के परिपालन में ग्वालियर जिले में केज स्थापना के लिये दो जलाशय ककेटो एवं पेहसारी को चिन्हित किया गया है। प्रति केज 3.0 टन/केज प्रतिवर्ष मत्स्योत्पादन प्राप्त किया जा सकेगा। 

केज कल्चर के लिये प्रति केज लागत राशि रू. 3.00 लाख (रू. 1.50 लाख स्थापना हेतु एवं रू. 1.50 लाख इनपुट्स हेतु) का व्यय मत्स्य पालक को स्वयं करना होगा। वर्तमान में इन दोनों इकाईयों की स्थापना के लिये किसी प्रकार की अनुदान राशि प्रदाय करने का कोई प्रावधान नहीं है। इकाईयों की स्थापना के इच्छुक व्यक्ति, आवेदन एवं विस्तृत जानकारी के लिये ग्वालियर में गोला का मंदिर भिण्ड रोड पर स्थित सहायक संचालक मत्स्योद्योग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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