G News 24 : गणना-पत्र छपाई ठेके में भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट,नोटिस हुआ जारी !

 चुनाव आयोग ने ग्वालियर-भोपाल सहित पूरे प्रदेश के लिए मंजूर कर डाला सिंगल टेंडर...

गणना-पत्र छपाई ठेके में भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट,नोटिस हुआ जारी !

भोपाल। चुनाव आयोग पर एक तरफ कई तरह के आरोप लग रहे हैं, दूसरी तरफ अभी जो एसआईआर सर्वे शुरू करवाया उसकी भी आधी-अधूरी तैयारी के कारण सभी जिला कलेक्टर परेशान हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पहले तो रातों रात आयोग ने मतदाता सूचियों को फ्रीज करवाने के साथ सर्वे के आदेश जारी कर दिए और इसकी समय सीमा भी निर्धारित की गई। दूसरी तरफ पूरे मध्यप्रदेश में बीएलओ द्वारा जो गणना-पत्र यानी जो फॉर्म भरवाए जाना है उसका ठेका एक ही सिंगल वेंडर को सौंप डाला। 11 करोड़ से अधिक ये गणना पत्र छपना है और 1 रुपए 49 पैसे प्रति फॉर्म के हिसाब से छपाई का ठेका दिया है।

घर-घर आने वाले बीएलओ को ये क्यूआर कोड वाला फॉर्म ही भरवाना है और प्रत्येक मतदाता को दो-दो फॉर्म देना है। एक फॉर्म बीएलओ के पास और दूसरा मतदाता के पास रहेगा। भोपाल में यह सर्वे 4 नवम्बर से आयोग के निर्देश पर शुरू हो गया है। मगर समस्या यह है कि बीएलओ को फॉर्म ही देरी से मिले। उधर, अधिकांश बीएलओ का यह कहना है कि 2003 के रिकॉर्ड ढूंढने में समस्या आ रही है। अधिकांश मतदाताओं के पास इसके बारे में जानकारी नहीं है और एक-एक मतदाता से फॉर्म भरवाना और उसे सत्यापित करने में समय भी लगेगा।

दूसरी तरफ निर्वाचन से जुड़े अधिकारी इस बात पर आश्चर्यचकित हैं कि पूरे गणना-पत्रों की छपाई का ठेका एक ही वेंडर अतुल नामक ठेकेदार को कैसे सौंप दिया गया, जिसके चलते अब उक्त ठेकेदार अलग-अलग जिलों में छपाई करने वाले लोगों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट के रूप में इस्तेमाल कर रहा है और 50-60 पैसे की राशि ही दी जा रही है।

हालांकि फॉर्म की लागत भी इतनी ही आती है। बावजूद इसके लगभग ढाई से तीन गुना अधिक की राशि पर छपाई का ठेका दिया गया और इसके एवज में करोड़ों रुपए की कमाई उक्त ठेकेदार की करवा दी जाएगी, क्योंकि 11 करोड़ से अधिक फॉर्म सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए छप रहे हैं और सभी बूथों पर ये फॉर्म पहुंचाना है। 1 रुपए 39 पैसे प्रति फॉर्म में दिया गया यह ठेका फिलहाल चर्चा में है और अधिकारी ही एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि आखिर ये ठेकेदार अतुल मेहता है कौन, जिस पर आयोग ने एकाएक इतनी मेहरबानी कर दी।

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