एकल नल जल ग्राम परियोजना के क्रियान्वयन पर कार्यशाला आयोजित...
जल जीवन मिशन के कार्यों को समय और गुणवत्ता के साथ करना ही हम सबकी प्राथमिकता : कलेक्टर
ग्वालियर। जल जीवन मिशन के अंतर्गत एकल गान परियोजना के माध्यम से लोगों को पर्याप्त और शुद्ध पेयजल नल की टोंटी के माध्यम से उपलब्ध कराना नल-जल योजना का मुख्य उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा नल-जल योजना के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। योजना के क्रियान्वयन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ-साथ महिला बाल विकास, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों की भी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। एकल ग्राम योजनाओं के क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ क्रियान्वित करना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। कलेक्टर रुचिका चौहान की अध्यक्षता में एकल ग्राम परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला में यह बात कही गई।
कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में शुक्रवार को आयोजित जल जीवन मिशन की एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सोजान सिंह रावत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य, यूनीसेफ के राज्य सलाहकार रविन्द्र परिहार, नोडल ऑफीसर वाल्मी मध्यप्रदेश विवेक भट्ट, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की कार्यपालन यंत्री मेघा सहित विभागीय अधिकारी एवं चुनी हुई पंचायतों के सरपंच, पंप ऑपरेटर एवं ग्राम स्तरीय समन्वयक उपस्थित थे।
कार्यशाला में राज्य सलाहकार यूनीसेफ रविन्द्र परिहार ने बताया कि मध्यप्रदेश में देवास एवं ग्वालियर के 10 – 10 ग्रामों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हाथ में लेकर इन ग्रामों में एकल नल जल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है। इन ग्रामों में ग्रामीणों की सहभागिता के साथ-साथ संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर आदर्श नल जल योजना के क्रियान्वयन का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उज्जैन एवं शिवपुरी जिले के 4 – 4 गाँवों को भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल कर योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये कार्य किया जा रहा है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि नल जल योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तर से नल जल योजनाओं के संधारण के लिये नई नीति निर्धारित की जा रही है। इस नीति के निर्धारण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिए गए ग्रामों के सार्थक परिणामों और अनुभवों को भी शामिल किया जायेगा।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि एकल गाम परियोजना के क्रियान्वयन, जल कर की राशि की वसूली, संधारण कार्य की व्यवस्था आदि पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत एकल ग्राम परियोजनायें बेहतर ढंग से संचालित हों और उसके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन ग्रामों में एकल नल जल योजना के तहत बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है, उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए ताकि अन्य लोग भी प्रेरित होकर अपने ग्राम की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये प्रेरित हों।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सोजान सिंह रावत ने कहा कि ग्वालियर जिले के एकल नल जल परियोजना का क्रियान्वयन कई ग्राम पंचायतों में बेहतर ढंग से किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में जल कर की वसूली को भी और बेहतर करने के लिये सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। पंचायत के माध्यम से जो जल कर की राशि वसूल की जा रही है उसे और पारदर्शी बनाने की दिशा में भी सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यशाला में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य ने भी विभाग के माध्यम से जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर से जो नल जल योजनायें ग्राम पंचायत को हैंडओवर हो चुकी हैं उनके संधारण के लिये भी नीति निर्धारण का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। यूनीसेफ के सहयोग से ग्वालियर एवं देवास में 10 – 10 ग्राम पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजनाओं के क्रियान्वयन का जो कार्य किया जा रहा है उसके परिणाम एवं अनुभवों को भी नई नीति में अध्ययन कर उपयोग किया जायेगा।
यूनीसेफ के प्रतिनिधि रविन्द्र परिहार ने यूनीसेफ के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देश भर में संचालित नल जल योजना के क्रियान्वयन में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। नोडल ऑफीसर वाल्मी मध्यप्रदेश विवेक भट्ट ने भी योजनाओं के संधारण के लिये शासन स्तर से बनाई जा रही नई नीति के संबंध में प्रकाश डाला। कार्यशाला में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मैदानी अमले के साथ-साथ सरपंच रामसेवक पाल, लोकेन्द्र सिंह पाल, पंप ऑपरेटर धीरज परिहार, राकेश जाटव एवं कमलेश जाटव के साथ ही मथुरा प्रसाद ने भी एकल नल जल ग्राम परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में अपने-अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मेघा ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।










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