भारत सरकार के गृहमंत्री ने पूरी दुनिया को संदेश देने कही ये बात ...
आतंकियों को ऐसी सजा दी जाएगी कि दोबारा कोई भी हमला करने की हिमाकत नहीं करेगा :गृहमंत्री
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली ब्लास्ट को लेकर कहा है कि दोषियों को ऐसी सजा दी जाएगी कि कोई दोबारा हमला करने की हिमाकत नहीं करेगा। अमित शाह ने गुजरात में मोती भाई चौधरी सागर सैनिक स्कूल के उद्घाटन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलने से दुनिया को यह संदेश जाएगा कि किसी को भी दोबारा ऐसे हमले के बारे में सोचने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने लाल किले के निकट कार विस्फोट में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की।
शाह ने गुरुवार को कहा, "इस कायराना कृत्य को अंजाम देने वाले और इसके पीछे जो भी लोग हैं, उन सभी को कानून के दायरे में लाया जाएगा और उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। भारत सरकार और गृह मंत्रालय इसे सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
सोमवार सुबह हुआ था ब्लास्ट
दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम एक धीमी गति से चल रही हुंडई i20 कार में एक जोरदार विस्फोट हुआ, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। विस्फोट ने आस-पास के कई वाहनों को भी अपनी चपेट में ले लिया। शुरुआती जांच में इस विस्फोट का संबंध फरीदाबाद में हाल ही में उजागर हुए एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा पाया गया है। कई संदिग्धों को पहले ही हिरासत में ले लिया गया है और अधिकारी हमले के पीछे के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए व्यापक जांच कर रहे हैं।
अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े तार
फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय भी जांच के घेरे में आ गया है। विस्फोट के सिलसिले में संस्थान से जुड़े कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। इसके जवाब में, सरकार ने विश्वविद्यालय के सभी रिकॉर्डों का फोरेंसिक ऑडिट कराने की घोषणा की है। वहीं, मद्देनजर प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों को संस्थान के वित्तीय लेन-देन की जांच करने का निर्देश दिया गया है। बुधवार को कैबिनेट ने दिल्ली विस्फोट को एक आतंकवादी घटना घोषित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई बैठक में कैबिनेट ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा। प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई और कैबिनेट ने सर्वसम्मति से इस बात पर जोर दिया कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।










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