महाराष्ट्र के नगर पंचायत चुनाव में ...
बीजेपी का 'निर्विरोध मॉडल',बिना चुनाव लड़े 4 जिलों में मिली बंपर जीत !
मुंबई। महाराष्ट्र में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के चुनावों में इस बार बीजेपी स्पष्ट रूप से निर्विरोध जीत का पैटर्न अपना रही है। राज्यभर में नगरपंचायतों और नगरपरिषदों के चुनावों में पार्टी के कई उम्मीदवार बिना मुकाबले ही विजयी हो रहे हैं। चुनावों से पहले बीजेपी ने अनेक पूर्व विधायकों और जिलों के प्रभावी नेताओं को अपने खेमे में शामिल किया था, अब उसके नतीजे साफ दिख रहे हैं।
जामनेर में मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन निर्विरोध विजेता
जलगांव जिले की जामनेर नगरपालिका में मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन नगराध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुनी गईं। महाविकास आघाड़ी की उम्मीदवार ज्योत्स्ना विसपुते ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके बाद साधना महाजन की जीत तय हो गई। जामनेर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में विजय उत्सव मनाया।
धुले और सोलापुर में भी “बिना मुकाबले” जीत...
- • धुले जिले के दोंडाई में मंत्री जयकुमार रावल की मातोश्री नयन कुमार रावल निर्विरोध विजयी रहीं।
- • सोलापुर के अनगर नगरपंचायत में पूर्व विधायक राजन पाटिल की बहू प्राजक्ता पाटिल पहले ही बिना मुकाबले जीत दर्ज कर चुकी हैं।
जलगांव, धुले और सोलापुर, इन तीनों सीटों में एक समान बात ये है कि इन तीनों सीटों की विजेता महिलाएं हैं और उनमें से दो सीधे राज्य मंत्रियों के परिवार से हैं।
चिखलदरा में भी बीजेपी का निर्विरोध जलवा
अमरावती जिले के चिखलदरा नगर परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कजिन भाई आल्हाद कलोती भी निर्विरोध जीतते दिखे। बताया जा रहा है कि इस जीत में विधायक रवी राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जीत की सूचना उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री फडणवीस को फोन पर दी।
बीजेपी का निर्विरोध चुनाव पैटर्न राज्यभर में प्रभावी
सोलापुर, धुले, जलगांव और अमरावती इन जिलों में लगातार मिल रही निर्विरोध जीतों ने यह संकेत दे दिया है कि स्थानीय निकायों में बीजेपी का यह “निर्विरोध मॉडल” रणनीतिक रूप से सफल हो रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक...
- • विपक्ष द्वारा नामांकन वापस लेना
- • स्थानीय नेतृत्व पर पकड़
- • और सत्तारूढ़ प्रभाव
ये सबकुछ बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है।










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