जम्मू-कश्मीर में टेररिज्म पर करारा प्रहार...
पुलिस ने ताबड़तोड़ सर्च ऑपरेशन चलाया,आतंक के 100 मददगारों के घरों में छापेमारी !
90 के दशक में या इसके पहले पाकिस्तान या पीओके में घुसपैठ करके गए और अब वहां से आतंकी कमांडरों के रूप में काम कर रहे लोगों की संपत्तियों की तलाशी ली गई. पुलिस के अनुसार, वे स्लीपर सेल, भर्ती मॉड्यूल और लॉजिस्टिक समर्थकों का आयोजन करते हैं जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को आतंकी घटनाओं के लिए मदद करते हैं.
जम्मू- कश्मीर के अलग-अलग जिलों में आतंकियों का समर्थन करने वाले लोगों के घरों में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ताबड़तोड़ सर्च ऑपरेशन चलाया. जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस आतंक विरोधी अभियान में उन लोगों की 100 से ज़्यादा घरों की तलाशी ली गई जो 90 के दशक में दशकों पहले पाकिस्तान या पीओके में घुसपैठ करके गए थे और अब आतंकी कमांडरों के रूप में जम्मू-कश्मीर में रहकर भारत विरोधी अभियानों को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस ने कई एजेंसियों की मदद से ये सर्च ऑपरेशन चलाया और पीओके या पाकिस्तान से घुसपैठ करके यहां रह रहे लोगों की संपत्तियों को निशाना बनाया.
ये व्यापक अभियान सीमा पार से चल रही आतंकी साजिश का एक रणनीतिक जवाब हैं जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक, वित्त और संचार माध्यमों सहित पूरे आतंकी तंत्र को ध्वस्त करना है. हाल ही में हुई महत्वपूर्ण सूचनाओं और आतंकी गतिविधियों के बारे में मिले इनपुट के बाद यह तेज कार्रवाई की गई है. ये तलाशी गांदरबल, शोपियां, कुलगाम, बारामूला, सोपोर और अनंतनाग सहित कश्मीर घाटी के कई जिलों में की गई.
घुसपैठियों की संपत्तियां निशाने पर
90 के दशक में या इसके पहले पाकिस्तान या पीओके में घुसपैठ करके गए और अब वहां से आतंकी कमांडरों के रूप में काम कर रहे लोगों की संपत्तियों की तलाशी ली गई. पुलिस के अनुसार, वे स्लीपर सेल, भर्ती मॉड्यूल और लॉजिस्टिक समर्थकों का आयोजन करते हैं जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को आतंकी घटनाओं के लिए मदद करते हैं. पुलिस का कहना है कि वे जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के समन्वय, वित्तपोषण और क्रियान्वयन के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने में शामिल हैं.
पुलिस ने कई एजेंसियों के साथ मिलकर ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन चलाया
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी तंत्र को ध्वस्त करने के लिए, ये अभियान जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा राज्य जांच एजेंसी (एसआईए), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), और जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) शाखा की सहायता से समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं. इन अभियानों ने आज अधिकतम प्रभाव डालने और सूचना लीक को रोकने के लिए कई जिलों में समन्वित, अचानक औचक तलाशी छापेमारी की. ये अभियान विशिष्ट खुफिया सूचनाओं पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं, जो अक्सर डिजिटल उपकरणों के विश्लेषण, सोशल मीडिया निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी एकत्र करने से प्राप्त होते हैं.
छापों के दौरान मिली आपत्तिजनक सामग्री
सूत्रों ने बताया कि छापों के दौरान, फोरेंसिक विश्लेषण के लिए आपत्तिजनक सामग्री, बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए जाते हैं. परिवार के सदस्यों और कुछ संदिग्धों से भी पूछताछ की गई. इससे पहले, अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी आकाओं की दर्जनों संपत्तियां जब्त की थीं, जिससे उनके समर्थकों को कड़ा संदेश गया था. चल रही जांच से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आकाओं ने हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थ गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल और संचार व वित्तपोषण के लिए क्रिप्टोकरेंसी और विशिष्ट मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल जैसे अत्याधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया है.
आतंकी मॉड्यूल को नष्ट करने के लिए सफल अभियान
कई आतंकी मॉड्यूल को नष्ट करने और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए ठोस सबूत जुटाने में कई सफल अभियान चलाए गए हैं. इस बड़े पैमाने पर कार्रवाई के अलावा, जम्मू-कश्मीर में दो और आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए गए. 2 आतंकवादी मारे गए और 2 जेलों की तलाशी ली गई. कश्मीर में एक घुसपैठ-रोधी अभियान 'ऑपरेशन पिंपल' कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में एक विशेष सूचना मिलने के बाद शुरू किया गया था.










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