अफसरों को उनकी करतूतों की मिली सजा...
टीआई वर्मा बने एसआई और एएसआई शर्मा हो गए आरक्षक !
इंदौर। शुक्रवार को टीआई वर्मा को दो साल के लिए और एएसआई शर्मा को पांच साल के लिए पदावनत कर दिया। इस केस में एक आरक्षक को बर्खास्त किया जा चुका है। वर्मा साल 1994 में सब इंस्पेक्टर बने थे।
दुष्कर्म के एक मामले में महिला की शिकायत के बाद आरोपी से 20 लाख रुपये लेकर केस रफादफा करने के मामले में पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने कड़ा कदम उठाया है।जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने एमआईजी थाने के पूर्व टीआई अजय वर्मा को पदावनत करते हुए उन्हें सब इंस्पेक्टर बना दिया गया है, जबकि इसी थाने के एएसआई धीरज शर्मा को आरक्षक बना दिया गया है।
दुष्कर्म का यह मामला 2022 को है। एक पीड़ित महिला ने एमआईजी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में वर्मा, शर्मा व एक अन्य आरक्षक ने आरोपी पक्ष से सांठगांठ कर मामले को रफादफा किया। यह मामला उजागर होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आंतरिक जांच के आदेश दिए थे। साथ ही रिश्वत के आरोपी पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया था।
इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने शुक्रवार को टीआई वर्मा को दो साल के लिए और एएसआई शर्मा को पांच साल के लिए पदावनत कर दिया। इस केस में एक आरक्षक को बर्खास्त किया जा चुका है। वर्मा साल 1994 में सब इंस्पेक्टर बने थे। वर्ष 2021 में उन्हें थाना प्रभारी बनाया था। वे डीएसपी बनने की दौड़ में थे,लेकिन दो साल बाद सब इंस्पेक्टर पद से ही सेवानिवृत होंगे। एएसआई धीरज शर्मा वर्ष 2007 में आरक्षक बना था। फिर पदोन्नति हुई, लेकिन अब फिर आरक्षक बन गया।










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