पराली जलाने से घटती है खेत की उर्वरा शक्ति ...
पराली जलाना दण्डनीय अपराध, पराली जलाने वालों पर लगेगा जुर्माना : ग्वालियर कलेक्टर
ग्वालियर। पराली व नरवाई (फसल अवशेष) जलाना दण्डनीय अपराध है। जिले में पराली जलाने वालों पर जुर्माना लगाया जायेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के तहत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती चौहान द्वारा इस आशय का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने यह आदेश फसल के अवशेष जलाने से फैलने वाले प्रदूषण पर अंकुश, अग्नि दुर्घटनाएँ रोकने एवं जान-माल की रक्षा के उद्देश्य से जारी किया है। आदेश के पालन के लिये जिला दण्डाधिकारी द्वारा संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में समितियाँ भी गठित कर दी हैं। साथ ही उप संचालक किसान कल्याण व कृषि विभाग को प्रतिदिन की कार्यवाही की जानकारी संकलित कर कलेक्ट्रेट कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पराली जलाने वालों पर दो एकड़ से कम भूमि धारक को 2500 रूपए प्रति घटना, दो एकड़ से अधिक व पाँच एकड़ से कम भूमि धारक को 5 हजार रूपए प्रति घटना एवं पाँच एकड़ से अधिक भूमि धारक को 15 हजार रूपए प्रति घटना पर्यावरण मुआवजा देना होगा। जिले के किसानों से अपील की गई है कि वे अपने खेतों में पराली व नरवाई इत्यादि फसल अवशेष न जलाएं, इससे पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचती है। साथ ही खेत की मिट्टी के लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु मर जाते हैं।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पराली जलाने से भूमि में अम्लीयता बढती है, जिससे मृदा को अत्यधिक क्षति पहुँचती है । सूक्ष्म जीवाणुओं की सक्रियता घटने लगती है एवं भूमि की जलधारण क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पडता है ।
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