मिलेगी मुसलमानों को राहत या पूरी तरह से कानून का करना होगा पालन ...
वक्फ संशोधन कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी फैसला !
वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम्स के द्वारा पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन किये गए . इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा था. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज (15 सिंतबर) को फैसला सुनाएगी. इसी साल अप्रैल के महीने में वक्फ संशोधन अधिनियम दोनों सदनों से बहुमत के साथ पास कर दिया गया, जिसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के साथ यह एक कानून बन गया.
वहीं, विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन के लोग इस कानून के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर कई राउंड की सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रख लिया. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज (15 सितंबर) को फैसला देने वाली है. वक्फ संशोधन कानून पर चल रहे मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस BR गवई कर रहे हैं. इससे पहले चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की सदारत में इस मामले में सुनवाई हो चुकी है. लेकिन उनके कार्यकाल खत्म होने की वजह से इस मामले को BR गवई की सदारत वाली पीठ के लिए सुचीबद्ध कर दिया गया.
BR गवई ने मई के महिने में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका सुनवाई की. 20 मई को इस मामले पर विस्तृत सुनवाई करने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसले को सुरक्षित रख लिया. सुप्री कोर्ट इस मामले पर आज फैसला सुनाएगी.
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश भर में व्यापक प्रदर्शन हुए और मुसलमानों को भारी तादाद में जेल जाना पड़ा. इस कानून में सरकार की ओर से कई ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं, जो विवाद को जन्म देते हैं. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि सरकार अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करना चाहती है. मुस्लिम संगठन के लोग इस कानून को अपने अधिकारों पर हमला बता रहे हैं.
मुस्लिम संगठनों का मुख्य आपत्ति वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम अधिकारियों की नियुक्ति के प्रावधान को लेकर है. दूसरी आपत्ति वक्फ बाय यूजर को खत्म करने को लेकर है. तीसरी आपत्ति यह है कि अगर कोई इंसान वक्फ बोर्ड को दान देना चाहता है, तो उस इंसान का मुसलमान होना जरूरी है, साथ ही लगभग पांच सालों तक मुसलमान के रूप जीवन गुजार चुका हो. ऐसी ही कुछ और प्रावधानों को लेकर विपक्ष और मुस्लिम समुदाय के लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं.










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