कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की परफार्मेंस रिपोर्ट तैयार
खराब परफार्मेंस वाले अफसरों को हटाकर उनकी जगह युवा अफसरों को किया जायेगा पदस्थ !
भोपाल। मप्र में सरकार नए सिरे से मैदानी अफसरों की पदस्थापना करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की परफार्मेंस रिपोर्ट तैयार करवाई गई है। सूत्रों का कहना है कि जिन अफसरों की परफार्मेंस खराब है उन्हें हटाया जाएगा और उनकी जगह युवा अफसरों को पदस्थ किया जाएगा। उच्च स्तर पर हुई बैठकों में यह तय किया गया है कि नए और युवा अधिकारियों को जिम्मेदारी देकर प्रशासनिक व्यवस्था में नई ऊर्जा लाई जाए।
सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शन और कार्यकुशलता को देखते हुए अधिकारियों की पदस्थापना होगी। गौरतलब है कि करीब 7 महीने पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अफसरों से रिजल्ट ओरिएंटेड कार्यशैली अपनाने की अपील की थी। दरअसल, सरकार का फोकस इस बात पर है कि आगामी चुनाव तक प्रदेश में विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाए। इसके लिए सरकार फील्ड में रिजल्ट ओरिएंटेड अफसरों को तैनात करना चाहती है। इसके लिए सरकार जल्द ही बड़े स्तर पर अधिकारियों को इधर-उधर करने की तैयारी में है।
इसमें युवा अधिकारियों को नई जिम्मेदारी और खराब परफार्मेंस वाले कलेक्टरों को हटाने की तैयारी है। कई जिलों में अधिकारियों के पद लंबे समय से खाली हैं, वहां प्रभारी के भरोसे काम चल रहा है। उज्जैन में एडिशनल कमिश्नर रत्नाकर झा एक महीने से प्रभारी कमिश्नर के रूप में काम कर रहे हैं। यहां संभागयुक्त संजय गुप्ता के पिछले माह सेवानिवृत्त निवृत्त होने के बाद किसी की पदस्थापना नहीं हुई है। वहीं, कई जिलों में जिला पंचायत सीईओ के पद भी खाली हैं।
जानकारी के अनुसार सितंबर माह के पहले सप्ताह में नई पदस्थापना के आदेश जारी हो सकते हैं। इंदौर को भी नया कलेक्टर मिल सकता है। वर्तमान कलेक्टर आशीष सिंह को उज्जैन का संभागायुक्त बनाया जा सकता है। वहीं, अच्छा परफार्मेंस नहीं देने वाले करीब एक दर्जन से ज्यादा जिलों के कलेक्टरों को हटाने की भी चर्चा है। इनमें कई कलेक्टरों की जनप्रतिनिधियों से मिली शिकायत के बाद उनकी कार्यप्रणाली और उनके कामकाज का आकलन किया गया है। साथ ही कई कलेक्टर को लंबा समय हो गया, उनको अब नई पदस्थापना दी जाएगी।
फेरबदल की तैयारी केवल जिलों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सचिवालय स्तर पर भी बदलाव की संभावना है। बताया जा रहा है कि प्रमुख सचिव और सचिव स्तर पर भी अधिकारियों की अदला-बदली की जा सकती है। गृह विभाग के अपर सचिव जेएन कंसोटिया सेवानिवृत्त हो गए है, उनकी जगह पर नए गृह सचिव की भी पदस्थापना हो सकती है। चर्चा है कि अशोक वर्णवाल या अनुपम राजन को गृह विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पूरा फोकस इस बात पर है कि योजनाओं के क्रियान्वयन किसी भी प्रकार की देरी न हो।
इसलिए सरकार ने मैदानी अफसरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करवाई है। मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है कि जनहित से जुड़ी योजनाओं में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए और सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर जनता तक पहुंचे, इसके लिए अफसरों को बेहतर तालमेल और समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों से रिजल्ट ओरिएंटेड कार्यशैली अपनाने और योजनाओं के समयबद्ध निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
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