G News 24 : अगर भक्ति केवल दिखावे तक सिमट जाए और यदि सेवा पीड़ित तक न पहुँचे तो भक्ति अधूरी है !

 गणेश जी की आराधना और माँ दुर्गा की भक्ति का सच्चा अर्थ है दीन-दुखियों का सहारा बनना ...

अगर भक्ति केवल दिखावे तक सिमट जाए और यदि सेवा पीड़ित तक न पहुँचे तो भक्ति अधूरी है !

"अगर भक्ति केवल दिखावे तक सिमट जाए और सेवा पीड़ित तक न पहुँचे, 

तो त्योहार की रौशनी अधूरी ही रह जाएगी।"

देश इन दिनों उत्सवों के रंग में डूबा हुआ है—गणेशोत्सव की आरती, नवरात्रों की भव्य सजावट और जगह-जगह भंडारों की दिव्यता… लेकिन इस रौशनी के बीच एक सच्चाई अंधेरे की तरह सामने खड़ी है—बाढ़ से बेहाल लाखों परिवार, जिनके घर टूट गए, जिनके बच्चे भूख और प्यास से तड़प रहे हैं।

त्यौहारों का संदेश ही “भक्ति और सेवा” है। भक्ति तभी पूर्ण होती है जब उसमें करुणा जुड़ी हो, और सेवा तभी सार्थक होती है जब वह पीड़ित तक पहुंचे। ऐसे में, समाज और धार्मिक आयोजन समितियों से एक मार्मिक अपील है।

यह कदम केवल परंपरा निभाने से कहीं बड़ा पुण्य होगा। मंदिर में दिया गया प्रसाद, पीड़ितों तक पहुँचने वाला भोजन बन सकता है; दान की हर थाली, किसी भूखे बच्चे की मुस्कान में बदल सकती है।

गणेश जी की आराधना और माँ दुर्गा की भक्ति का सच्चा अर्थ है—दुखियों का सहारा बनना। आइए, इस बार त्यौहार का प्रकाश बाढ़ पीड़ितों के अंधेरे घरों तक पहुँचाएँ। यही असली पुण्य, यही असली सेवा, यही असली उत्सव होगा।

  • भंडारे ज़रूर कीजिए, लेकिन केवल कन्या भोज तक सीमित रखिए।
  • भंडारे के लिए एकत्रित शेष सामग्री, पैसा और अनाज—बाढ़ पीड़ितों तक पहुँचाइए।
  • "सही दान वहीं, जहाँ सच्ची ज़रूरत हो"
  • भंडारे की परंपरा बनी रहे - कन्या भोज से।
  • अतिरिक्त अनाज, सामग्री और चंदा - सीधे बाढ़ प्रभावितों तक।
  • धार्मिक आयोजन -समाज को राहत का मजबूत सहारा बन सकते हैं।

एक अपील : देश में इस समय त्योहारी सीजन चल रहा है, गणेश उत्सव,नवरात्रों आदि के दौरान लगभग सभी जगह विशाल भंडारे करवाई जा रहे हैं, वही दूसरी ओर देश अधिकतर स्थानों पर बाढ़ जैसी आपदा से भी जूझ रहा है। लाखों लोग भूख प्यास से बेहाल है। इसलिए सभी धार्मिक आयोजन समितियां से एक मार्मिक अपील है, कि भंडारे करवाने वाले सभी भाई केवल कन्या भोज करवाएं और भंडारे के लिए एकत्रित की गई शेष बची हुई सामग्री पैसे आदि जो शेष बचे उसे बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाएं, इससे आपका दान पुण्य सही जगह तक पहुंचेगा और जरूरतमंदों को भोजन पानी शिवम होना उनकी जरूरत का सामान मिल सकेगा ! यदि आप मेरे विचारों से सहमत हैं तो प्लीज एक कमेंट जरूर कीजिए और आगे लोगों को प्रेरित करें...दिव्या सिंह 

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