कलेक्टर श्रीमती चौहान का मार्गदर्शन बना संबल...
ग्वालियर की महिलाओं ने प्राकृतिक पेंट से रची आत्मनिर्भरता की कहानी
ग्वालियर। ग्वालियर जिले की आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने प्राकृतिक पेंट बनाकर एक अनोखी और सफल पहल की है। इस पहल से महिलाओं को न केवल अतिरिक्त आय का साधन मिला है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान हुआ है। यह पेंट गोबर से बनाया जाता है तथा इसमें किसी भी प्रकार का हानिकारक केमिकल उपयोग नहीं होता। इस कारण यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और दीवारों को आकर्षक रंग भी प्रदान करता है। इसके साथ ही मात्र 4 घंटे में दीवार पर लगा पेंट सूख भी जाता है।
कलेक्टर रुचिका चौहान के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से इस पहल ने गति पकड़ी है । उन्होंने न केवल महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रेरित किया बल्कि तकनीकी प्रशिक्षण एवं विपणन (मार्केटिंग) में भी आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया। जिले के भितरवार ब्लॉक के ग्राम करहिया में गठित खेड़ापति स्व-सहायता समूह के सक्रिय सदस्यों ने आजीविका मिशन के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की सच्ची मिसाल पेश की है। प्राकृतिक पेंट का उत्पादन स्थानीय स्तर पर रोजगार देगा और भविष्य में यह बड़े स्तर पर पर्यावरण के अनुकूल विकल्प साबित होगा। महिलाओं के समूह इस पहल से आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
श्रीमती संध्या कहती हैं कि हम पहले केवल घर तक सीमित थे, लेकिन अब अपने हाथों से बने पेंट को बेचकर आमदनी हो रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्च में मदद मिल रही है। प्राकृतिक पेंट बनाने की ट्रेनिंग से हमें नया हुनर मिला है। लोग हमारे पेंट की सराहना कर रहे हैं, जिससे हमें आगे और काम करने की प्रेरणा मिलती है। प्रशासन अब इस उत्पाद को सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों में भी उपयोग हेतु बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठा रहा है। यह पहल आने वाले दिनों में प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा बनेगी।
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