राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन 2025 शान्तिवन, आबूरोड में सफलता पूर्वक सम्पन्न...
"समाज में शान्ति, एकता और विश्वास को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका" विषय पर हुआ गहन मंथन
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया विंग द्वारा मुख्यालय शान्तिवन परिसर, आबूरोड में 26 से 30 सितम्बर 2025 तक आयोजित 5-दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य विषय “समाज में शान्ति, एकता और विश्वास को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका” रहा, जिसके अंतर्गत आध्यात्मिकता, ध्यान, आत्म-खोज, राजयोग के चमत्कार, कर्म दर्शन, पारदर्शिता, जिम्मेदार पत्रकारिता, डिजिटल डिटॉक्स एवं AI युग की मीडिया नैतिकता जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
विचार-विमर्श के उपरांत सर्वसम्मति से एक व्यावहारिक कार्ययोजना (Action Plan) तैयार की गई, जिसके मुख्य बिंदु इस प्रकार रहे -
- यह स्वीकार किया गया कि विश्व की वर्तमान स्थिति के लिए स्वयं मनुष्य ही जिम्मेदार है, न कि कोई सर्वोच्च सत्ता; इसलिए परिवर्तन की शुरुआत स्वयं को बदलने से करने का संकल्प लिया गया। मीडियाकर्मियों ने अपनी रिपोर्टिंग में सटीकता, पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु आचार संहिता लागू करने पर सहमति दी।
- शांतिपूर्ण और सुखी जीवन हेतु प्रतिभागियों ने आध्यात्मिक साधना के माध्यम से क्रोध, लोभ, वासना जैसी व्यक्तिगत कमजोरियों को दूर करने का संकल्प लिया, जिससे सामंजस्यपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहन मिला।
- यह निर्णय लिया गया कि मीडिया को अपनी सामग्री में सामाजिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय और मानवीय मुद्दों को अधिक स्थान देना चाहिए, ताकि समाज में एकता और विश्वास को मजबूती मिल सके।
- "शांति लोगों के मन में ही प्रारंभ होती है" — इस सिद्धांत को स्वीकारते हुए मीडियाकर्मियों ने ध्यान को अपने दैनिक जीवन और कार्यशैली में शामिल करने का निश्चय किया, जिससे आंतरिक सशक्तिकरण के साथ पेशेवर उत्कृष्टता भी प्राप्त हो सके।
- तथ्यों की जांच एवं गलत सूचनाओं से बचाव के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उन्नत तकनीकों के प्रयोग को प्रोत्साहित किया गया, विशेषकर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर गोपनीयता की सुरक्षा के लिए।
- यह निर्णय लिया गया कि स्थानीय रेडियो, पॉडकास्ट और नागरिक पत्रकारिता को मजबूत कर जनभागीदारी आधारित समाधानमुखी मीडिया मॉडल विकसित किया जाएगा, जिसमें वास्तविक आवाजों और सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को प्राथमिकता दी जाएगी।
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